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कोरोना: मस्जिदों में रमजान की नमाज पर लगी रोक, सरकार का आदेश, घरों से ही करें इबादत

रमजान के महीने में लोग अपने घरों से ही नमाज पढ़ें और धार्मिक स्थल पर ना जाएं। इफ्तार पार्टी या सहरी दावत भी ना दें।

रमजान का महीना शुरू होने वाला है और ऐसे में केंद्र सरकार द्वार कई दिशा-निर्देशों जारी किए गए हैं। ताकि लॉकडाउन के नियमों का पालन हो सके। केंद्र सरकार की और से जारी किए गए दिशा-निर्देशों में साफ तौर से कहा गया है कि 3 मई तक सारे धार्मिक स्थल बंद रहेंगे और इस दौरान लोगों किसी भी तरह के धार्मिक समारोह में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। वहीं अब कर्नाटक सरकार ने भी अपने राज्य में एक नोटिस जारी किया है और इस नोटिस में कहा है कि रमजान के महीने में लोग अपने घरों से ही नमाज पढ़ें और धार्मिक स्थल पर ना जाएं। साथ में ही लॉकडाउन के चलते इफ्तार पार्टी या सहरी दावत भी ना दें।

कर्नाटक अल्पसंख्यक कल्याण, वक्फ और हज विभाग की और से जारी किए गए निर्देशों में कहा गया है कि लोगों को मस्जिद में नमाज पढ़ने (जुमा व तरावीह समेत) की इजाजत नहीं दी जाएगी।  साथ में ही मस्जिद या दरगाह के आसपास किसी भी खाने की दुकान की भी नहीं लगाई जाएगी।  रोजेदार अपने घरों में ही नमाज अदा करेंगे और मजिस्द ना जाएं। मस्जिदों में केवल इमामों, मौजान द्वारा को ही नमाज अदा करने की अनुमति दी गई है और मस्जिद परिसर में मोहल्लों में बांटने के लिए कुछ भी नहीं बनाया जाएगा।

रमजान का महीना 24 या 25 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है और 3 मई तक केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के मद्देनजर मस्जिदों में लोगों को नमाज की इजाजत नहीं दी जाएगी। केंद्रीय सरकार की और से साफ कहा गया है कि धार्मिक समारोह, धार्मिक स्थल और प्रार्थना जनता के लिए बंद रहेंगे।

प्री-रिकॉर्डेड ऑडियो क्लिप से होगी घोषणा

मंत्रालय ने ये भी आदेश दिए हैं कि सभी दिशा-निर्देशों की घोषणा मस्जिदों व दरगाहों से तीन भाषाओं में दिन में चार बार होगी और लोगों को नियमों के बारे में बताया जाएगा। ये घोषणा एक प्री-रिकॉर्डेड ऑडियो क्लिप के जरिए की जाएगी।

बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नवकी ने लोगों से अपील की है कि वो नियमों का पालन करें और रमजान के महीने में घरों से बाहर ना निकलें। साथ में ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। अपने-अपने घरों में ही इबादत करें।

गौरतलब है कि रमजान के महीने में लोग मस्जिदों में जाकर नमाज पढ़ते हैं। लेकिन कोरोना वायरस के कारण सरकार ने देश के सभी धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया है और लोगों से मस्जिदों में ना जाने को कहा है। कोरोना के कारण अन्य देशों ने भी अपने नागरिकों को रमजान के दौरान घर से ही नमाज पढ़ने को कहा है। हालांकि पाकिस्तान देश में नागरिक सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और सरकार से मांग कर रहे है कि रमजान के महीने मस्जिदों को खोला जाए। ताकि वो नमाज अदा कर सकें।

बढ़ सकता है कोरोना वायरस फैलने का खतरा

रमजान के दौरान मस्जिदों में लोग काफी संख्या में इक्ट्ठा होते हैं और ऐसे में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने का खतरा और बढ़ सकता है। इसी खतरे को देखते हुए सरकार द्वारा ये फैसला लिया गया है।

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