अध्यात्म

सोमवार के दिन विशेष रूप से क्यों की जाती है भोलेनाथ की पूजा, बेहद रोचक है इस के पीछे की कहानी

भगवान शिव जी की पूजा करने के लिए सोमवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन शिव जी की पूजा करने से वो जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की हर कामना को पूरा कर देते हैं। इसलिए शिव भक्तों के लिए सोमवार का दिन विशेष महत्व रखता है।

आखिर क्यों सोमवार का दिन होता है इतना खास

आखिर क्यों सोमवार को ही शिव जी की पूजा की जाती है? ये सवाल कई सारे भक्तों के मनों में आता है। दरअसल सोमवार के दिन शिव जी की पूजा करने से एक कथा जुड़ी हुई है। पौराणिक कथा के अनुसार चंद्र देव ने राजा दक्ष की 27 मुंहबोली बेटियों से विवाह किया था। लेकिन विवाह के बाद चंद्र देव केवल रोहिणी के निकट आए और अपना सारा समय रोहिणी के साथ ही गुजारने लगे। जिससे की अन्य बहनों को परेशानी होने लगी। चंद्र देव द्वारा समय ना दिए जाने पर सभी बहनें राजा दक्ष के पास गई और उन्होंने राजा दक्ष से चंद्र देव की शिकायत की। जिसके बाद राजा दक्ष ने चंद्र देव को समझा कि वो उनकी अन्य पुत्रियों को भी अपना समय दें और उनके साथ रहें। चंद्र देव ने राजा दक्ष की बात को स्वीकार कर लिया। जिसके बाद राजा दक्ष की सभी पुत्रियां खुशी-खुशी चंद्र देव के साथ चली गई।

हालांकि कुछ समय बाद फिर से चंद्र देव ने अपना सारा समय रोहिणी के साथ काटना शुरू कर दिया। जिससे की एक बार फिर से राजा दक्ष की बेटियां दुखी हो गई। अपनी बेटियों को दुखी देख राजा दक्ष ने चंंद्र देव को शाप दे दिया कि उनकी चमक और आकार दोनों क्षीण हो जाएंगे।

इस शाप के चलते चंद्र देव की चमक और आकार घटने लगा। जिससे की वो दुखी हो गए। इस शाप का हल निकालने के लिए च्रंद देव ने अन्य देवों से मदद मांगी। तब ब्रह्मा जी ने चंद्र देव को शाप से मुक्ति पाने का एक हल बताया और चंद्र देव से कहा कि वो भगवान शिव की पूजा करें। शिव जी की पूजा करने से ये शाप खत्म हो जाएगा।

ब्रह्मा जी के कहने पर चंद्र देव ने भगवान शिव की पूजा-उपासना शुरू कर दी। कालांतर में चंद्र देव ने शिव जी की कई समय तक आराधना की। इस पूजा-उपासना से खुश होकर शिव जी ने चंद्र देव को शाप से मुक्त कर दिया और उनको चमक वापस मिल गई।

चंद्र देव को शाप से मुक्ति दिलाने के चलते ही भगवान शिव को सोमदेव भी कहा जाता है और तभी से शिव भगवान की पूजा सोमवार को की जाने लगी। शास्त्रों के अनुसार इस दिन जो भी भक्त सच्चे मन से शिव जी की पूजा करते हैं, शिव जी उनके दुखों का नाश कर देते हैं।

इस तरह से करें पूजा

  • शिव जी पूजा करने के लिए सबसे पहले उनपर जल अर्पित करें। उसके बाद शिव जी पर दूध चढ़ाए और दूध चढ़ाने के बाद फिर से उनपर जल अर्पित करें।
  • अब शिव जी पर फल और फूल चढ़ाएं और उनका चंदन से तिलक करें।
  • शिव जी से जुड़े मंत्रों का जाप करें और उनके सामने एक दीपक जला दें।
  • इस तरह से हर सोमवार को शिव जी की पूजा करें।

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