राजनीति

जमातियों ने खुद को बताया कोरोना वॉरियर्स, मुख्तार अब्बास ट्वीट कर बोले हर मुस्लिम तबलीगी नहीं

तबलीगी अपने गुनाहों पर शर्म करने के बजाय लाखों कोरोना वॉरियर्स का अपमान कर रहे हैं। इसे कहते हैं "चोरी और सीनाजोरी"।'

कोरोना वायरस संक्रमण से सही हो चुके कई सारे जमाती अब अपना प्लाज्मा डोनेट कर रहे हैं। ताकि उनके प्लाज्मा की मदद से कोरोना से संक्रमित लोगों का इलाज किया जा सके। गौर है कि कई सारे राज्य अब प्लाज्मा थेरेपी की मदद से कोरोना संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे हैं और इस थेरेपी के लिए सरकार ने कोरोना संक्रमित से सही हो चुके लोगों से अपील की थी कि वो अपना प्लाज्मा दान करें।

सरकार की इस अपील के बाद कई बहुत सारे हिन्दुओं के साथ कुछ मुसलमान लोग भी सामने आए हैं और अपना प्लाज्मा डोनेट कर रहे हैं। हैरान करने की बात ये है कि ये कुछ मुसलमानों के प्लाज्मा डोनेट करने में सामने आने के बाद जमाती खुद को कोरोना वॉरियर्स कहने लगे हैं।

चोरी और सीनाजोरी

जमातियों के खुद को कोरोना वॉरियर्स कहने पर केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी इनपर काफी भड़क गए हैं और मुख्तार अब्बास नकवी ने तबलीगी जमात के सदस्यों के खुद को कोरोना वॉरियर्स कहने पर ऐतराज जताया है। मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने एक ट्वीट कर कहा है कि भारत में कोरोना फैलाने वाले तबलीगी अपने आपको कोरोना वॉरियर्स बता रहे हैं। अपने गुनाहों पर शर्म करने के बजाय लाखों कोरोना वॉरियर्स का अपमान कर रहे हैं। इसे कहते हैं चोरी और सीनाजोरी।

सोमवार को मुख्तार अब्बास नकवी ने ट्वीट कर लिखा की, ‘भारत में कोरोना फैलाने वाले तबलीगी अपने आप को “कोरोना वॉरियर्स” बता रहे हैं। कमाल है, तबलीगी अपने गुनाहों पर शर्म करने के बजाय लाखों कोरोना वॉरियर्स का अपमान कर रहे हैं। इसे कहते हैं “चोरी और सीनाजोरी”।’

हर मुस्लिम तबलीगी नहीं

अपने एक अन्य ट्वीट में मुख्तार अब्बास नकवी ने लिखा है कि बेशक कुछ राष्ट्रभक्त मुसलमानों ने जरूरतमंदों को प्लाज्मा दिया है पर उन्हें तबलीगी कहना ठीक नहीं। हर हिंदुस्तानी मुसलमान को तबलीगी साबित करने की “सुनियोजित घटिया तबलीगी साजिश” है। भारत कोरोना से लड़ रहा है।’

गौरतलब है कि जमातियों के कारण ही देश में कोरोना वायरस तेजी से फैला है। दिल्ली में 2 हजार से अधिक जमाती मरकज में छुपे बैठ थे। जिनको दिल्ली पुलिस ने यहां से निकाला था। वहीं इन जमातियों में से कई सारे कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इतना ही नहीं जब इन जमातियों को क्वारनटीन कैंप में रखा गया। तो ये महिला डॉक्टर और अन्य लोगों के साथ गलत बर्ताव भी कर रहे थे। हालांकि इन्हीं जमातियों में से अब कुछ जमाती कोरोना वायरस से सही होने के बाद अपना प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आगे आए हैं।

क्या होती है प्लाज्मा थेरेपी

प्लाज्मा थेरेपी के तहत कोरोना संक्रमण से सही हो चुके मरीज का प्लाज्मा इस्तेमाल कर कोरोना से ग्रस्त मरीज का इलाज किया जाता है। प्लाज्मा थेरेपी बेहद ही कारगर सबाति हुई है। जिसके चलते दिल्ली, यूपी, मुंबई सहित कई सारे राज्य अब इस थेरेपी का प्रयोग कोरोना के इलाज के तौर पर कर रहे हैं। इस थेरेपी के लिए कोरोना वायरस संक्रमण से सही हो चुके मरीजों के प्लाज्मा की जरूरत पड़ती है। इसलिए जो लोग इस वायरस से सही हो चुके हैं वो आगे आकर अपना प्लाज्मा दान कर रहे हैं। ताकि इससे अन्य मरीजों का इलाज हो सके।

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