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पीएम मोदी के इन 4 मास्टरस्ट्रोक की वजह से बैकफुट पर चीन, भारत की ताकत देख झुका

भारत चीन विवाद अब धीरे धीरे सुलझने की ओर है। चीन ने अब LAC से अपने कदम पीछे हटा लिए हैं। चीन के कदम पीछे हटाने का कारण उसपर बन रहा चौतरफा दबाव है, जो भारत ने उस पर बनाए हैं। भारत ने कई ऐसे निर्णायक कदम उठाए, जिससे अब चीन पीछे हटने को मजबूर है। बता दें कि दो दिन पहले चीन LAC पर युद्धाभ्यास कर रहा था। सैनिक युद्धाभ्यास की तस्वीरें खुद चीन की सरकारी मीडिया ने जारी की थीं। इन तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि रात के घोर अंधेरे में चीनी सैनिक भारत से युद्ध करने की तैयारियाों में जुटे हैं, लेकिन अब सवाल ये उठ रहा है कि आखिर अचानक ऐसा क्या हुआ, जिसके कारण चीन अपने कदम पीछे खींच रहा है।

चीन के युद्ध से पीछे हटने का कारण पीएम मोदी की सुपहरहिट रणनीति है, जिसे देख चीन भी भौंचक्का रह गया है। दरअसल, पीएम मोदी ने चीन पर ऐसा चौतरफा हमला किया कि उसे घुटने टेकने पड़े। चलिए जानते हैं, पीएम मोदी के 4 मास्टरस्ट्रोक के बारे में…

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत

ये बात तो जगजाहिर है कि अमेरिका का सबसे बड़ा दुश्मन चीन है। आजकल चीन को अमेरिका चारों तरफ से घेरने की रणनीति पर काम कर रहा है। इसलिए चीन कभी नहीं चाहता कि उसके और भारत के बीच लड़ाई में अमेरिका बीच में आए और उसका फायदा उठाने की कोशिश करे। ऐसे में पिछले दिनों  पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुए बातचीत में उठा भारत चीन सीमा विवाद, चीन को नागवार गुजरी।

भारत अमेरिका बातचीत पर चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीमा पर स्थिति काबू में है और ऐसी कोई अनियंत्रित स्थिति नहीं है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि चीन और भारत के पास सीमा की स्थिति को सुलझाने के लिए पर्याप्त साधन हैं। इस बातचीत को हम हल कर सकते हैं, जिसमें किसी तीसरे की जरूरत नहीं है।

चीन को मुंहतोड़ जवाब

चीन पिछले दिनों लद्दाख में LAC पर अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा था, लेकिन भारत ने भी इसका तुरंत जवाब दिया और अपनी सैन्य कार्रवाई को आगे बढ़ाया। भारत ने अपने 5 हजार सैनिकों को बॉर्डर पर पहुँचाया। चीन के साथ सीमा विवाद की स्थिति पर भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर ये मामला कूटनीति और बातचीत से नहीं सुलझता है तो हमारे पास दूसरे विकल्प भी मौजूद हैं। भारत सरकार चीन के सामने झुकने के मूड में नहीं है, जिससे चीन को एक कड़ा संदेश जाता है।

भारत का सख्त रवैय्या

चीन लद्दाख में अपनी स्थिति लगातार मजबूत करता जा रहा था। ऐसे में चीन ये उम्मीद लगाए बैठा था कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा  (LAC) पर अपना निर्माण कार्य रोक लेगा, मगर भारत ने अपना रूख साफ कर दिया और कहा कि ना तो वहां कोई निर्माण कार्य रूकेगा और ना ही वो किसी तरह के दबाव में झुकेगा। चीन ने जब भारत के ऐसे सख्त रवैये देखे, तो उसे लगा कि मामला उसके हाथ से निकलता जा रहा है। इसके बाद उसकी तरफ से समझौते करने के पेशकश आने लगे।

पीएम मोदी खुद मोर्चे पर उतरे

जैसे जैसे चीन LAC पर आगे बढ़ने लगा, वैसे ही मोर्चा पीएम मोदी ने संभाल लिया। पीएम ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ मीटिंग कर हालात का जायजा लिया। और प्रधानमंत्री ने डोकलाम टीम को इस विवाद को सुलझाने के लिए लगा दिया। बता दें कि, डोकलाम टीम ने डोकलाम विवाद को सुलझाया था।

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