समाचार

अवैध रूप से लोगों को यूपी लेकर जा रहा था ट्रक, शक होने पर ली तालाश, उड़े पुलिस के होश

लाखों लोग देश के अलग-अलग कोनों से पलायन करने में लगे हुए हैं और अपने गांव जा रहे हैं। मुबंई और दिल्ली जैसे शहरों से लाखों की संख्या में लोग पलायन कर ले लें। ये लोग अधिकतर बिहार और उत्तर प्रदेश के हैं और लॉकडाउन होने के बाद से अपने गांव जाने में लगे हुए हैं। इतनी बड़ी संख्या में पलायन होने के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को आदेश दिया है कि वो अपने बॉर्डरों को सील कर दें और लोगों को ना राज्य के अंदर आने दें और ना ही राज्य से बाहर जाने दें। लेकिन कई सारे लोग अवैध तरीके से एक राज्य से निकलकर दूसरे राज्य में जाने लगें हुए हैं। हाल ही में मुंबई पुलिस ने एक ऐसे ही ट्रक को पकड़ा है जो मजदूरों को महराष्ट्र से बाहर लेकर जा रहा था।

ये ट्रक 64 मजदूरों को अवैध रूप से उत्तर प्रदेश ले जा रहा था। इस ट्रक को  पुलिस ने रविवार को पकड़ा है। पुलिस के अनुसार उन्होंने इस ट्रक के दो भाइयों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। साकी नाका पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पवई में सुबह मजदूरों को एक ट्रक में लदे हुए पाया गया। अधिकारी ने कहा, ‘‘अमजद अली रज्जाक शाह (32) और उसके भाई व वाहन के मालिक मोहम्मद शाह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। ये लोग मजदूरों को उत्तर प्रदेश ले जा रहे थे और ऐसा करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति से 2,500 रुपये ले रहे थे।

जोन एक्स के पुलिस उपायुक्त अंकित गोयल ने कहा कि मजदूरों को छोड़ दिया गया है और मजदूरों को नगर निकाय के अधिकारियों ने भोजन और अन्य बुनियादी सुविधाएं मुहैया करवाई हैं। जबकि ट्रक के मालिकों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 269 और 188द के तहत मामला दर्ज किया गया है और दोनों को हिरासत में लिया गया है।

गौरतलब है कि लॉकडाउन के आदेश के बाद से ही रेल और बस सेवाओं को भी बंद कर दिया गया है। ताकि लोग एक जगह से दूसरी जगह ना जा पाएं और कोरोना वायरस ना फैल सके। लेकिन इसके बावजूद भी लोग मान नहीं रहे हैं और अवैध तरीके से जाने में लगे हुआ है। जबकि ट्रक वाले और बस वाले मनचाही राशि लेकर इन लोगों को इनके राज्य तक पहुंच रहे हैं।

पैदल ही जा रहे हैं गांव

कई सारे मजदूर पैदल ही अपने गांव जा रहे हैं। इन मजदूरों की मदद करने के लिए राज्य सरकारों ने बसों के इंतजाम भी करवाए थे। लेकिन अभी भी लाखों की संख्या में मजदूर शहरों में फंस हुए हैं और अपने गांव जाने के लिए हर मुमकिन तरीका खोज रहे हैं। इन्हीं लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर ट्रक और बस वाले इनसे अधिक पैसे वसूल रहे हैं।

Back to top button