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चीन के साथ हुए गुप्त समझौते को निभा रही है कांग्रेस? राहुल ने पीएम मोदी को कहा ‘Surender Modi’

सांठगांठ के चलते कांग्रेस भारत -चीन सीमा विवाद में भारत सरकार का साथ देने की जगह चीन के नाम जप रही है

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चीन में हुई हिंसा को लेकर घेरा है और इस बार राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी का नाम बदल दिया है। राहुल ने ट्वीट करते हुए कहा है कि नरेंद्र मोदी वास्तव में Surender Modi हैं। इतना ही नहीं राहुल ने इस ट्वीट के साथ एक आर्टिकल भी शेयर किया है। जो कि मोदी पर लिखा गया है। गौरतलब है कि जब से भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प हुई है। तभी से राहुल गांधी इस मुद्दे को खूब उछाल रहे हैं और देश की सरकार से कई तरह से सवाल कर रहे हैं।

शनिवार को भी राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ एक ट्वीट किया था और मोदी से कई सारे सवाल पूछे थे। इस ट्वीट में राहुल ने लिखा था कि पीएम ने चीनी आक्रामकता के आगे भारतीय क्षेत्र को चीन को सौंप दिया है। अगर ये भूमि चीन की थी तो हमारे सैनिक क्यों शहीद हुए? वे कहां शहीद हुए?

आखिर क्यों राहुल गांधी दे रहे हैं चीन का साथ

चीन के साथ हुए विवाद को लेकर पीएम मोदी की और से 19 जून को एक सर्वदलीय बैठक की गई थी। इस बैठक में चीन के साथ हुई हिंसक झड़प को लेकर पीएम मोदी ने अन्य पार्टी के नेताओं के साथ चर्चा की थी। इस बैठक के दौरान कांग्रेस पार्टी को छोड़ अन्य पार्टियों ने इस मुद्दे में भारत सरकार का साथ देने की बात कही थी। इतना ही नहीं कांग्रेस के सहयोगी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने कांग्रेस को चीन सीमा विवाद में राजनीति ना करने की सलाद तक दी थी। लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस बाज नहीं आ रही है और इस संवेदनशील मुद्दे में भारत सरकार का साथ देने की जगह, चीन के राष्ट्रपति का साथ दे रही है।

साल 2008 में किया था गुप्त समझौता

दरअसल कांग्रेस और चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी  के बीच गुप्त समझौता हो रखा है और यही वजह है कि इस मुद्दे में कांग्रेस देश की सरकार का साथ देने से डर रही है। ये समझौता 7 अगस्त 2008 को हुआ था। जिसकी अगुवाई सोनिया गांधी ने की थी और चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी से समझौता किया था।

साल 2017 में चीनी राजदूत के साथ की थी बैठक

इस समझौते के अलावा समय-समय पर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने चीन के साथ कई सारी गुप्त बैठकें भी की है। साल 2017 में चीनी राजदूत लुओ झाओहुई के साथ कांग्रेस ने एक बैठक की थी। जिसे गुप्त रखा गया था। हालांकि बाद में चीन की एंबेसी ने इस बैठक का खुलासा किया था। ये बैठक उस समय की गई थी जब भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद छिड़ा था।

इन बातों से साफ पता चलता है कि कांग्रेस की चीन के साथ सांठगांठ है। इसी सांठगांठ के चलते कांग्रेस भारत और चीन सीमा विवाद में भारत सरकार का साथ देने की जगह चीन के नाम का ही जाप जप रही है।

गौरतलब है कि 15 जून को गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीन सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी। जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इस हिंसक झड़प को लेकर राहुल गांधी भारत सरकार पर कई तरह से सवाल खड़े कर रहे हैं।

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