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कोरोना के लिए रामबाण साबित हो रही है प्लाज्मा थेरेपी, जानें इस थेरेपी के बारे में

कोरोना से निपटने में प्लाज्मा थेरेपी लाभ दायक साबित हो रही है और इस थेरेपी की मदद से कोरोना संक्रमति लोगों का इलाज हो रहा है

कोरोना से निपटने में प्लाज्मा थेरेपी (Plasma Therapy) कारक साबित हो रही है और इस थेरेपी की मदद से कोरोना संक्रमति लोगों का इलाज किया जा रहा है। दरअसल हाल ही में दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल ने कोरोना के मरीज पर प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल किया था और इस थेरेपी से पीड़ित मरीज सही हो गया था।

क्या होती है प्लाज्मा थेरेपी (Plasma Therapy)

कोरोना वायरस के इलाज के लिए प्लाजमा थेरेपी का प्रयोग किया गया है और इस थेरेपी के तहत कोरोना संक्रमित मरीज को प्लाज्मा दिया जाता है जो कि कोरोना वायरस से सही हुए मरीज का होता है। और सरल शब्दों में अगर इस थेरेपी को समझा जाए तो इसके तहत कोरोना संक्रमित से सही हो चुके मरीज के ही खून से प्लाज्मा कोरोना पीड़ित को दिया जाता है।.

मैक्स हेल्थ के ग्रुप डायरेक्टर डॉ संदीप बुद्धिराजा के अनुसार  प्लाज्मा थेरेपी देने के लिए ये जरूरी होता है कि कोई ऐसा मरीज मिले जो कोरोना वायरस संक्रमित से ठीक हो चुका हो और 14 दिन बीत चुके हों। इस मरीज का प्लाज्मा कोरोना संक्रमित व्यक्ति को दिया जाता है और ऐसे करने से कोरोना ग्रस्त व्यक्ति जल्द ही रिकवर कर लेता है।

बुद्धिराजा ने बताया कि इस थेरेपी से एक व्यक्ति का इलाज किया गया है। इस इलाज के तहत मरीज को महिला डोनर का प्लाज्मा दिया गया। जिस व्यक्ति की प्लाज्मा थेरेपी की गई वो दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी का था। इस मरीज के पिता की कुछ दिनों पहले ही कोरोना से मौत हुई थी । वहीं इसकी मां और बहन कोरोना से रिकवर कर चुके थी। ये व्यक्ति 8 अप्रैल को भर्ती हुआ था और इसे ठीक करने के लिए प्लाज्मा थेरेपी इसे दी गई। इस मरीज की मां के कहने पर इसे ये थेरेपी दी गई।

कितना प्लाजमा दिया जाता है

इस थेरेपी के तहत मरीज में एक बार में 200ml प्लाज्मा डाला जाता है। इस थेरेपी के लिए रिकवर हुए व्यक्ति से हम 400ml प्लाज्मा निकाल सकते हैं। डॉक्टरों के अनुसार प्लाज्मा थेरेपी करने के बाद अगर कोरोना वायरस से रिकवर हुए और मरीज आगे आते हैं, तो वो 2 मरीजों की जान बचा सकते हैं।

कितनी है लागत

डॉक्टर के अनुसार इस थेरेपी को करने में 12000 का खर्चा आ सकती है। जबकि सरकारी अस्पताल में ये लागत कम हो सकती है। गौरतलब है कि अभी तक कोरोना वायरस की कोई भी दवाई बाजार में नहीं आई है। ऐसे में पहले से मौजूद दवाओं और तरीक्कों की मदद से कोरोना वायरस का इलाज किया जा रहा है। हालांकि कई सारी कंपनियों ने कोरोना की दवाई तैयार कर ली है। लेकिन अभी तक इनका परीक्षण पूरा नहीं हुआ है और परीक्षण पूरा होने में अभी भी एक साल का वक्त लग सकता है। ऐसे में कोरोना का इलाज करने के लिए डॉक्टर मौजूदा दवाओं का ही प्रयोग इस बीमारी को सही करने के लिए कर रह हैं। कई देशों में मलेरिया की दवा से इसका इलाज किया जा रहा है।

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