समाचार

महाराष्ट्रः इस चश्मदीद के सामने ही मजदूरों के ऊपर से गुजरी थी मालगाड़ी, कहा- मैंने आवाज दी लेकिन

महाराष्ट्र में हुए इस हादसे में उन 16 लोगों का साथी और प्रत्यक्षदर्शी ने रेल हादसे के बारे में बताया है

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में शुक्रवार को एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया।  ट्रेन की पटरियों पर थककर सोए 16 प्रवासी मजदूरों पर मालगाड़ी चढ़ गई जिससे उनकी दर्दनाक मौत हो गई। पीएम मोदी ने इस घटना पर दुख जताया और जांच के आदेश भी दिए। महाराष्ट्र में हुए इस हादसे में उन 16 लोगों का साथी और प्रत्यक्षदर्शी ने रेल हादसे के बारे में बताया है। इस चश्मदीद का नाम धीरेंद्र है जो अपने साथी मजदूरों के साथ था, लेकिन इस हादसे में वो बच गया। धीरेंद्र ने बताया कि मैंने अपने साथियों को घटना के वक्त आवाज लगाकर उठाने की कोशिश की थी, लेकिन वो नहीं उठे।

चश्मदीद ने  बताया क्या हुआ था

धीरेंद्र सिंह ने बताया कि हम सभी मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं और हम जालना की एसआरजी कंपनी में काम करते हैं। कोरोना के कारण जब देश में लॉकडाउन हो गया तो हमें अपने घर लौटने की राह देखने लगे। हम सभी अपने पैतृक गांव ही जा रहे थे। हम गुरुवार की सुबह सात बजे अपने कमरे से निकले और अगली सुबह करीब चार बजे औरंगाबाद रेल स्टेशन तक पहुंच गए।

उसने आगे बताया कि हम कुछ देर के लिए आराम करने के लिए वहीं रुक गए।  धीरेंद्र ने बताया कि जो लोग इस घटना में मारे गए वो हमसे कुछ ही मीटर आगे चल रहे थे। वो थककर पटरियों पर बैठ गए और थकान के कारण उन्हें नींद आ गई। मेरे साथ दो और लोग भी थे और मैं थोड़ा दूरी पर ही आराम कर रहा था। कुछ देर बाद एक मालगाड़ी की आवाज आई, मैंने उन्हें आवाज दी, लेकिन नींद में वो मेरी आवाज सुन नहीं पाए। मालगाड़ी उनके ऊपर से चली गई। धीरेंद्र ने कहा कि उसने अपने साथियों को सचेत करने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन वो उठ नहीं पाए।

16 प्रवासी मजदूरों की  ट्रेन से कटकर मौत

धीरेंद्र सिंह ने कहा कि हमने एक हफ्ते पहले पास के लिए आवेदन किया था। कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन हो गया था। इससे हम सब बेरोजगार हो गए। हमें ना कोई काम मिल रहा था ना ही हमारे पास पैसे थे इसलिए हमने तय किया था कि हम अपने गांव जाएंगे। इनमें से बहुत से लोग अपने गांव की ओर चले, लेकिन कुछ पहुंच नहीं पाए। बता दें कि इन मृतक प्रवासी मजदूरों के शवों को एक विशेष ट्रेन से मध्यप्रदेश भेजा गया है। वहीं सीएम शिवराज ने मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान भी किया है।

औरंगाबाद में हुए इस दर्दनाक हादसे से हर किसी को दुख पहुंचा है और सभी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। ट्विटर पर भी हैशटैग औरंगाबाद ट्रेंड कर रहा है। कुछ लोगों ने सरकारी प्रशासन को ही इसका जिम्मेदार ठहराया है तो वहीं कुछ लोगों ने मजदूरों को लॉकडाउन में थोड़ा सावधान रहने की सलाह भी दी है। लोगों का कहना है कि बेचारों के पास खाने को रोटी नहीं थी ऊपर से उन्होंने जान भी गंवा दी। कई लोगों ने ये भी कहा कि पहले विशाखापत्तनम में जहरीली गैस लीक होने से लोगों की जान चली गई और अब 16 मजदूर भी अपनी जान गंवा बैठे, ये साल 2020 बहुत बेकार साल साबित होने जा रहा है।

Back to top button