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दुनिया के सामने आई चीन के वुहान शहर की सच्चाई, यहां के 4.4 फीसदी लोगों को हो चुका है कोरोना

साल 2019 में चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस का पहला मामला पाया गया था और यहां से ही इस वायरस की शुरूआत हुई थी। आज पूरी दुनिया में ये वायरस फैल गया है और करोड़ों लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। जबकि कई लोगों की जान इस वायरस ने ले ली है। लेकिन चीन लगातार अपनी गलती छुपाने की कोशिश कर रहा है और ये मानने को तैयार नहीं है कि कोरोना वायरस वुहान शहर से ही दुनियाभर में फैलना शुरू हुआ था। हालांकि अब चीन की पोल एक बार फिर से खुल गई है और कई अध्ययनों में इस चीज की पुष्टि हुई है की चीन के वुहान से ही ये खतरनाक वायरस फैलना शुरू हुआ था और कोरोना के कारण ये शहर तबाह हो गया है।

वुहान के स्वास्थ्य आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार रविवार तक इस शहर में कोरोना के कुल 50,354 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि चीनी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के एक अध्ययन के मुताबिक, वुहान में करीब पांच लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। ये आंकड़ें यहां के आधिकारिक आंकड़ों से 10 गुना ज्यादा है। इस अध्ययन में 34,000 लोगों को शामिल किया गया था।

ये अध्ययन कोरोना संक्रमण की दर का अनुमान लगाने के लिए किया गया था। इस अध्ययन में वुहान, शंघाई, बीजिंग, हुबेई, गुआंग्डोंग, जिआंगसू, सिचुआन और लिओनिंग प्रांत के लोगों को शामिल किया गया था। इन लोगों के खून के नमूनों की जांच की गई थी और एंटीबॉडीज का पता लगाया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वुहान की आबादी 11 मिलियन यानी एक करोड़ 10 लाख है और शोध में पाया गया है कि यहां के 4.4 फीसदी लोगों के शरीर में एंटीबॉडीज बनीं हैं। वहीं आधिकारिक आंकड़ों में वुहान में कोरोना से ग्रस्त हुए लोगों की संख्या बेहद ही कम बताई गई हैं।

इस अध्ययन के अनुसार वुहान के बाहरी शहरों में कोरोना संक्रमण फैलने की दर काफी कम है। हुबेई प्रांत के दूसरे शहरों में किए गए सर्वे के अनुसार यहां महज 0.44 फीसदी लोगों में ही कोरोना की एंटीबॉडीज पाई गईं। वहीं इस प्रांत के बाहर किए गए सर्वे में 12,000 से अधिक लोगों में सिर्फ दो लोगों में ही एंटीबॉडीज पाई गईं। इन नतीजों से पता चलता है कि चीन का वुहान शहर अभी भी कोविड-19 की चपेट में है।

क्या होती है एंटीबॉडीज

किसी व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडीज मिलने का मतलब है कि वो व्यक्ति कभी न कभी वायरस से संक्रमित हुआ है और उसके रोग प्रतिरोधक तंत्र ने उस वायरस से निपटने के लिए एंटीबॉडीज बनाई हैं।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस को फैले हुए एक साल हो गए हैं। लेकिन अभी तक इसपर काबू नहीं पाया जा सका है। कई दवा कंपनियों की ओर से कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाई जा चुकी है। लेकिन अभी तक इन वैक्सीन का प्रयोग पूर्ण रूप से नहीं हो सका है। उम्मीद की जा रही है कि भारत में अगले साल से ये वैक्सीन लोगों को दी जाएगी।

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