अध्यात्म

कांवड़ यात्रा पर हरिद्वार आना पड़ेगा महंगा,14 दिन के लिए खुद के खर्च पर भेजा जाएगा क्वारनटीन

सावन मास पर शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा पर उत्तराखंड सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। साथ में ही सरकार ने ये आदेश भी जारी किया है कि अगर कोई कांवड़िया चोरी छिपे हरिद्वार आ जाता है और पकड़ा जाता है, तो उसे 14 दिनों के लिए क्वारनटीन में रखा जाएगा। सावन मास में लोग हरिद्वार ना आए इसलिए राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है।

तीन राज्यों की पुलिस ने की थी बैठक

कांवड़ यात्रा को देखते हुए हरियाणा, यूपी और उत्तराखंड के अधिकारियों ने बुधवार को एक  बैठक की थी। इस बैठक में हरियाणा के यमुनानगर, करनाल, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर और हरिद्वार के पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे। इस बैठक में ये तय किया गया है कि कोरोना संक्रमण में किसी तरह का रिस्क नहीं लिया जा सकता है और कांवड़ यात्रा नहीं की जाएगी। वहीं जो लोग फिर भी नहीं मानते हैं और हरिद्वार गंगा जल लेने के लिए आते हैं उन्हें खुद के खर्चे पर क्वारनटीन किया जाएगा।

हरिद्वार के डीएम सी रविशंकर ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिहाज से ये फैसला लिया गया है और इस साल कांवड़ यात्रा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। डीएम ने कहा कि बैठक में तय किया गया है कि किसी कांवड़िये को शहर में घुसने नहीं दिया जाएगा। लेकिन कोई कांवड़िया अगर ट्रेन या फिर दूसरे माध्यमों से शहर में प्रवेश कर लेता है तो उसे अपने खर्चे पर 14 दिनों के लिए क्वारनटीन किया जाएगा।

कोरोना की वजह से रद्द की गई कांवड़ यात्रा

इस साल सावन मास 6 जुलाई से शुरू हो रहा है। कांवड़ यात्रा के तहत सावन मास में कई सारे राज्यों से कांवड़िये हरिद्वार जाकर, वहां से गंगा नदी से जल ले जाकर भगवान शिव के मंदिर में अर्पित करते हैं। लेकिन इस बार ये यात्रा रद्द कर दी गई है।

गणेश महोत्सव पर भी पड़ा असर

गणेश महोत्सव 22 अगस्त से शुरू होने वाला है। लेकिन कोरोना का असर गणेश महोत्सव पर भी पड़ा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गणेश मंडलों से आवेदन की है कि वो गणेश महोत्सव में पंडालों में चार फुट से ज्यादा ऊंची गणेश प्रतिमा नहीं लगाएं और सादे-सरल तरीके से ही उत्सव का आयोजन करें।

ठाकरे ने ये आदेश देते हुए कहा था कि मुंबई और पुणे में ऊंची गणेश प्रतिमाओं को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं और ऐसे में महामारी और बढ़ सकती है। ऊंची प्रतिमाओं के लिए बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों की भी जरूरत पड़ती है। इसलिए इस वर्ष चार फुट से ज्यादा ऊंची गणेश प्रतिमा ना लगाएं और सरल तरीके से इसका आयोजन किया जाए।

दही-हांडी का कार्यक्रम किया गया रद्द

जन्माष्टमी के पर्व के दौरान महाराष्ट्र में हर साल दही-हांडी उत्सव भी किया जाता है और इस दौरान हजारों की संख्या में लोग जमा होते थे। लेकिन कोरोना के चलते  दही-हांडी उत्सव को भी रद्द कर दिया गया है। आपको बात दें कि इस साल 11 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व है।

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