राजनीति

अंकित शर्मा की अंतिम यात्रा में ‘राम नाम सत्य’ की जगह लगे ये नारे, जानकर आप भी हो जाएंगे भावुक

दिल्ली में CAA हिंसा की वजह से IB कांस्टेबल अंकित शर्मा की मृत्यु हो गयी. अंकित शर्मा उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के रहने वाले थे. अंकित शर्मा का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव इटावा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया. अंकित का पार्थिव शरीर दिल्ली से शाम को उनके घर इटावा लाया गया. इटावा लाने के बाद काफी लम्बे समय तक उनके अंतिम दर्शन करने वाले लोगों का तांता लगा रहा. अंतिम दर्शन करने के पश्चात्त अंकित के पार्थिव शरीर को सैकड़ों लोगों ने छलकी आँखों के साथ अंतिम विदाई दी. अंकित शर्मा के पार्थिव शरीर को कंधा देने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गयी थी. इनकी अंतिम यात्रा में केंद्रीय मंत्री, डीएम, एसएसपी समेत तमाम आला अधिकारि भी शामिल हुए. इन सभी लोगों ने अंकित शर्मा को सलामी दी. अंकित के भाई अंकुर शर्मा ने उनके पार्थिव देह को मुखाग्नि दी.

अंकित शर्मा की अंतिम यात्रा में उनके पार्थिव शरीर को ले जाते हुए लोग CAA और NRC के पक्ष में नारे लगा रहे थे. इसके अलावा अंकित की अंतिम यात्रा में लोग CAA व NRC के पक्ष में भी नारे लगा रहे थे. इतना ही नहीं अंकित शर्मा की अंतिम यात्रा में लोग नम आंखों के साथ ग्रामीण भारत माता की जय के नारे भी बहुत ज़ोर ज़ोर से लगा रहे थे. इनकी अंतिम यात्रा में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के साथ साथ भारी पुलिस बल शामिल हुआ.

शहीद अंकित शर्मा का जन्म मुजफ्फरनगर के बुढाना थाना क्षेत्र के इटावा गांव में हुआ था. एडीएम अमित कुमार ने एक इंटरव्यू में बताया की अंकित शर्मा दिल्ली के आईबी ऑफिस में काम करते थे. अंकित शर्मा मंगलवार के दिन शाम के समय से मिल नहीं रहे थे. अंकित शर्मा के पिता का नाम रविंदर शर्मा है. ये भी आईबी ऑफिस में ही काम करते हैं. अंकित शर्मा की मौत के बाद इनके परिवार में मातम का माहौल छाया हुआ है. बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद अंकित की मां को गहरा सदमा लगा है और तबसे उनका रोना बंद नहीं हो रहा है. अपने बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद अंकित की माँ का रो-रोकर बुरा हाल है.

बेटे की मौत से बेहद दुखी अंकित की मां ने बताया की उन्होंने मंगलवार को अंकित को घर से बाहर जाने के लिए मना किया था और उनसे घर पर ही रुकने के लिए कहा था. अंकित की मां ने उन्हें चाय पीने के लिए घर पर रुकने के लिए कहा पर अंकित ने अपनी माँ की बात नहीं मानी और दूसरों की जान बचाने घर से बाहर चले गए. अंकित की मां के अनुसार उसके बाद वो लगातार अपने बेटे के घर वापस आने का इंतज़ार करती रही पर उनके बेटे की जगह उनका मृत शरीर घर आया. अंकित का पूरा परिवार अंकित की मौत के गम से बाहर आने की कोशिश  कर रहा है.

 

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