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‘भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत, गरीबी भी हुई कम’ – नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजित बनर्जी

पिछले कुछ महीनों से देश की अर्थव्यवस्था को लेकर कई सारे सवाल उठ रहे थे. ऐसे में हाल ही में नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी का एक बयान आया हैं जिसे सुन मोदी सरकार चैन की सांस ले सकती हैं. दरअसल बीते रविवार राजस्थान के जयपुर शहर में एक लिटरेचर फेस्टिवल था जिसमे गेस्ट के रूप में आए बनर्जी ने कहा कि इंडियन इकॉनमी में सुधार आने के अच्छे संकेत दिख रहे हैं. हालाँकि उन्होंने ये भी कहा कि मुझे इस बात का नहीं पता कि यही स्थिति आगे भी रहेगी या नहीं क्योंकि ताजा आकड़े आना अभी बाकी हैं. दूसरी तिमाही में भारत की आर्थिक विकास दर 4.5 प्रतिशत थी जो कि साढ़े सह वर्षों में सबसे कम लेवल पर हैं. वहीं उसके पहले की पिछली तिमाही में इंडिया की विकास दर सिर्फ 5 प्रतिशत थी.

30 सालों में घटी हैं गरीबी

बनर्जी ने भारत की गरबी पर भी अपनी राय रखते हुए कहा कि बीते 30 सालो में इंडिया की गरीबी में बहुत कमी देखने को मिली हैं. मसलन 1990 में भारत में 40 प्रतिशत लोग गरीब थे जबकि अब ये संख्या घटकर 20 प्रतिशत रह गई हैं. हाँ जनसँख्या में वृद्धि जरूर हुई हैं लेकिन गरीबी भी घटी हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ये वही अभिजित बनर्जी हैं जिन्हें दुनिया भर में गरीबी दूर करने के लिए एक्सपेरिमेंट अप्रोच हेतु अर्थशास्त्र में नोबेल सम्मान मिल चुका हैं.

बैंकिंग सेक्टर दबाव में

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश के बैंकिंग क्षेत्र काफी दबाव महसूस कर रहे हैं. वहीं सरकार भी इस स्थिति में नहीं हैं कि उन्हें प्रोत्साहन पैकेज देकर इस मुसीबत से बाहर निकाल सके. वाहन क्षेत्र की बात करे तो यहाँ भी मांग की कमी के चलते लोगो में अर्थव्यवस्था को लेकर भरोसा कम हुआ हैं.

58 वर्षीय अर्थशास्त्री बनर्जी आगे कहते हैं कि गरीबी एक कैंसर की तरह होती हैं. इसकी वजह से कई सारी प्रॉब्लम क्रिएट होती हैं. कुछ एजुकेशन में गरीब हैं, कुछ हेल्थ में तो कुछ पैसो के मामले में गरीब हैं. ऐसे में आपको ये पता लगाना हैं कि किसे क्या कमी रह गई. ये सभी समस्याएं अलग अलग हैं इसलिए इनका एक ही तरीके से समाधान करना संभव नहीं हैं.

गरीबों को आर्थिक मदद दी जानी चाहिए

कई रूढ़िवादियों का ये मानना हैं कि यदि आप गरीब को पैसो की मदद देते हैं तो वे फिजूल खर्ची करेंगे और आलसी हो जाएंगे. हालाँकि बनर्जी ने कहा कि हद से ज्यादा गरीब लोगो को पैसो की मदद देना या मुफ्त सुविधाएं देना गलत नहीं हैं.

सही आकड़े देना जरूरी

जब उनसे सवाल किया गया कि लोगो को यदि आकड़ों पर भरोसा ना हो तो क्या करना चाहिए? इस पर बनर्जी ने कहा कि सरकार को इन चीजों को लेकर सही आकड़े उपलब्ध कराने की जरूरत हैं. खासकर तब जब आप किसी विदेशी निवेशक की भागेदारी चाहते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात पर गौर करना चाहिए.

वैसे इस पुरे मामले पर आपकी क्या राय हैं हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताए. क्या आपको लगता हैं कि मोदी सरकार के कार्यकाल में गरीबी दूर होगी और अर्थव्यवस्था में सुधार हो पाएगा?

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