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कोरोना संकट के बीच 15 अगस्त से शुरू हो सकता है मानसून सत्र, इस तरह होगी बैठक व्यवस्था

कोरोना संकट के बीच मानसून सत्र कराने का फैसला लिया गया है और 15 अगस्त के बाद मानसून सत्र को शुरू किया जा सकता है। इस महीने से संसदीय समितियों (Parliamentary Committee) की बैठकें शुरू हो चुकी है और इन बैठकों के दौरान ही ये फैसला लिया गया है कि इस सत्र को अगस्त में शुरू किया जा सकता है। हालांकि सत्र करवाने को लेकर आखिरी फैसला सरकार की ओर से ही लिया जाएगा।

एक महीने का होगा मानसून सत्र

सूत्रों के अनुसार इस बार अगस्त के तीसरे सप्ताह में या फिर अंतिम सप्ताह में संसद का मानसून सत्र बुलाया जा सकता है और ये सत्र लगभग 1 महीने का होगा। मानसून सत्र करवाने को लेकर एक के बाद एक कई बैठकों का दौर जारी है। लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय ने भी कोरोना संकट में यही सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि ये सत्र आराम से किया जा सके। एक महीने में राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने लगातार कई सारी बैठक की है और संसदीय समितियों की बैठक बुलाने से लेकर मानसून सत्र में सांसदों को दिशानिर्देशों के अनुसार बैठाने पर चर्चा की है।

सोशल डिस्टन्सिंग का पूरा पालन किया जा सके इसलिए सभी सांसदों को 6 फीट की दूरी पर बैठाया जाएगा। सांसदों को दूरी पर बैठाने के लिए लोकसभा और राज्य सभा में सांसदों की गैलरी, स्पीकर गैलरी, दर्शक दीर्घा का उपयोग किया जा सकता है। साथ ही सांसदों को बैठने के लिए दोनों सदनों की इनर लॉबी का प्रयोग करने पर भी विचार किया गया है।

वर्चुअल स्क्रीन पर भी हो रहा है विचार

अगर किसी कारण से पूरे सांसदों के लिए सदन में जगह नहीं बन पाती है। तो ऐसे में सेन्ट्रल हॉल में सांसदों को बैठने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है। इस जगह पर एक बड़ी वर्चुअल स्क्रीन लगाने का भी प्रस्ताव रखा गया है। बताया जा रहा है कि बालयोगी सभागार में भी सांसदों को बैठाने के विकल्प पर विचार हुआ था। लेकिन ये मुख्य सदन से दूसरी बिल्डिंग में है। इसलिए इसका प्रयोग करने से मना कर दिया गया है।

आम लोगों के लिए नहीं खुलेगा दर्शक दीर्घा

इस सत्र के दौरान दर्शक दीर्घा को आम लोगों के लिए नहीं खोला जाएगा। दरअसल संक्रमण नहीं फैले इसलिए ये निर्णय लिया गया है। साथ ही अधिकारियों की संख्या भी कम ही रखने की योजना पर विचार किया जा रह है। ऐसा माना जा रहा है कि अधिकारियों की संख्या को कम रखा जा सकता है। ताकि ज्यादा लोग जमा ना हो सकें। वहीं संसद जाने वाले पत्रकारों पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी।

अंतिम फैसला सरकार को ही करना होगा

सत्र करवाने को लेकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और इसे अंतिम रूप देने का काम चल रहा है। हालांकि मानसून सत्र बुलाने पर अंतिम फैसला सरकार पर ही छोड़ा गया है। अगर सरकार की और से सत्र को बुलाने की मंजूरी मिल जाती है। तो ये सत्र 15 अगस्त के बाद से शुरू किया जा सकेगा और सितंबर महीने तक चलेगा।

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