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अंधविश्वास नहीं हैं भारत के ये परंपराएं, इन प्रथाओं के पीछे छिपे हैं सेहत के बड़े फायदे

बहुत से लोग परंपराओं को पुराना बताकर उसका पालन नहीं करते जबकि इनके पीछे विज्ञान छिपा है

हमारे भारत में हर तरह की संस्कृति के रीति-रिवाज और परंपराएं हैं जिनका सभी लोग धार्मिक रुप से पालन करते हैं।आज भी बहुत सी ऐसी परंपराएं और नियम हैं जो लोग मानते हैं। हालांकि समय के साथ बदलाव आया है और बहुत से लोग इन परंपराओं से कटने लगे हैं। जो इन नियमों को नही मानते उनका कहना है कि ये अंधविश्वास है इसलिए वो इसका पालन नहीं करते। आपको बता दें कि भारत में कुछ प्रथाएं ऐसी हैं जो अंधविश्वास नहीं है बल्कि उनमें सेहत के राज छिपे हुए हैं। इन बातों को मानने से शरीर को ऐसे लाभ मिलते हैं जो जीवन बसर करने में मदद करते हैं। जब लोग इन बातों की सच्चाई नहीं जानते हैं तो उन्हें अंधविश्वास की बात बताते हैं। आपको बताते हैं क्या है इन प्रथा का असली लाभ।

कान छिदवाना

बहुत पुराने समय से लेकर आज तक लड़कियां अपने कान जरुर छिदवाती हैं। कान छिदवाने का काम माता पिता बचपन से ही करा देते हैं। इसका एक कारण ये भी है कि महिलाओं को हमेशा से सजने सवरने का शौक रहा है और वो कान में भी गहने पहनती हैं। हालांकि बहुत से लोगों का कहना है कि साज सज्जा के लिए दर्द क्यों सहना तो ऐसे में आपक बताते हैं कि बचपन में ही लड़कियो के कान क्यों छिदवाए जाते हैं। दरअसल कान छिदवाना महिलाओं के मासिक धर्म के चक्र को संतुलित बनाए रखता है। कम उम्र में ऐसा कर देने से लड़कियों के पीरियड सही से होते हैं और उनका प्रजनन स्वास्थ्य भी सुधरता है।

तांबे के बर्तन में पानी पीना

आपने अक्सर घर के बड़े बुजुर्गों को तांबे के बर्तन में पानी पीते देखा होगा। कितना भी अमीर घर क्यों ना हो और कितने ही फैंसी बर्तन रखें हों, लेकिन बुजुर्ग तांबे के बर्तन में ही पानी पीते हैं। दरअसल ऐसा कहा जाता है कि तांबे के बर्तनमें पानी पीने से इम्यूनिटी मजबूत होती है और कई घातक बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है। ऐसे में सिर्फ बुजुर्गों को ही नहीं हर किसी को तांबे के बर्तन में पानी पीना चाहिए।

हाथ से खाना खाना

विदेशों में लोग चम्मच और कांटे से खाना खाना पसंद करते हैं जबकि हमारे देश में ज्यादातर लोग हाथ से ही खाना खाना पसंद करते हैं। हाथ से खाना खाना इसलिए बहुत जरुरी होता है क्योंकि हाथ में कुछ अच्छे बैक्टिरियां होते हैं जो खाने के साथ अंदर पहुंचकर शरीर को मदद पहुंचाते हैं। ऐसे में जब आप हाथ से खाना खाते हैं तो ये सेहत के लिए भी अच्छा होता है और स्वाद भी अच्छा होता है।

गहने पहनना

भारतीय महिलाएं पूरी दुनिया की महिलाओं से कहीं अधिक गहने पहनती हैं। हमारे देश में महिलाएं कान, नाक और पैर के अलावा कमर बंद, चुड़ी, बाजूबंद जैसे कई तरह के गहने पहनती हैं। इसमे से बहुत से गहने चांदी या सोने के होते हैं। इसके पीछे का एक कारण ये है कि ये गहने शरीर के उन हिस्सों को ठंडा रखने के काम करते हैं और मौसमी बीमारियों से भी हमें बचाते हैं।

उपवास रखना

हमारे देश में बहुत से व्रत त्यौहार पड़ते हैं जहां लोग उपवास रखते हैं। अगर त्यौहार ना भी हो तो हफ्ते में एक दिन अक्सर लोग व्रत रख लेते हैं। इसका एक कारण ये भी है कि व्रत रखने से शरीर पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है। एक दिन नमक का त्याग करना या अन्न ना खाने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है।

जमीन पर नंगे पांव चलना

आजकल लोगों के पैरों में बहुत तरह की समस्या होने लगी है और इसका एक कारण ये भी है कि लोग कम्फ्रर्टेबल जूते और चप्पलों में ही रहते हैं। जूते और चप्पल कितने भी कमफर्टेबल क्यों ना हों कुछ देर नंगे पांव चलना जरुरी है। घास पर नंगे पांव चलने से मांसपेशियों का तना कम होती है और दिमाग का तनाव भी कम होता है।

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