राजनीति

देखें कैसे परेश रावल ने ट्विटर पर केजरीवाल+आपियों की खूब बैण्ड बजाई

अपने विधायकों को खुश करने के लिए, केजरीवाल ने एक दो नहीं, इक्कीस लोगों को, संसदीय सचिव बना दिया! संसदीय सचिव बनने का मतलब आपको मिलेगी गाड़ी, बंगला, और बहुत सी रियायतें! कोशिश तो यह सब कानूनी तरीके से करने की थी लेकिन, थोड़ी चूक हो गई इनसे! ये संसदीय सचिव, अपने पास, office of profit अर्थात लाभ का कोई कारोबार नहीं रख सकते थे! ये कानून था!

एक भी साहब की कोर्ट में अपील पर, न्यायाधीश ने इसका संज्ञान लिया और चल पड़ा केस! गौर कीजिये की हर मोड़, पर अरविन्द केजरीवाल और आपीए, इस सब के लिए मोदी जी पर आरोप लगा रहे हैं! एक से चोरी, और उपर से सीनाचोरी! मुर्ख!

आगे, केजरीवाल ने अपने विधायकों को बचाने के लिए (या, यूँ कहिये, अपनी इज्जत बचाने के लिए), दिल्ली विधानसभा से एक नया कानून पारित किया!

लेकिन, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने, इस नए कानून को मंजूरी देने से, साफ़-साफ़ मना कर दिया! अब बताओ आरोप अगर केजरीवाल को किसी पे लगाने हैं तो किसपे लगाने चाहिए? वकील पे जिसने केस किया, राष्ट्रपति पे, या खुद पे, ऐसा गैर-कानूनी काम करने के लिए! लेकिन, केजरीवाल तो केजरीवाल है! भला मोदी नाम का जाप कर कर के ही तो यह अपने ऊँचे होने का ख्वाब देखता है! दया तो हमें आपियों पे और उनकी बुद्धि की क्षमता पे आती है

इसी मामले पर आइये देखते हैं कैसे प्रवेश रावल ने केजरीवाल की ट्विटर पे जम के बैण्ड बजाई:

 

परेश रावल ने जब इस प्रकरण को देखा तो, अपने अंदाज में आपियों और केजरीवाल को उनकी मुर्खता के स्तम्भ और उनपर चिन्हित उनके कृत्यों को उजागर करने लगे:

जो कुछ भी परेश रावल ने कहा, वह बिल्कुल सच है। और अगर किसी को यकीन ने हो तो केजरीवाल के ट्विटर फीड पर उनके ट्वीटस पढ़ लें, सब समझ आ जाएगा।

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