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कोरोनिल की दवा को लेकर बाबा रामदेव का बड़ा दावा, कहा- रोजाना आ रही है 10 लाख पैकेट की मांग

योग गुरु रामदेव ने दावा किया है कि पतंजलि आयुर्वेद की और से बनाई गई कोरोनिल दवा की मांग तेजी से बढ़ रही है। बाबा राम देव के अनुसार इस दवाई के लिए हर दिन 10 लाख पैकेट की मांग मिल रही है, जो कि उनकी और से बनाई जा रही दवा की क्षमता से काफी अधिक है। जिसके कारण लोगों तक इस दवा की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।

रोज बन रहे हैं एक लाख पैकेट

राम देव ने दावा किया है कि उनकी कंपनी की और से रोज इस दवाई के एक लाख पैकेट बनाए जा रहे हैं। लेकिन उनकी कंपनी को कोरोनिल के लिए हर दिन 10 लाख पैकेट की मांग मिल रही है। गौरतलब है कि कुछ महीने पहले ही बाबा राम देव ने कोरोनिल दवा को लॉन्च किया था। इस दवा को लॉन्च करते हुए बाबा राम देव ने दावा किया था कि इसका सेवन करने से कोरोना दूर हो जाता है। राम देव के दावे के अनुसार इस दवाई की मदद से कोरोना वायरस नष्ट हो जाता है और कोरोना के मरीज सही हो जाते हैं। हालांकि इस दवाई को लेकर काफी विवाद हुआ था और आयुष मंत्रालय ने इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था।

आयुष मंत्रालय का कहना था कि इस दवा के लिए मंत्रालय से कोई भी अनुमति नहीं ली गई थी। जिसकी वजह से इस दवा पर प्रतिबंध लगाया गया था। हालांकि प्रतिबंध लगाने के बाद पतंजलि आयुर्वेद की और से इस दवा से जुड़े रिसर्च के पेपर मंत्रालय को सौंपे गए थे। इतना ही नहीं बाद में राम देव अपने बयान से भी पलट गए थे।

राम देव पहले ये दावा कर रहे थे कि ये दवा कोरोना के मरीजों का इलाज करने के लिए बनाई गई है। वहीं मंत्रालय की और से आपत्ति किए जाने पर राम देव ने कोरोनिल को इम्यूनिटी बूस्टर का नाम दे दिया और कहा कि इस दवा की मदद से कोविड-19 (Covid19) से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। ये एक इम्यूनिटी बूस्टर है। वहीं इम्यूनिटी बूस्टर कहने के बाद आयुष मंत्रालय की और से कोरोनिल को बेचने की अनुमति दी गई थी। वहीं अब राम देव का कहना है कि उनकी दवा की खूब मांग की जा रही है।

500 रुपए में बेची जा रही है ये दवा

राम देव ने कोरोनिल दवा की कीमत 500 रुपए रखी है। राम देव के अनुसार अगर वो कोरोनिल के दाम 5000 रुपये रखते, तो उन्हें आसानी से  5,000 करोड़ रुपये का मुनाफा हो जाता है। रामदेव ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौर में अगर इसकी अधिक कीमत, यहां तक कि 5000 रुपये लगाई होती। तो भी हम 5,000 करोड़ रुपये तक कमा सकते थे। लेकिन हमने ऐसा नहीं किया गया। ये दवा गरीब लोगों के लिए बनाई गई है। ताकि वो भी इसे खरीद सकें।

वहीं अपने ब्रांड के बारे में बात करते हुए इन्होंने कहा कि हमने अपने गाय के घी को 1,300-1,400 करोड़ रुपये का सालाना ब्रांड बनाया है। पतंजलि समूह का अनुमानित कारोबार लगभग 10,500 करोड़ है। गौरतलब है कि पंतजलि आयुर्वेद की और से कई सारे सामान बेचे जाते हैं और ये भारत का एक प्रसिद्ध ब्रांड बन गया है।

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