बॉलीवुड

नहीं थम रहा बॉलीवुड में मौत का सिलसिला, दिग्गज फिल्ममेकर बासु चटर्जी ने नींद में ली अंतिम सांस

'चमेली की शादी' और 'खट्टा मीठा' जैसी फ़िल्में बनाने वाले दिग्गज डायरेक्टर बासु चटर्जी का निधन

बॉलीवुड में मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीते 38 दिनों में यहाँ 13 मौते हो चुकी है. 31 मई को ही मशहूर संगीतकार वाजिद खान का निधन हुआ था. इसके बाद 3 जून को जाने माने गीतकार अनवर सागर का देहांत हो गया था. अब आज गुरुवार 4 जून को बॉलीवुड के दिग्गज फिल्ममेकर बासु चटर्जी का स्वर्गवास हो गया. वे 90 वर्ष के थे, उन्हें उम्र संबंधित कुछ बीमारियाँ थी. उन्होंने अपने मुंबई के सांताक्रूज स्थित निवास स्थल में ही अंतिम सांस ली. उनका अंतिम संस्कार सांता क्रूज श्मशान घाट पर दोपहर दो बजे किया जाएगा.

रोमांटिक फ़िल्में बनाने में थे माहिर

बासु चटर्जी की पहचान एक अनुभवी और दिग्गज फिल्म निर्माता के रूप में होती है. उन्होंने ‘‘छोटी-सी बात’’, ‘‘रजनीगन्धा’’, ‘‘उस पार’’, ‘‘चितचोर’’, ‘‘पिया का घर’’, ‘‘खट्टा मीठा’’, “पसंद अपनी-अपनी”, “चमेली की शादी” और ‘‘बातों बातों में” जैसी हिट फ़िल्में बनाई थी. बासुजी गुदगुदाने वाली रोमांटिक फ़िल्में बनाने के लिए जाने जाते थे. अपने फ़िल्मी करियर में उन्होंने 30 से अधिक रोमांटिक फ़िल्में बनाई थी.

नींद में ही अंतिम सांस ली

इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (आईएफडीटीए) के अध्यक्ष अशोक पंडित ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि बासु जी ने गुरुवार सुबह नींद में ही अंतिम सांस ली. वे उम्र संबंधित बिमारियों की वजह से पिछले कुछ समयसे ठीक हाल में नहीं थे. उनका निधन उनके आवास स्थल पर ही हुआ है. उनका जाना फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा नुकसान है.

अशोक पंडित ने बासुजी को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीटर पर लिखा – “महान फिल्ममेकर बासु चटर्जी के निधन की ख़बर से मैं बहुत दुखी हूँ. उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर 2 बजे सांताक्रूज़ श्मशान घाट पर किया जाएगा. उनके जाने से फिल्म उद्योग को भारी क्षति हुई है. हम आपको मिस करेंगे सर. बासु चटर्जी की आत्मा को शान्ति मिले.”

पारिवारिक फ़िल्में बनाते थे

बासु चटर्जी का जन्म 30 जनवरी 1930 को अजमेर में हुआ था. उनकी अधिकतर फ़िल्में अलग शैली की होती थी. उन्हें रोमांटिक फ़िल्में बनाने का बड़ा शौक था. उनकी इन रोमांटिक फिल्मों में हास्य रस जरूर होता था. उनकी सभी फ़िल्में पारिवारिक होती थी. यही उनकी यूसीपी बन गई थी. इससे उन्हें लाइफ में बहुत लोकप्रियता मिली थी.

7 बार फिल्म फेयर अवॉर्ड से हुए सम्मानित

बॉलीवुड में बासु चटर्जी का योगदान अमूल्य रहा है. उन्हें 7 बार फिल्म फेयर अवॉर्ड से नवाजा जा चूका है. 1992 में उन्हें दुर्गा के लिए नेशनल अवार्ड भी मिला था. इसके अलावा साल 2007 में आईफा ने लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया था. उन्होंने बॉलीवुड में 1969 से लेकर 2011 तक बतौर फिल्म निर्देशक काम किया.

टीवी शोज भी बनाए

फिल्म के अलावा बसु जी ने ब्योमकेश बख्शी और रजनी जैसे फेमस टीवी शोज भी डायरेक्ट किए थे. उनकी एक बेटी भी है रूपाली गुहा. वे भी पिता की तरह फिल्मों में डायरेक्शन करती है. इन दिनों रिपाली बतौर टीवी प्रोड्यूसर काम कर रही है.

Back to top button