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कोरोना को लेकर SC ने लगाई दिल्ली सरकार को फटकार, कहा- आप नहीं चाहते कि सच्चाई आए सामने

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के उपचार और अस्पतालों में कोरोना संक्रमित शवों के साथ हो रहे गलत व्यवहार को लेकर फटकार लगाई है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सरकारी अस्पतालों में मरीजों के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर फिर से सुनवाई की गई और इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम आर शाह ने दिल्ली सरकार से कई सारे सवाल भी किए।

जजों की पीठ ने दिल्ली सरकार से पूछा कि कोरोना वायरस को लेकर दिल्ली सरकार ने क्या किया है? कृपया डॉक्टरों, नर्सों की सुरक्षा करें। वे युद्ध योद्धा हैं। दिल्ली सरकार नहीं चाहती कि सच्चाई सामने आए। लेकिन कई वीडियो सामने आई हैं। कोर्ट ने कहा कि सरकार सच्चाई को दबा नहीं सकती है।

डॉक्टर को निलंबित करने पर किया सवाल

दिल्ली सरकार की और से एक डॉक्टर को निलंबित किया गया था। जिसपर कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आपने एक डॉक्टर को निलंबित क्यों किया, जिसने आपके एक अस्पताल की दयनीय स्थितियों का वीडियो बनाया था ?

दरअसल दिल्ली के एक डॉक्टर ने एक वीडियो बनाई थी। जिसमें अस्पताल की क्या हालात है ये दिखाया गया था। इस वीडियो को बनाने के चलते इस डॉक्टर को दिल्ली सरकार ने निलंबित कर दिया था।

डॉक्टरों को ना दें धमकी

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार को ये हिदायत भी दी कि वो डॉक्टरों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को धमकी न दें, बल्कि उनका समर्थन करें। गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा था कि डॉक्टर काम नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

हलफनामा दायर करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली सरकार को एक हलफनामा देने के लिए कहा है। वहीं अब इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को की जानी है। इससे पहले 12 जून को इस मामले पर सुनवाई हुई थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि अस्पतालों में कोरोना वायरस के मरीजों के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक हो रहा है। कई लोगों के शव तो कूड़े में मिल रहे हैं।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि राजधानी दिल्ली और यहां के अस्पतालों में स्थित बहुत अफसोसजनक है। इन अस्पतालों में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमों का उल्लंघन हो रहा है और मरीजों की मौत के बाद मौत की जानकारी परिवारों को नहीं दी जा रही है। कई परिवार वाले तो अपने परिजनों के शव का अंतिम संस्कार तक नहीं कर पा रहे हैं।

अमित शाह ने किया था अस्पताल का दौरा

दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामले और अस्पतालों की बुरी हालात को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री ने दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल का दौरा किया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस दौरान अस्पताल के डॉक्टरों से भी बातचीत की थी और अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाने को कहा था।

दरअसल मीडिया में ऐसी कई सारी खबरें दिखाई गई थी। जिसमें दिल्ली के अस्पतालों की हालात काफी बुरी बताई गई थी। दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों को भर्ती तक नहीं किया जा रहा था और कई सारे मरीजों ने तो अस्पताल के बाहर ही दम तोड़ दिया था। मीडिया में आई इन खबरों के बाद से दिल्ली सरकार के इंतजामों पर कई सारे सवाल खड़े किए गए थे। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है।

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