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कोरोना: यहां पिंजरे में कैद होकर पढ़ाई कर रहे बच्चे, तस्वीरों में देखे स्कूल के कड़े नियम

यहां बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए पिंजरे में कैद कर पढ़ाया जा रहा

कोरोना वायरस के चलते पूरी दुनिया अस्त व्यस्त हो गई है। अर्थव्यवस्था की हालत बहुत पतली है, ऊपर से बच्चों की पढ़ाई का नुकसान भी हो रहा है। जब कोरोना स्टार्टिंग में आया था तो लगभग सभी देशों ने सख्त लॉकडाउन लगाए थे। हालांकि इस वायरस की वैक्सीन आने में देरी को देखते हुए अब धीरे धीरे छूट दी जा रही है। हालांकि इस छूट के दौरान भी कुछ नियम कायदे हैं जिनका पालन सभी को करना पड़ता है। अब यह पूर्ण रूप से लोगों के हाथ में है यदि वे इसका सही से पालन करेंगे तो कोरोना के नए मामले नहीं आएंगे। अब थाईलैंड के इन स्कूलों को ही देख लीजिए।

थाईलैंड में जुलाई माह से स्कूल खुल चुके हैं। दिलचस्प बात ये है कि बच्चों के स्कूल आने के बाद भी यहां इनमें एक भी नया कोरोना पॉज़िटिव मामला नहीं देखा गया है। इसकी वजह इन स्कूलों में लागू सख्त नियम है।

हर क्लास में यहां एक बार में 25 बच्चों को ही एंट्री दी जाती है। स्कूल के दरवाजे, डेस्क और बाकी के एरिया को बार बार सैनिटाइज किया जाता है।

बच्चों को हरदम मास्क पहनना अनिवार्य है। खासकर किंडरगार्डन के बच्चों को कोई छूट नहीं दी जाती है। वे पढ़ने, खेलने और अन्य कार्यों के दौरान मास्क पहने रहते हैं।

स्कूल कोरोना वायरस से बचने के लिए एक नया आइडिया भी लाया है। उन्होने हर बच्चे की डेस्क पर एक प्लास्टिक स्क्रीन लगा दी है। बच्चों को पढ़ाई के दौरान इसी प्रोटेक्टिव स्क्रीन के अंदर रहना पड़ता है।

बच्चे चंचल स्वभाव के होते हैं। उनका आपस में मिलना जुलना रोकने के लिए यह प्लास्टिक प्रोटेक्टिव स्क्रीन बड़ी काम की है। इससे अच्छे से सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहती है।

क्लासरूम में जो डेस्क रखी गई है उनके बीच भी एक उचित दूरी है। इस तरह कोरोना के फैलने का खतरा न के बराबर होगा।

बता दें कि थाईलैंड में मार्च से ही स्कूल बंद थे। ऐसे में जब इन्हें जुलाई से खोला गया तो कुछ इस तरह की तैयारी की गई।

स्कूल ने हर क्लास के बाहर एक वाश बेसिन भी लगाया है। स्टूडेंट्स को क्लास में आने के पहले और जाने के बाद यहां अपने हाथ धोने पड़ते हैं।

जो छोटे बच्चे हैं उन्हें खिलाने के दौरान पिंजरों में रखा जाता है। यह पिंजरे उनके लिए एक तरह से शील्ड का काम करते हैं।

बता दें कि इन सख्त नियमों की बदौलत ही थाईलैंड में अभी तक सिर्फ 3,351 कोरोना पॉज़िटिव केस सामने आए हैं। इनमें से भी 3,160 कोरोना को हरा ठीक हो चुके हैं। वहीं इस वायरस की वजह से अभी तक यहां सिर्फ 58 जाने ही गई हैं।

थाईलैंड के स्कूल की यह तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रही है। जहां एक तरफ कुछ लोगों को यह तरीका पसंद आया तो वहीं कुछ का कहना है कि इस तरीके से बच्चों को ट्रीट करने पर उनके ऊपर बुरा असर पड़ सकता है। भारत में कुछ लोगों का कहना है कि यदि हमारे स्कूलों में ऐसी सख्ती होती है तो हम बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार हैं।

वैसे आपको क्या लगता है, क्या भारत में भी इस तरीके से स्कूल खुलने चाहिए?

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