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यूपी के CM के पिता ने ली आखिरी सांस, अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होंगे योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता का सोमवार को दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया। सीएम योगी के पिता को लिवर और किडनी की समस्या थी। पिछले कुछ दिनों से उनकी बीमारी बढ़ गई थी और उन्हें 13 मार्च को दिल्ली के एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में भर्ती करवाया गया था। रविवार देर रात से उनकी स्थिति गंभीर थी, ऐसी गंभीर स्थिति में उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था और उनका डायलिसिस भी कराया गया, लेकिन सोमवार की सुबह 10:44 बजे उनका स्वर्गवास हो गया।

सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता के देहांत पर सूबे की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, सरकार के अन्य सभी मंत्रीगण, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू व अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।

अंतिम संस्कार में सीएम योगी नहीं होंगे शामिल

अपने पिता के निधन पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अपने पूज्य पिताजी के कैलाशवासी होने पर मुझे भारी दुःख एवं शोक है। वे मेरे पूर्वाश्रम के जन्मदाता हैं। जीवन में ईमानदारी, कठोर परिश्रम एवं निस्वार्थ भाव से लोक मंगल के लिए समर्पित भाव के साथ कार्य करने का संस्कार बचपन में उन्होंने मुझे दिया। योगी आदित्यनाथ ने कहा, अंतिम क्षणों में उनके दर्शन की हार्दिक इच्छा थी, परंतु वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता के हित में आगे बढ़ाने के कर्तव्यबोध के कारण मैं न कर सका।


उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की सफलता और कोरोना को हराने की रणनीति के कारण वो कल अंतिम संस्कार में भाग नहीं ले पाएंगे। इसके साथ ही सीएम ने अपनी मां और अन्य लोगों से अपील की है कि अंतिम संस्कार में कम से कम लोग हिस्सा लें और लॉकडाउन को सफल बनाएं।

पिता के देहांत की सूचना मिलने के बाद भी करते रहे बैठक

सीएम योगी आदित्यनाथ अपने पिता के देहांत की सूचना मिलने के बाद भी अपना कर्तव्य पालन करते रहे। जिस समय उनके पिता का स्वर्गावास हुआ उस समय वो कोरोना वायरस के संकट पर अधिकारियों के साथ बैठक में थे और सूचना के बाद भी सीएम ने मीटिंग जारी रखी। यूपी के इन्फॉर्मेशन डायरेक्टर शिशिर ने बताया कि आज सुबह 10 बजे से मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कोविड19 के कोर ग्रुप के अधिकारियों के साथ सीएम की बैठक हो रही थी, तभी उन्हें ये खबर मिली कि पिता का निधन हो गया। इसके बाद भी उन्होंने बैठक स्थगित नहीं की, बल्कि अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते रहे और बैठक पूरा हो जाने के बाद ही उठे।

अधिकारियों के साथ इस महत्वपूर्ण बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि कोटा से लौटे छात्र अपने अपने घरों में क्वारंटीन रहें, इस बात को सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही सभी बच्चों की स्क्रीनिंग आवश्यक रूप से की जाए और उन बच्चों को अपने घर, मोबाइल में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करवाकर ही भेजा जाए। यूपी के सूचना निदेशक शिशिर बताते हैं कि, मुख्यमंत्री को पिता के निधन की सूचना मिलने के 45 मिनट बाद तक वे बैठक करते रहे।

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