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उद्धव ठाकरे के इस शर्मनाक फैसले पर फूटा डॉक्टरों का गुस्सा, बोलें- ‘अब काम पर पड़ेगा व्यापक असर’

भारत में कोरोना वायरस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है। देश के कुल कोरोना केसेस में लगभग 40 प्रतिशत मरीज महाराष्ट्र के ही हैं। इसी बीच महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने कोरोना जैसे घातक महामारी से लड़ रहे डॉक्टरों के वेतन में कटौती कर दी है। बताया जा रहा है कि उद्धव सरकार ने इसके लिए गिरती अर्थव्यवस्था का हवाला दिया है। महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले से डॉक्टरों में काफी रोष है और कई डॉक्टरों का मनोबल भी टूटा है। साथ ही डॉक्टरों ने कहा है कि इस फैसले के बाद उनके कामकाज प्रभावित हो सकते हैं।

स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के वेतन में 50% की कटौती

मुंबई मिरर के अनुसार, राज्य में स्वास्थ्य से जुड़े कई विभागों में कर्मचारियों के वेतन में 50 प्रतिशत तक की कटौती कर दी गई है। इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि मुंबई महा नगरपालिका की ओर से चलाए जाने वाले अस्पतालों में काम कर रहे कर्मचारियों और डॉक्टर्स को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

कोरोना वॉरियर्स के वेतन में कटौती

महाराष्ट्र के सरकारी मेडिकल अफ़सरों की एसोसिएशन की उत्तरी इकाई के अध्यक्ष जरमान सिंह पदवी ने बताया कि मैं पिछले 20 सालों से पूरी मेहनत के साथ स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवा दे रहा हूँ। उन्होंने कहा कि मार्च महीने की सैलरी में 50 प्रतिशत तक की कटौती की गई है और अप्रैल महीने का वेतन अभी तक नहीं मिला है। पदवी ने कहा कि एक तरफ तो हमें कोरोना वारियर्स कहा जाता है, दूसरी तरफ हमारे वेतन में कटौती की जाती है। ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मुद्दे की गंभीरता को राज्य सरकार समझे, क्योंकि इस समय किसी के पास इतना वक्त नहीं है कि वो सरकार के खिलाफ संघर्ष कर सके।

मार्च महीने से कटौती की जा रही है- महाराष्ट्र सरकार

इस पूरे मामले में राज्य के वित्त विभाग के अतिरक्त मुख्य सचिव मनोज सैनिक ने बताया कि सभी विभागों के सभी कर्मचारियों की सैलरी में मार्च के महीने से कटौती जारी है। दूसरी तरफ महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ़ रेजिडेंट डॉक्टर्स के अध्यक्ष राहुल वाघ ने बताया कि राजधानी मुंबई में डॉक्टरों की सैलरी से 30 से 40 फीसदी तक की कटौती की गई है।

वेतन में कटौती से डॉक्टरों का गिरा मनोबल

ठाणे में काम करने वाले एक डॉक्टर ने बताया कि मैं 15 हजार रूपए रहने का किराया देता हूँ। वहीं सब्जियां और दूसरी जरूरत की चीजें काफी महंगी है। साथ ही मुझे अपने माता पिता की भी देखभाल करनी होती है। डॉक्टर ने कहा कि महाराष्ट्र  सबसे अधिक संक्रमित राज्य है, ऐसे में सरकार द्वारा डॉक्टरों की सैलरी में कटौती करना डॉक्टरों का मनोबल गिराने जैसा है।

गौरतलब हो कि महाराष्ट्र में सबसे अधिक कोरोना के मरीज हैं और राज्य में लगातार मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। ऐसी विकट परिस्थिति में डॉक्टरों की सैलरी में कटौती करना उनके लिए काफी परेशानी और चिंता का विषय है। ऐसे में राज्य सरकार को अपने इस फैसले पर पुनः विचार करना चाहिए।

कोरोना का फैलाव मुंबई में सबसे अधिक है। केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के अनुसार महाराष्ट्र में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और ये संख्या अब 35 हजार के पार जा चुकी है, जबकि मौतों की संख्या 1200 से अधिक हो चुकी है। दूसरी तरफ थोड़ी राहत देने वाली खबर ये है कि अब तक राज्य में 8400 से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं। बात अगर अकेले मुंबई की करें तो, वहां 20 हजार से अधिक केसेस हैं।

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