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मारने के बाद पुलिसकर्मियों के शवों को जलाने की थी प्लानिंग, मौत से पहले विकास दुबे का कबूलनामा

उत्तर प्रदेश के शातिर अपराधी गैंगस्टर विकास दुबे को पुलिस ने गुरूवार को मध्यप्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया था, गिरफ्तारी के बाद उससे सघन पूछताछ की गई। पूछताछ में दुर्दांत अपराधी विकास दुबे ने कई सनसनीखेज खुलासे किए, इन खुलासों से पता चलता है कि उसके मंसूबे कितने खतरनाक थे। पूछताछ में उसने बताया कि वह हत्या के बाद आठों पुलिसकर्मियों के शव को जला देना चाहता था। विकास ने ये भी बताया कि पुलिसवालों के शवों को जलाने के लिए उसने सारी तैयारियां कर ली थीं, मगर उसे मौका नहीं मिला और वह ऐसा न कर सका। इसके अलावा पुलिसिया पूछताछ में विकास ने बताया कि आखिर उसने क्यों डीएसपी देवेंद्र मिश्रा की हत्या की?

रिपोर्ट्स की मानें, तो शातिर अपराधी विकास दुबे ने पुलिस के सामने इस बात को कबूला कि बिकरू कांड के बाद वह क्यों पुलिस वालों के शवों को जला देना चाहता था? बता दें कि पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद उनके शवों को पास के एक कुएं में रख दिया गया था, सिर्फ तेल डालकर आग लगाना था। हालांकि विकास ऐसा कर न सका और वह मौके से फरार हो गया। विकास ने पुलिस को बताया कि वह ऐसा इसलिए करना चाह रहा था, ताकि कोई सबूत न रह जाए।

‘डीएसपी से मेरी बनती नहीं थी, इसलिए की हत्या’ – विकास दुबे

याद दिला दें कि पिछले दिनों कानपुर के  बिकरू गांव में हुए मुठभेड़ में डीएसपी देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मियों की जान गई थी। विकास ने पुलिस से  कहा कि ‘देवेंद्र मिश्रा को मैंने इसलिए मारा क्योंकि उनसे मेरी बनती नहीं थी और वो कई बार मुझे धमकी भी दे चुके थे।’ इसी के आगे विकास ने ये भी कहा कि डीएसपी देवेंद्र मिश्रा का पैर काटा गया था, क्योंकि उन्होंने मेरे पैर को लेकर टिप्पणी की थी।

डीएसपी देवेंद्र मिश्रा

‘मेरे मुखबिर चौबेपुर समेत कई थानों में थे’ – विकास

बीते 2 जुलाई की रात कानपुर के बिकरू गांव में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई थी। बता दें कि पुलिस की एक टीम ने शातिर अपराधी विकास दुबे को पकड़ने के लिए उसके घर पर दबिश दी थी, इस बात का पता लगते ही उसने अपने घर के सामने घेराबंदी कर दी और 8 पुलिस वालों की हत्या कर दी। मिली जानकारी के मुताबिक उसने इस बात को भी कबूला है कि उसके मुखबिर न सिर्फ चौबेपुर थाने में बल्कि आसपास के कई थानों में थे। विकास बताता है कि उसने लॉकडाउन के दौरान कई पुलिसवालों की सहायता की थी।

विकास दुबे

कानपुर के बिकरू गांव में हुए मुठभेड़ के बाद पुलिस समेत एसटीएफ की कुल 60 टीमें विकास दुबे को गिरफ्तार करने में लगी थीं, जबकि मुठभेड़ में शामिल उसके अन्य साथी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए। वहीं प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए उसके घर समेत गाड़ियों को जेसीबी से पूरी तरह से नष्ट कर दिया। विकास के फरार होने के बाद से ही पुलिस ने यूपी के 75 जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया था, इसके अलावा नेपाल सीमा पर भी निगरानी सख्त कर दी गई थी। बता दें कि पुलिस ने 50 हजार के इनाम को बढ़ाकर 5 लाख रूपए कर दिया था, इसके बावजूद वह उत्तर प्रदेश सीमा से बाहर निकल गया।

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