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भारत के इस कदम से बढ़ी चीन की बेचैनी, पीएम मोदी को कर रहा है डराने की कोशिश

भारत के जी-7 में शामिल होने की योजना से चीन बिलकुल भी खुश नहीं है और चीन ने भारत को धमकी देना शुरू कर दिया है। चीनी समाचार पत्र में भारत के जी-7 में शामिल होने को लेकर एक खबर छापी गई है। जिसमें भारत को धमकी दी गई है। चीन के ग्‍लोबल टाइम्‍स अखबार में लिखा गया है कि जी-7 के विस्तार में शामिल होने की कोशिश कर भारत आग से खेल रहा है।

दरअसल अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप जी 7 देशों का विस्तार करना चाहते हैं और इसमें भारत को शामिल करने की योजना बना रहे हैं। डोनाल्‍ड ट्रंप ने भारत को जी 7 में शामिल करने की और इशारा किया था और तभी से चीन की नींद उड़ गई है। क्योंकि जी 7 में शामिल होते ही भारत और ताकतवर हो जाएगा।

भारत और चीन के बीच होंगे संबंध खराब

चीन की ये धमकियां साफ इस और इशारा करती हैं कि चीन भारत से काफी डरा हुआ है। अपने सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स के माध्यम से चीन भारत पर दवाब डालने की कोशिश कर रहा है। ग्‍लोबल टाइम्‍स के माध्यम से चीन ने कहा कि अगर भारत हड़बड़ी में चीन को दुश्‍मन मानने वाले जी-7 जैसे छोटे से ग्रुप में शामिल होता है तो इससे भारत और चीन के बीच संबंध खराब होंगे। यह भारत के हित में नहीं है

चीन की घेरेबंदी के लिए किया जा रहा है ये सब

चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्‍लोबल टाइम्‍स ने एक चीनी विशेषज्ञ के हवाले से लिखा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के जी 7 का विस्‍तार करके जी 11 या जी 12 किए जाने पर सकारात्‍मक जवाब दिया है। जी 7 के विस्‍तार का विचार भूराजनीतिक गण‍ित पर आधारित है और इसका मकसद चीन की घेरेबंदी करना है। अमेरिका भारत को जी 7 में इसलिए शामिल करने पर जोर दे रहा है कि क्‍योंकि भारत दुनिया की पाचवीं बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बन गया है और भारत अमेरिका की इंडो-पैसफिक रणनीति का एक अहम पिलर है। चीन को इंडो-पैसफिक इलाके में संतुलित करने के लिए अमेरिका लंबे समय से भारत की भूमिका बढ़ा रहा है।

बताई अमेरिका की चाल

जी-7 शिखर सम्मेलन में अमेरिका ने भारत को आमंत्रित किया है। जिस पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि चीन का मानना है कि सभी अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सम्मेलनों को विभिन्न देशों के बीच आपसी विश्वास बढ़ाने वाला होना चाहिए। जिससे बहुपक्षीयता कायम रह सके और विश्व शांति और विकास को बढ़ावा मिल सके।  हमारा मानना है कि ये दुनिया भर के देशों की भारी बहुमत की भूमिका है। चीन के खिलाफ कोई भी गुटबंदी का प्रयास विफल होगा।

चीन की और से लगातार आ रहे ये बयान साफ जाहिर करते हैं कि ट्रंप द्वारा भारत और तीन अन्य देशों को आमंत्रित किए जाने से चीन में बेचैन है और चीन किसी भी सूरत में ये नहीं चाहता है कि जी- 7 में भारत को शामिल किया जाए। क्योंकि जी – 7 का सदस्य बनने से भारत और मजबूत देश बनकर उभरेगा, जिससे चीन को खासा नुकसान हो सकता है। इसलिए चीन ने अब अपने अखबार के जरिए भारत को धमकी देना शुरू कर दिया है।

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