राजनीति

नौटंकी करने में राखी सावंत को भी पीछे छोड़ा प्रियंका वाड्रा ने, पहले लगाया आरोप फिर वीडियो देख पलटी

लखनऊ – शनिवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लखनऊ में महिला पुलिसकर्मी द्वारा ‘गला दबाने’ व ‘धक्का देकर गिराने’ का आरोप लगा कर देश की सियासत को गरमा दिया है। प्रियंका गांधी के इस तरह के आरोप के बाद भाजपा-कांग्रेस में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। बता दें कि प्रियंका गांधी ने बीते शनिवार को एक महिला पुलिसकर्मी पर लखनऊ में उनका ‘गला दबाने’ व ‘धक्का देकर गिराने’ का आरोप लगाया था। जिसके बाद से ही इस मुद्दे पर गर्मा गर्मी नजर आ रही है। इसी बीच जिस महिला पुलिसकर्मी पर आरोप लगाएं हैं उन्होंने सामने आकर अपनी बात रखी है और प्रियंका गांधी के ‘गला दबाने’ व ‘धक्का देकर गिराने’ के आरोप को गलत बताया है।

महिला पुलिस अधिकारी जो शनिवार को प्रियंका गांधी के काफिले की फ्लीट इंचार्ज थीं, उनका नाम सीओ डॉ. अर्चना सिंह है। प्रियंका के इन आरोपों पर उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी अचानक अपनी यात्रा का कार्यक्रम बदल रही थीं। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी द्वारा लगाए गए आरोप की उन्होंने गला घोंटा था, “गलत” है। “मैं उनकी फ्लीट इंचार्ज थी और यह सच नहीं है। शाम 4.30 बजे मुझे जानकारी मिली कि वह पार्टी ऑफिस से कौल हाउस के लिए निकलेंगी। व्यवस्था उसी के अनुसार की गई और वह पार्टी ऑफिस से बाहर आई और काफिला गंतव्य की ओर रवाना हो गया। अर्चना सिंह ने कहा कि सामने वाले काफिले को उन्होंने मोड़ लिया।

उन्होंने कहा, “जब उनकी कार ने अचानक चक्कर लिया, तो मैंने सुरक्षा चिंताओं के कारण उनके गंतव्य के बारे में जानकारी मांगी। पार्टी कार्यकर्ताओं ने जानकारी देने से इनकार कर दिया। बाद में, प्रियंका गांधी अपनी कार से उतर गईं और अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ चलना शुरू कर दिया” “वीआईपी द्वारा मार्ग बदलने से ट्रैफ़िक समस्याएँ होती हैं।” जिसकी तैयारी हम बहुत पहले से ही कर लेते हैं। लेकिन प्रियंका के इस तरह से अचानक रास्ता बदलने से ट्रैफिक की समस्या का सामना करना पड़ सकता था।

कुछ ही समय पहले मिली थी भाई की मौत की खबर

आपको जानकर हैरानी होगी की जिस डॉ. अर्चना पर प्रियंका ने ऐसा आरोप लगाया है, उस डॉ. अर्चना के भाई की मौत की खबर जब उन्हें मिला तो वह उस समय कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की सुरक्षा में तैनात थीं। इस दुख की घड़ी में भी उन्होंने खुद को संभाला और फर्ज को ऊपर रखा। उन्होंने इस दुख की घड़ी में भी कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली। डॉ. अर्चना चाहती तो अपने भाई की मौत की सूचना देकर डयूटी से छुट्टी ले सकती थीं। लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने प्रियंका वाड्रा की सुरक्षा की और फिर एसएसपी को अपनी ड्यूटी पूरी होने के बाद अपने भाई की मौत की सूचना दी।

बता दें कि ऐसी महिला सीओ पर प्रियंका वाड्रा ने धक्कामुक्की कराने का आरोप लगाया। प्रियंका के इस आरोप से डॉ. अर्चना आहत हैं। डॉ. अर्चना के चचेरे भाई को पीलिया हो गया था। जिंदगी और मौत से लड़ रहे चचेरे छोटे भाई को देखने के लिए डॉ. अर्चना ने छुट्टी मांगी थी। लेकिन, उन्हें छुट्टी नहीं दी गई बल्की उन्हें प्रियंका वाड्रा के लखनऊ आने पर उनकी सुरक्षा के लिए तैनात कर दिया गया।

धक्का मुक्की की यह खबर सभी प्रमुख मीडिया में  प्रकाशित  होने लगी, जिस का वीडियो फुटेज भी मीडिया के पास था। लेकिन इस वीडियोफुटेज पर कहीं भी  प्रियंका के ‘गला दबाने’ व ‘धक्का देकर गिराने की कोशिश होती नज़र नहीं आयी। वैसे भी जब वीडियो फुटेज था तो  प्रियंका वाड्रा की झूठ चलती भी कहाँ?   कुछ घंटे बाद प्रियंका को अपनी इस भूल का एहसास हुआ होगा और उन्होंने पुलिस कर्मी पर लगाए हुए आरोप वापस ले लिया । यह भी अच्छा हुआ की प्रियंका वाड्रा और बेइज्जत होने से बच गयी

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