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10 साल के बेटे ने दी शहीद पिता को मुखाग्नि, पत्नी ने मोदी सरकार से कहा- ‘बदला लें’

पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून को हुए चीन के साथ खूनी संघर्ष में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। शहीद हुए इन सैनिकों को अब भावभीनी अंतिम विदाई दी जा रही है। देश के अलग अलग हिस्सों से 20 शहीद जवानों को उनके गृहग्राम पहुंचाया जा रहा है। जहां इन शहीद जवानों का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।  इसी कड़ी में बिहार के बिहटा से आने वाले सुनील कुमार का भी पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। बता दें कि उनके 10 साल के बेटे ने उनका अंतिम संस्कार किया। वहीं सुनील कुमार की पत्नी रीति कुमारी ने कहा कि सरकार इस शहादत को खाली न जाने दे और उसका बदला ले।

गौरतलब है कि बिहार के बिहटा से आने वाले शहीद जवान सुनील कुमार का पार्थिव शरीर जब उनके गांव पहुंचा, तो पूरे गांव में मातम पसर गया और सैकड़ों की संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। लोगों ने सुनील कुमार के शहादत के सम्मान में भारत माता की जय सुनील भैय्या अमर रहे, हिंदुस्तान जिंदाबाद जैसे कई नारे लगाए। इस दौरान लोगों ने चीनी सामानों के बहिष्कार का फैसला भी लिया।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुनील कुमार के पिता का नाम बासुदेव और मां का नाम रूक्मिणी देवी है। सुनील ने साल 2002 में सेना ज्वाइन की थी। इसके बाद साल 2004 में उनकी शादी रीति कुमारी से हुई। बता दें कि सुनील कुमार के तीन बच्चे  12 साल की बेटी सोनाली, 10 साल का आयुष, 5 साल का विराट है।

लद्दाख के गलवान घाटी में हुए सैनिक संघर्ष की पूरी कहानी

दूसरी तरफ इस खूनी संघर्ष में घायल हुए अलवर राजस्थान के जवान सुरेंद्र सिंह ने गलवान घाटी में 15 जून को हुए खूनी संघर्ष की पूरी दास्तां सुनाई है। बता दें कि चीन के साजिशन हमले के बारे में पहली बार किसी सैनिक ने आंखो देखा हाल बताया है। सुरेंद्र सिंह कहते हैं कि चीन ने अचानक गलवान घाटी से निकलने वाली नदी पर भारतीय सैनिकों पर हमला बोल दिया। यह संघर्ष 4 से 5 घंटे तक चलता रहा। उन्होंने बताया कि इस सैनिक हिंसक संघर्ष में भारत के 200 से 250 जवान थे वहीं चीन के 1000 से ज्यादा जवान मौजूद थे।

सुरेंद्र सिंह बताते हैं कि गलवान घाटी से निकलने वाले नदी का पानी इतना ठंडा होता है कि इंसान का हाड़ मांस भी गल जाए। फिर भी हमारे जवानों ने यह संघर्ष जारी रखा। उन्होंने बताया कि जहां यह पूरी घटना हुई, उस नदी के किनारे सिर्फ एक आदमी के निकलने की ही जगह बची थी। इसलिए भारतीय सैनिक वहां सम्भल नहीं सके। सुरेंद्र सिंह कहते हैं कि हम भी उन्हें मुंहतोड़ जवाब दे सकते थे, लेकिन चीन ने साजिश के तहत धोखे से हम पर हमला किया।

बता दें कि इस  सैनिक संघर्ष में घायल हुए सुरेंद्र सिंह के एक हाथ में फैक्चर है, वहीं सिर पर गहरे चोट लगे हैं। सभी घायल भारतीय जवानों का लद्दाख के सैनिक अस्पताल में इलाज हो रहा है। सुरेंद्र सिंह बताते हैं कि हांड़ मांस गला देने वाले पानी में करीब 5 फुट अंदर रहकर 5 घंटे तक हम चीनी सैनिकों के साथ लड़ते रहे। इसी लड़ाई में उन्हें सिर पर चोट आई थी। सुरेंद्र ने बताया कि उन्हें दूसरे साथियों ने बाहर निकाला। और अस्पताल में भर्ती होने के करीब 12 घंटे बाद ही होश आया।

घायल जवानों के ठीक होने की कामना की

वीर और जाबांज सैनिक सुरेंद्र सिंह राजस्थान के अलवर जिले के नौगांवा गांव के रहने वाले हैं। सुरेंद्र के घायल होने की खबर मिलते ही परिवार समेत गांव में चिंता की लहर दौड़ गई। बता दें कि सुरेंद्र से उनके परिवार वालों की बातचीत हुई है और परिजनों ने उन्हें ढांढस बांधा है। इतना ही नहीं सुरेंद्र के परिजन दूसरे जवानों के भी जल्दी ठीक हो जाने की कामना कर रहे हैं।

याद दिला दें कि 15 जून को गलवान घाटी में चीन के साजिशन सैनिक हमले में 20 भारतीय जवान शहीद हुए। खबरों के मुताबिक इस संघर्ष में चीन के भी 43 जवानों के हताहत होने की खबर है। मगर, अभी तक चीन ने अपने घायल हुए या मारे गए जवानों की कोई जानकारी नहीं दी है।

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