राजनीति

सत्ता के लालच में शिवसेना बना ‘चूहा’, कांग्रेस द्वारा किये गए शिवाजी के अपमान पर साधी चुप्पी

मध्यप्रदेश में एक नया बवाल सामने आया है जो इस बात को सामने ला रहा है कि किस तरह से  शिवसेना राजनीति और सत्ता के लालच में अपनी विरासत को खोती जा रही है। अब ये बात तो सबी को मालूम है कि शिवसेना शिवाजी के आदर्शों पर चलने वाली पार्टी थी। लेकिन, अभी जो मामला सामने आया है उससे साफ जाहिर है कि शिवसेना सत्ता के लालच में ‘चुहा’ बन गई है। आपको तो मालूम ही होगा कि मध्य प्रदेश में अभी कुछ दिनों पहले ही महात्मा गांधी जी की प्रतिमा को लेकर मचा बवाल मचा था। लेकिन, इस बार यहां छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा को लेकर बवाल मच गया है। दरअसल, प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के सौंसर में मोहगांव तिराहे से नगरपालिका अधिकारियों ने शिवाजी की प्रतिमा ढहा दी है। इस मामले पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने भी कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा है।

क्या है पूरा मामला?

रिपोर्ट के मुताबिक, यह मामला छिंदवाड़ा जिले के सौंसर का है। यहां पर मोहगांव तिराहे से हिंदू संगठन ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित की थी। जिसे नगरपालिका के अधिकारियों ने गिरा दिया है। शिवसेना के आदर्श छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिराए जाने को लेकर चारो ओर विरोध प्रदर्शन शुरू हो रहा है। इसे लेकर महाराष्ट्र में प्रदर्शन हो रहे हैं। क्योंकि शिवसेना शिवाजी को अपना आदर्श मानती है इसलिए लोग उससे सवाल पूछ रहे हैं, क्योंकि शिवसेना कांग्रेस के साथ मिल कर सरकार चला रही है और मध्य प्रदेश में कंग्रेस की ही सरकार है। लेकिन, जहां यह मामला हुआ है वह कलमलनाथ का संसदीय क्षेत्र भी रहा है और अब कमलनाथ के बेटे यहाँ से सांसद हैं।

जिस कांग्रेस के साथ शिवसेना का गठबंधन है उसी ने शिवाजी की मूर्ति पर बुल्डरज़ोर चला दिया, और शिवसेना चुप है, कांग्रेस के सामने चूहा बन  चूका है शिवसेना । सावरकर के अपमान पर भी इस तरह मुँह में कुल्फी जमा कर बैठ गए थे शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे

नेताओं ने उठाए सवाल

इस पूरे मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कांग्रेस सरकार और शिवसेना पर निशाना साधा है। शिवराज सिंह ने कहा है कि क्या छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना आदर्श मानने वाली शिवसेना उनका इस तरह से अपमान बर्दाश्त कर पाएगी? वही प्रशासन का दावा किया है कि हिन्दू संगठनों ने बिना अनुमति शिवाजी की प्रतिमा की स्थापना थी।

इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस घटना पर दुःख जताया है। बता दें कि इस घटना को लेकर बीते मंगलवार यानी फरवरी 11, 2020) को लोगों ने प्रशासन व सरकार के ख़िलाफ़ जम कर नारेबाजी की।

 

शिवाजी के इतिहास की बात करें तो उनका जन्म 19 फरवरी 1630 में शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। शिवाजी का पूरा नाम शिवाजी भोंसले था और उनकी माता का नाम जीजाबाई था। शिवाजी महाराज का विवाह 14 मई, 1640 में सइबाई निम्बालकर से हुआ था।

शिवाजी को हिंदुओं की मुक्ति के लिए मुगलों से संघर्ष के लिए जाना जाता है। उन्होंने मराठाओं की एक विशाल सेना तैयार कर ली थी। और उन्हहें भारतीय नौसेना का जनक भी माना जाता है। मराठा होने की वजह से ही मराठों की पार्टी शिवसेना उन्हें अपना आदर्श मानती है। लेकिन ऐसे मामले शिवसेना अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा की वजह से शिवाजी का अपमान भी बर्दाश्त कर रही है। अब देखना दिलचस्प होगा कि शिवसेना इस मुद्दे पर कुछ प्रतिक्रिया करती भी है या नहीं।

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