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चीर हरण के बाद महाभारत के सेट पर द्रौपदी और दुशासन में नहीं होती थीं बातें, जानें क्या हुआ था ऐसा

द्रौपदी का चीर हरण का सीन महाभारत में सबसे खास सीन में से एक था। लेकिन इस सिन को करने के बाद रूपा गांगुली..

लॉकडाउन के चलते एक बार फिर से पुराने शो टीवी पर प्रसारित किए जा रहे हैं। जहां एक तरफ रामायण को देखकर लोग पुराने दिनों को याद करने लगे तो वहीं महाभारत ने भी लोगों की यादें ताजा कर दीं। रामायण के बाद महाभारत को भी दर्शकों का एक बार फिर अच्छा रिसपॉन्स मिला। इस बुधवार को ही महाभारत का आखिरी एपिसोड आया जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया। इस शो को दोबारा हिट होने से इसके कलाकारों के बारे में जानने में भी लोगों की दिलचस्पी जाग गई है। शो में द्रौपदी बनीं रुपा गांगुली ने हाल ही में एक इंटरव्यू में सेट पर हुए कई दिलचस्प किस्सों का खुलासा किया।

महाभारत सेट पर बातें नहीं करते थे दुशासन और द्रौपदी

रुपा ने बताया कि सेट पर उस वक्त काफी अलग माहौल रहता था। हम उस वक्त अपना पार्ट करते हुए बस ये सोचते थे कि हमें सबसे बेहतर करना है। गौरतलब है कि कहानी में जिस तरह से दुशासन और द्रौपदी एक दूसरे को फूटी आंख देखना पसंद नहीं करते थे वैसे ही सेट पर रुपा गांगुली और विनोद कपूर की भी ज्यादा दोस्ती नहीं थी। हालांकि उनके बीच में किसी तरह की खटास नहीं थी बस दोनों में बातें नहीं होती थी। रुपा ने बताया कि मैं दुशासन यानि कि विनोद के साथ बहुत फ्रेंडली नहीं थी। वो अच्छे शख्स है, लेकिन फिर भी मैं उनसे ज्यादा बात नहीं करती थी।

द्रौपदी बनीं रुपा का कहना था कि हमनें इन किरदारों को लगभग दो साल तक जिया। चीर हरण के बाद मैं दुशासन यानि की विनोद कपूर से और दूर हो गई थी। हमारी बातें नहीं होती थी। मुझे उनके साथ बहुत अजीब लगता था। दूसरे किरदारों के बारे में भी रुपा ने कई बातें बताई। उन्होंने कहा कि कर्ण का किरदार निभाने वाले पंकज धीर उन्हें बहुत अच्छे लगते हैं। रुपा ने कहा कि वो बेहद हैंडसम हैं जबकि अर्जुन को बस कॉस्ट्यूम पहने हुए ही अच्छे लगते थे। असल में वो बहुत शरारती हैं।

चीर हरण के बाद आधे घंटे तक रोईं द्रौपदी बनीं रुपा

रुपा ने बताया कि वो बंगाली हैं इसलिए उन्हें हिंदी बोलने में थोड़ी परेशानी होती थी। एक सीन के बारे में बताते हए रुपा ने कहा कि मुझे एक डॉयलाग बोलना था कि मेरे खान-पान के ऊपर….लेकिन ये लाइन बोलते हुए मैं बार बार अटक जा रही थी। मैं ढंग से बोल नहीं पा रही थी कि तभी रजा सर आ गए और उन्होंने कहा- एक बंगाली रसगुल्ला फैन, वो हिंदी कैसे बोलेगी? इसके बाद मैं काफी इमोशनल हो गई थी। आगे उन्होंने कहा कि मेरे रोने से पहले ही हमारे बॉस समझ गए और ब्रेक के लिए बोल दिया। इसके बाद जब मैं रेस्ट करके आई तो अपना सीन खत्म किया।

द्रौपदी का चीर हरण का सीन महाभारत में सबसे खास सीन में से एक था। कहीं ना कहीं इस अपमान को ही महाभारत के युद्ध का कारण समझा जाता है। महाभारत के मेकिंग वीडियो में रवि चोपड़ा ने बताया था कि इस सीन को शूट करने से पहले हमने रुपा को बुलाकर पूरा सीन समझाया था। हमने रुपा से कहा कि सोचो एक औरत जिसने केवल एक कपड़ा लपेटा हो उसका ऐसा अपमान हो तो उसके मन में क्या चल रहा होगा।

द्रौपदी के किरदार में डूब जाती थीं रुपा

इसके बाद से रुपा गांगुली ने इस सीन में अपनी जान फूंक दी थी। चीर हरण सीन के बाद वो अपने कैरेक्टर में इतना खो गईं थीं कि सीन कट होने के बाद भी आधे घंटे तक रोती रहीं थीं। रुपा अपने सीन बहुत मग्न होकर किया करती थीं। रुपा ने बताया कि मैं कई सीन एक ही टेक में दे दिया करती थी यहां तक की द्रौपदी को जब दुशासन घसीट कर सभा में ले आता है और चीर हरण करता है इस सीन को भी एक ही सिक्वेंस में पूरा कर लिया गया था।

रुपा गांगुली ने महाभारत के अलावा और भी बहुत से फिल्मों में काम किया जिसमें साहेब, एक दिन अचानक, प्यार का देवता, सौगंध, निश्चय और बर्फी जैसी फिल्में शामिल हैं। हालांकि उन्हें द्रौपदी के रोल में सबसे ज्यादा पसंद किया गया। रुपा फिल्मों और टीवी शो के अलावा अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी काफी चर्चा में रहीं। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि अपने पति की हरकतों से परेशान होकर उन्होंने खुशकुशी करने की कोशिश भी की थी। इस कारण भी रुपा काफी चर्चा में रहीं। इसके बाद रुपा ने राजनीति की ओर रुख किया और 2015 में वो बीजेपी से जुड़ गईं। आज के समय में रुपा संसद की उच्च सदन में सांसद हैं और सोशल मीडिया के जरिए भी फैंस से जुड़ी रहती हैं।

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