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बंधक बनाए भारतीय नागरिक को नेपाल पुलिस ने 1 दिन बाद किया रिहा, इस कारण से किया था गिरफ्तार

नेपाल पुलिस की और से कल यानी 12 जून को बिहार के सीतामढ़ी के सोनबरसा से एक व्यक्ति को उठा लिया गया था। भारतीय नागरिक को उठाने के अलावा नेपाल पुलिस की और से नेपाल बॉर्डर इलाके के जानकी नगर गांव के पास फायरिंग भी की गई थी। जिसमें चार लोगों घायल हो गए थे और एक की मौत हो गई थी। नेपाल पुलिस की इस हरकत पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी। वहीं इस घटना के एक दिन बाद नेपाल पुलिस ने हिरासत में लिए गए भारतीय नागरिक को अब छोड़ दिया है।

क्या है पूरा मामला

12 जून की सुबह करीब 8.40 बजे सीतामढ़ी के सोनबरसा में नेपाल बॉर्डर इलाके के जानकीनगर गांव के पास नेपाल पुलिस ने अधाधुंध फायरिंग की थी। फायरिंग करने के बाद नेपाल पुलिस ने लगन राय नामक एक व्यक्ति को बंधक भी बना लिया था। इसके बाद सीतामढ़ी के स्थानीय प्रशासन ने नेपाल प्रशासन से बातचीत की और अगले दिन नेपाल पुलिस ने लगन राय को रिहा कर दिया।

शुक्रवार को हुई इस घटना की रिपोर्ट बिहार के सीतामढ़ी के पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार ने तैयार की है। अपनी रिपोर्ट में इन्होंने कहा है कि नेपाल के सुरक्षा बलों द्वारा हिरासत में लिए गए लगन राय की रिहाई के लिए भारत सरकार और नेपाल अथॉरिटी से बिहार सरकार ने संपर्क किया था। जिसके बाद लगन राय को रिहा कर दिया गया है।

सीमा विवाद के कारण नहीं हुई फायरिंग

नेपाल पुलिस की और से की गई इस फायरिंग पर डीजी कुमार राजेश चंद्रा, सीतामढ़ी की डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा और एसपी अनिल कुमार ने जो बयान दिया है उसके अनुसार ये एक स्थानीय मुद्दा है और इसका सीमा विवाद से कुछ लेना देना नहीं हैं।

18 राउंड फायरिंग की

जानकारी के अनुसार नेपाल पुलिस की और से कुल 18 राउंड फायरिंग की थी। घटना से पहले नेपाल पुलिस ने लोगों को खदेड़ा था। वहीं तीसरी बार नेपाल पुलिस ने भारतीयों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी।

इस वजह से की गई फायरिंग


कोरोना संक्रमण के कारण भारत-नेपाल बॉर्डर सील किया गया है और बॉर्डर पर हर तरह ही आवाजाही बंद है। लेकिन इसके बावजूद सीतामढ़ी जिला निवासी लगन राय अपने पुत्र के साथ अपनी महिला रिश्तेदार से मिलने के लिए बॉर्डर के पार गए थे। जिसके बाद नेपाल पुलिन उन्हें बॉर्डर से बाहर कर रही थी। लेकिन इन्होंने थोड़ी देर की मोहल्लत मांगी तो नेपाल सशस्त्र प्रहरी बल ने उनके लड़के पर लाठी चला दी और लगन राय को घसीटते हुए बॉर्डर से 100 मीटर दूर ले गए। और लगन राय को बंधक बना लिया।

विरोध पर चलाई गोली

गांव के लोगों के अनुसार नेपाल पुलिस की ये हरकत देखकर बॉर्डर पर क्रिकेट खेल रहे कुछ युवकों और खेतों में काम कर रहे लोगों ने विरोध किया। और इस विरोध पर नेपाल पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी।

अपनी सुरक्षा में की फायरिंग

इस मामले पर नेपाल पुलिस ने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा है कि नेपाल पुलिस की और से अपनी सुरक्षा के लिए ये फायरिंग की गई है। नेपाल पुलिस के अनुसार भारतीय उनकी बंदूक छीनना चाहा रहे थे। जिसके बाद ये फायरिंग की गई।

परिवार वालों ने दिया धरना

वहीं नेपाल पुलिस की फायरिंग में जिस लड़के की मौत हुई थी। उसके घर वाले धरने पर बैठ गए थे और मृत व्यक्ति का दाह संस्कार करने से इनकार कर रहे थे। हालांकि इस मसले को हल कर लिया गया है।

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