अध्यात्म

जानिये, आखिर क्यों हिंदू धर्म में मृतकों की तस्वीर को पूजा घर में रखना माना जाता है अशुभ?

हिंदू धर्म अन्य धर्मों से इसलिए भी अलग है, क्योंकि यहां जन्म से लेकर मृत्यु तक निर्धारित धार्मिक, सामाजिक परंपराओं और नियमों का पालन होता है. ऐसा नहीं है कि हिंदू धर्म के लोग सिर्फ पर्व-त्योहार और उत्सवों के दौरान ही धार्मिक परंपराओं का ख्याल रखते हैं, बल्कि वे आम दिनों में भी इनका खासा ध्यान रखते हैं. हिंदू समुदाय के लोगों का पूजा-पाठ में विश्वास अधिक होता है. धर्मिक पुस्तकों और पुराणों में भी घर में रोज पूजा-पाठ करना अनिवार्य माना गया है. यही कारण है कि अक्सर हिंदुओं के घर में पूजा घर या पूजा स्थल देखने को जरूर मिलता है.

तस्वीरों को भगवान का दर्जा देकर पूजा घर में ही टांग देते हैं :

मगर आपने कभी पूजा घर को गौर से देखा है? अगर आप किसी के पूजा घर को देखेंगे तो आप भगवान की तस्वीरों के साथ कुछ अन्य लोगों की भी तस्वीरें पायेंगे. दरअसल, होता ये है कि कई बार लोग पूजा घर में भगवान की तस्वीरों के साथ अपने मृत पूर्वजों की भी तस्वीर लगा देते हैं. ऐसा माना जाता है कि कुछ लोगों के लिए परिवार के मृत सदस्य इतने सम्मानित और पूज्यनीय होते हैं कि वे उन्हें भगवान से कम नहीं मानते. यही वजह है कि परिवार के लोग उनकी तस्वीरों को भगवान का दर्जा देकर पूजा घर में ही टांग देते हैं.

पूजास्थल पर पूर्वजों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए :

मगर सबसे बड़ा सवाल है कि क्या ऐसा करना वास्तु शास्त्र के मुताबिक उचित है? जी हां, अगर आप वास्तु को मानते हैं, तो वास्तु की दृष्टी से घर के पूजास्थल पर पूर्वजों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए. वास्तु-शास्त्र के मुताबिक, अगर कोई पूजा घर में मृत व्यक्ति की तस्वीर रखता है, तो इसका सीधा मतलब है कि वो खुद अपने परिवार में अशांति और दुर्भाग्य को न्योता दे रहा है.

हालांकि, इसके उलट तमिलनाडु में कुछ जगहों पर मान्यता है कि मृत लोग देवदूत बन जाते हैं और वे स्वर्ग में चले जाते हैं. इसीलिए पूजा घर में भगवान के साथ ही मृत लोगों की तस्वीर रखने से और उनकी पूजा करने से शांति और सद्भाव का प्रसार होता है. ऐसा करने से वो भगवान के काफी निकट महसूस करते हैं.

मगर हिंदू धर्म के अनुसार, जब इंसान मरता है, तो उसकी आत्मा उसका शरीर छोड़कर दूसरे शरीर को धारण करती है. क्योंकि हिंदू धर्म के मुताबिक, हिंदू सिर्फ आत्मा की पूजा करते हैं शरीर की नहीं. शरीर का दाह-संस्कार कर दिया जाता है. इसलिए अगर भगवान के साथ मृत व्यक्ति की पूजा होती है, तो उसे भगवान की निंदा माना जाता है.

इसके अलावा वास्तु शास्त्र में यह भी कहा गया है कि भगवान की तस्वीर को उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखना चाहिए. साथ ही पूजा घर हमेशा उत्तर-पूर्व में बनवाना चाहिए. घर में मृत पूर्वजों की फोटो दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण या पश्चिम में लगानी चाहिए. अगर आप वास्तु के क्रम में इन्हें नहीं रखते हैं, तो इससे न सिर्फ आपके घर में अशांति बढ़ेगी, बल्कि आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ सकता है.

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