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कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को मिली मंजूरी, जाने कितनी होगी इसकी कीमत?

नए साल के मौके पर ही कोरोना वैक्सीन से जुड़ी एक बड़ी खुशखबरी भारत को मिल गयी। सूत्रों के मुताबिक,सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की कोविशील्ड को पैनल से मंजूरी के लिए सिफारिश मिल गई है,लेकिन अभी इस पर अंतिम फैसला लिया जाना बाकी है।

मिली जानकारी के मुताबिक, भारत को ऑक्सफोर्ड की इस वैक्सीन को आपात स्थिति में इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गयी है, जिसकी वजह से देश में जश्न का माहौल है। इसी बीच लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर कई तरह के सवाल पैदा हो रहे हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख सवालों के जवाब हमने ढूंढ़ने की कोशिश की है।

1. क्या वैक्सीन सभी को एक साथ दी जाएगी?

भारत सरकार ने कोरोना के टीकाकरण के लिए योजना बनाया है, जिसके तहत ही वैक्सीनेशन की प्रक्रिया होगी। ऐसे में,पहले समूह में हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल हैं, तो वहीं दूसरे समूह में 50 साल से ऊपर के लोग और 50 साल से कम उम्र के वैसे लोग शामिल हैं, जो बीमारियों से ग्रसित हैं।

2. क्या कोरोना वैक्सीन लेना अनिवार्य है?

यह पूरी तरह से स्वैच्छिक है। हालांकि, कोरोना के प्रसार को रोकने और खुद की सुरक्षा के लिए वैक्सीन लेने की सलाह दी जाती है, ताकि इस बीमारी को मात दिया जा सके।

3.सीरम वैक्सीन के कोई साइड इफेक्ट्स?

हर दवा का कोई न कोई साइड इफेक्ट्स ज़रूर होता है। ऐसे में इस वैक्सीन के भी साइड इफेक्ट्स हैं। जानकारी के मुताबिक, जिन लोगों को ट्रायल के दौरान वैक्सीन दी गई, उनमें से कुछ ने सिर दर्द और हल्के बुखार होने की बात कही, जो कुछ दिनों बाद ठीक हो गया।

4. भारत सरकार ने अब तक वैक्सीन के कितने डोज खरीदे?

सीरम इंस्टीट्यूट के पास 50 मिलियन डोज तैयार हैं, जोकि कुल 25 मिलियन लोगों को दी जा सकती हैं। भारत सरकार ने अभी 20 से 30 करोड़ वैक्सीन के लिए कॉन्ट्रैक्ट की बात कही है, लेकिन फिलहाल लिखित में कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

5. क्या दोनों डोज लेना जरूरी है?

भारत में सीरम इंस्टीट्यूट पूरी डोज के लिए अप्लाई कर रहा है, लेकिन लोगों से अनुरोध किया जा रहा है कि वे पहली डोज और दूसरी डोज में कुछ दिन का फर्क रखें।

ऐसे में, सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है कि लोगों को दोनों डोज लेना जरूरी है, वरना प्रोटेक्शन नहीं मिल पाएगी। दरअसल, दोनों डोज से ही कोरोना से लंबे समय तक सुरक्षा मिल सकेगी।

6. सीरम की वैक्सीन की कीमत क्या होगी?

जानकारी के मुताबिक, इंस्टीट्यूट भारत सरकार को एक डोज 200 रुपये में देगी यानी दो डोज की वैक्सीन 400 रुपये में दी जाएगी.हालांकि, यह दाम केवल सरकार के लिए है, लेकिन यदि कोई प्राइवेट कंपनी इसे खरीदती है, तो इसका मूल्य 2 हजार होगा। दरअसल, सरकार को करोड़ों डोज खरीदने के लिए छूट दिया जा रहा है।

7. कैसे रुकेगी वैक्सीन की कालाबाजारी?

चूंकि अभी वैक्सीन के डोज बहुत कम हैं। ऐसे में, कालाबाजारी होने की भी संभावनाएं हैं। सीरम की ओर से शुरुआत में सारी वैक्सीन सरकार को ही जाएगी, ऐसे में सरकार किन किन को वैक्सीन देती है यह सरकार पर ही निर्भर करेगा। हालांकि, इस दौरान लोगों की भीड़ का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा, ताकि भगदड़ न मचे।

8. क्या बहुत जल्द आ सकती है वैक्सीन?

वैक्सीन विभिन्न स्तर पर ट्रायल के फाइनल स्टेज में है, ऐसे में भारत सरकार जल्द ही टीकाकरण की अनुमति दे सकती है। बता दें कि यदि आपको वैक्सीन से संबंधित ज्यादा जानकारी चाहिए तो आप www.mohfw.gov.in पर विजिट कर सकते हैं।

9. कितनी सुरक्षित है सीरम की वैक्सीन?

इस वैक्सीन को बनाने में 9 महीने का वक्त लग गया है। ऐसे में, सेफ्टी का पूरा ध्यान दिया जा रहा है। बता दें कि हर वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स होते हैं, लेकिन कोरोना की वैक्सीन में अभी तक जान का कोई खतरा नहीं सामने नहीं आया है। ऐसे में, माना जा रहा है कि यह वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। और ट्रायल में भी कुछ खास असर देखने को नहीं मिला।

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