अध्यात्म

पितृपक्ष में नए कपड़े, गाड़ी और गहने खरीदना शुभ होता है या नहीं? जानें पूरी सच्चाई

पितृ पक्ष को लेकर एक आम धारणा यही बनी है कि यह समय अशुभ होता है, इन 15 दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं करने चाहिए या कोई नई चीज नहीं खरीदनी चाहिए। मान्यता है कि इस दौरान पितर अपने परिजनों के यहां वास करते हैं, इसलिए कोई भी नई चीज नहीं खरीदना चाहिए। इन धारणाओं और मान्यताओं की वजह से पितृ पक्ष के 15 दिनों में कई तरह के कारोबार ठप पड़ जाते हैं। वहीं ज्योतिष शास्त्र में इन मान्यताओं को अनैतिक बताया गया है।

ज्योतिष शास्त्र कहता है कि पितृ पक्ष में कोई भी नया चीज खरीदना अशुभ नहीं है और ना ही पितृ पक्ष अशुभ होता है। बता दें कि शास्त्रों में भी पितृ पक्ष के अशुभ होने को लेकर कहीं कोई उल्लेख नहीं मिलता है। बहरहाल आइये जानते है, आखिर पितृ पक्ष में खऱीददारी करना शुभ होता है या अशुभ…

कई लोगों का मानना है कि पितृ पक्ष में पितृ अपने परिजनों के बीच आते हैं, ऐसे में इस दौरान जब कोई नई चीज खरीदते हैं तो वो चीज पितरों को समर्पित हो जाती है। इससे उस चीज में प्रेत का अंश आ जाता है। साथ ही कुछ लोग मानते हैं कि श्राद्ध कर्म करके इस समय पितरों की सेवा करनी चाहिए, ना कि किसी प्रकार के नए कपड़े, गाड़ी, गहने जैसी चीजों की खरीददारी  करनी  चाहिए। कहा जाता है कि नए चीजों की खरीद करने से पितृ नराज हो जाते हैं और वो आशीर्वाद नहीं देते, लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये सभी धारणाएं निराधार हैं और सरासर गलत हैं।

श्राद्ध पक्ष में न करें सिर्फ ये काम

कहा जाता है कि पितृ पक्ष में किसी भी प्रकार के अमानवीय और आपराधिक कार्यों से बचना चाहिए। इन 15 दिनों के दौरान किसी के बारे में भी बुरा न सोचें और ना ही करें। कई वेद और शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष भी दूसरे दिनों की तरह शुभ होते हैं क्योंकि इस समय हमारे पूर्वज हमारे घर आते हैं। कई विद्वानों का तो कहना है कि पितृ पक्ष खुशी का समय होता है।

घर में नई चीजें देख पूर्वज होते हैं खुश

15 दिनों तक चलने वाले पितृ पक्ष में सिर्फ मांगलिक कार्य जैसे विवाह, उपनयन संस्कार, भूमि पूजन, मुंडन, गृह प्रवेश आदि करना अशुभ होता है। ज्योतिषियों का कहना है कि पितृ पक्ष में नई चीजों की खरीददारी करनी चाहिए, क्योंकि जब पूर्वज अपने परिजनों के घर जाते हैं तो वहां नई वस्तु देखकर वो खुश होते हैं, उन्हें अपने बाल बच्चों की तरक्की देखना अच्छा लगता है। हालांकि इन 15 दिनों में पूर्वजों के लिए श्राद्ध, तर्पण और दान पुण्य जरूर करना चाहिए।

भगवान गणेश और मां दुर्गा का रहता है आशीर्वाद

श्राद्ध पक्ष को अशुभ मानना बिल्कुल गलत है, क्योंकि इसके शुरूआत में प्रथम पूज्य भगवान गणेशजी की पूजा होती है तो पितृ पक्ष खत्म होने के बाद सीधे नवरात्र शुरू हो जाते हैं। ज्योतिषियों का मत है कि श्राद्ध पक्ष से पहले गणेशजी की पूजा करते हैं, तो ये अशुभ कैसे हो सकता है, साथ ही इसके पीछे मां दुर्गा खड़ी हैं तो अशुभ होने का तो कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। बता दें कि पूरे समाज में श्राद्ध पक्ष को लेकर एक बहुत बड़ी गलतफहमी फैली हुई है कि इस समय नए कपड़े, गाड़ी, गहने आदि खरीदना वर्जित है।

श्राद्ध पक्ष में बन रहे हैं कई शुभ योग

इस बार पितृ पक्ष में सात सर्वार्थ सिद्धि योग, दोषसंघ विनाशक, दो रवियोग, एक त्रिपुष्कर योग है। साथ ही 13 सितंबर को रविपुष्प योग भी बन रहा है। इसके अलावा इस पक्ष में विश्वकर्मा पूजा भी है। लिहाजा श्राद्ध पश्र में पितरों की खूब कृपा बरसने वाली है, ऐसे में आप मांगलिक कार्यों को छोड़ नई चीजें खरीद सकते हैं।

बेहिचक करें खरीददारी

व्यापार में मुनाफे के लिए श्राद्ध पक्ष के 15 दिनों में व्यापारी कई तरह के बेहतरीन ऑफर लोगों के लिए निकालते हैं, ऐसे में बिना शक बाजार जाएं और खरीददारी करें। क्योंकि आप नई चीजें खरीदकर खुश होते हैं, तो पूर्वजों को देखकर भी खुशी मिलती है। ज्योतिषों का कहना है कि पूर्वजों को खुश करना ही श्राद्ध कर्म का मकसद होता है और ऐसा करने से किसी प्रकार का दोष नहीं लगता। साथ ही पूर्वज सुख समृद्धि और ऐश्वर्य का आशीर्वाद देकर जाते हैं।

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