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फिल्मों के वो सुपरस्टार जिन्हें करना पड़ा कंगाली का सामना, इस एक्टर को तो गिरवी रखना पड़ा था घर

बॉलीवुड की दुनिया ग्लैमर की दुनिया है और यहां अभिनय करने वाले एक्टर स्टार्स कहलाते हैं, वो सितारे जिन्हें आप दूर से देख सकते हैं लेकिन छू नहीं सकते। इन सितारों की लग्जीरियस लाइफस्टाइल हमेशा से फैंस का ध्यान खींचती आई है। हमारा फेवरेट सितारा कितने मंहगे घर में रहता है, कौन सा खाना खाता है, किस जगह घूमने जाता है ये सब हम देखकर जानकर हैरान हो जाते हैं। पर्दे के सामने या पर्दे के पीछे हमेशा से स्टार्स का बड़ा रुतबा रहा है, लेकिन कहते हैं ना कि बुरा वक्त तो किसी का भी आ सकता है। कुछ ऐसा ही हुआ बॉलीवुड के चंद बड़े सितारों के साथ जिन्हें अपनी जिंदगी में गरीबी और कंगाली झेलनी पड़ी। हालांकि उन्होंने हालात से लड़ाई लड़ी और खुद को उस तंगी से बाहर निकाला। आपको बताते हैं कौन से थे वो स्टार।

राज कपूर

बॉलीवुड के शो मैन और लेजेंडरी एक्टर-डायरेक्टर राज कपूर एक ब्रैंड के तौर पर पहचाने जाते थे। हालांकि उनके ऊपर ऐसी मुश्किलें दो बार आईं थीं जब कंगाली से बचने के लिए उन्हें किसी और से पैसे लेने पड़े। ऐसा पहली बार हुआ जब वो ‘आवारा’ की शूटिंग कर रहे थे, राज कपूर ने ‘घर आया मेरा परदेसी’ गाने के लिए बेहद ही शानदार सेट बनाया और इसके लिए करीब 8 लाख रुपए खर्च कर दिए। उनकी हालत ऐसी हो गई कि आगे की शूटिंग के लिए उनके पास पैसे तक नहीं बचे। राज कपूर पर बड़ी विपदा आ गई। उस वक्त नरगिस राज से प्यार करती थीं, उन्होंने फौरन अपने गहने बेचकर मदद की।

हालांकि बात यहीं तक नहीं रुकी। इसके बाद एक बार फिर ऐसा मौका आया जब राज कपूर कंगाली की हालत में पहुंच गए। दरअसल उन्होंने बहुत बड़े बजट की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ बनाई लेकिन लोगों को ये फिल्म समझ नहीं आई और वो बुरी तरह फ्लॉप हो गई। हालांकि ये अलग बात है कि बाद में 10 साल बाद दोबारा रिलीज पर और सोवियत संघ में उन्होंने पैसे कमाए लेकिन राज कपूर मुश्किल में आ गए। इसके बाद उन्होंने ‘सपनों का सौदागर’ भी बनाई लेकिन ये फिल्म हीं नहीं चली और ना ही ‘कल आज और कल’ को सफलता मिली। उन्होंने ऋषि कपूर लेकर ‘बॉबी’ फिल्म बनाई। हालांकि उनके पास पैसे की कमी थी तो इसमें बिजनेसमैन चुन्नी लाल कपाड़िया ने भी उनकी मदद की और इस फिल्म में उनकी बेटी डिंपल को बतौर हीरोइन ले लिया गया।फिल्म जबरदस्त हिट हुई और वो कर्जे से बाहर निकले।

प्राण

आज की जेनरेशन शायद ये नहीं जानती होगी कि आजादी से पहले 2 फिल्म इंडस्ट्री हुआ करती थी, एक लाहौर में दूसरी मुंबई में। उन दिनों लाहौर में पंजाबी फिल्में ज्यादा बनती थीं। उस वक्त प्राण लाहौर के बड़े स्टार थे, लेकिन जब बंटवारा हुआ तो प्राण से उनका सबकुछ छीन गया। लाहौर में उनका मकान, जायदाद सबकुछ था, लेकिन उन्हें ये सब छोड़कर इंदौर आना पड़ा। वो पहले इंदौर आए अपने एक रिश्तेदार के पास और फिर मुंबई पहुंचे। पहले तो वो एक फाइव स्टार होटल में रुके। उनके बीवी बच्चे और एक मेड उनके साथ थी। उन दिनों उन्हें फिल्में नहीं मिल रही थी और पैसे खत्म होते जा रहे थे।

इसके बाद वो 3 स्टार होटल में आए फिर एक गेस्ट हाउस में और फिर एक धर्मशाला में उन्हें रुकना पड़ा। वो एक स्टार थे लेकिन धीरे धीरे वो कंगाल होते जा रहे थे। प्राण ने कसम खा ली कि वो पाकिस्तान कभी नहीं जाएंगे और ना वो कभी गए। उस दौर में मंटो और एक्टर श्याम की मदद से उन्हें मिली फिल्म ‘जिद्दी’। इस फिल्म ने सिर्फ प्राण ही नहीं बल्कि देवानंद और कामिनी कौशल के लिए भी सफलता के रास्ते खोल दिए। इस फिल्म के रिलीज होते ही प्राण को एक हफ्ते में 3 और फिल्में मिल गई और उनकी जिंदगी फिर से ट्रैक पर आ गई। प्राण ने ही कभी मुसीबत में फंसे कपिल देव की भी ऐसी ही मदद की थी।

अमिताभ बच्चन

बिग बी 70 के दशक में फिल्मों मे आए और 80 के दशक आते-आते वो बड़े सुपरस्टार बन गए। सफलता उनके कदम चूम रही थी लेकिन एक वक्त ऐसा आया जब बदकिस्मती के काले बादल उन पर छा गए। अमिताभ बच्चन राजनीति में उतरे थे, लेकिन उन्हें वहां सफलता नहीं मिली। 1987 में उन्होंने एमपी के पद से इस्तीफा दिया और फिर फिल्में करने लगे। उन्होंने तूफान, हम, खुदागवाह और अग्निपथ जैसी फिल्मों में काम किया और फैंस को फिल्म पसंद भी आई। हालांकि बिग बी ने सोचा कि सिर्फ फिल्मों से पैसा कमाने से काम नहीं चलेगा तो उन्होंने बिजनेस का मूड बनाया।

1996 में बनाई गई अमिताभ बच्चन कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी एबीसीएल। इस कंपनी के तहत अरशद वारसी और चंद्रचूड़ जैसे चेहरों के साथ ‘तेरे मेरे सपने’ बनाई गई। ये फिल्म नहीं चली। इसके बाद उन्होंने खुद की फिल्म ‘मृत्युदाता’ को प्रोड्यूस किया, लेकिन सारे पैसे डूब गए। बिग बी ने एक चांस और लिया और बैंगलोर में एक मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता आयोजित करवाई। ये प्रोग्राम भी लोगों को पसंद नहीं आया और बिग बी को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ।

अमिताभ बच्चन सड़क पर आ गए उन्हें अपना बंगला गिरवी रखना पड़ा। उस वक्त उनकी मदद के लिए आगे आए सुब्रत राय और अमर सिंह। इसके बाद उन्हें टीवी शो मिला ‘केबीसी’। उन दिनों बड़े स्टार्स टीवी पर शो नहीं करते थे, लेकिन बिग बी इसके लिए खुशी खुशी तैयार हो गए। शो हिट रहा धीरे धीरे उन्होंने सारा कर्जा चुका लिया और बिजनेस से तौबा कर ली।

नरीमन ईरानी

फिल्म छैला बाबू, रोटी कपड़ा और मकान और सरस्वती चंद्र जैसे फिल्मों के मशहूर सिनेमेटोग्राफर नरीमन ईरानी भी किसी वक्त पैसे की तंगी से गुजर रहे थे। उनकी मदद के लिए अमिताभ, प्राण और जीनत अमान ने फिल्म ‘डॉन’ करने के लिए हां कह दी। उन्होंने केवल टोकन एमाउंट पर काम करने के लिए हां किया। इसी दौरान मनोज कुमार की फिल्म क्रांति की शूटिंग के दौरान अचानक एक दीवार गिरने से नरीमत ईरानी की मौत हो गई।

नरीमन के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। ऐसे में परिवार की मदद के लिए सभी ने बिना पैसे लिए उस फिल्म में काम किय। फिल्म को पूरा करने में तीन चार साल लग गए, लेकिन मनोज कुमार फिल्म डायरेक्टर चंद्रा बारोट की मदद से उस फिल्म को किसी भी तरह से पूरा करने की कोशिश में लगे रहे। अमिताभ और जीनत ने भी जरुरत के चलते अपने डेट्स इस फिल्म को दी और कई बार रीशूट किया। ये फिल्म बॉलीवुड की शानदार फिल्म बनीं और इस फिल्म की सफलता से नरीमन के परिवार की मदद हुई।

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