अध्यात्म

शनि की साढ़े साती से बचने के लिए करें यह उपाय, होगा हर कष्टों का अंत

कुंडली में शनि की साढ़े साती (Shani Sade Sati) शुरू होते ही जातक के जीवन में परेशनियां आने लग जाती हैं और हर काम असफल होने लग जाता है। इसलिए शनि की साढ़े साती शुरू होने पर इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए और इसके प्रकोप से बचने के उपाय करते रहने चाहिए। पंडितों और ज्योतिषियों के अनुसार शनि साढे साती शुरू होने पर शनि देव की पूजा करना सबसे उत्तम होता है और जो लोग शनिदेव की पूजा करते हैं उन लोगों पर साढे साती का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है।

तीन चरणों पर जातक पर पड़ता है साढ़े साती का असर

शनि की साढ़े साती

शनि की साढ़े साती (Shani Sade Sati) का प्रभाव तीन चरण में पड़ता है। पहले चरण में शनि की साढ़े साती जातक के रिश्तेदारों और जातक को प्रभावित करती है। दूसरे चरण में जातक के करियर या व्यापार और गृहस्थी पर इसका प्रभाव पड़ता है और अतिंम चरण में जातक के स्वास्थ्य पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव पड़ता है।

रावण भी डरता था साढे साती से

पुराणों के अनुसार रावण ने साढे साती से बचने के लिए शनि देव को अपना कैदी बना लिया था और शनि देव को कई सालों तक उलटा लटका कर रखा था। ताकि शनि देव की वक्र दृष्टि रावण पर न पड़े। हालांकि हनुमान द्वारा जब लंका को पूरी तरह से जला दिया गया था। तब शनि देव रावण की कैद से आजाद हो गए थे। जिसके साथ ही शनि देव की वक्र दृष्टि रावण पर पड़ गई थी और रावण का विनाश हो गया था। इसलिए शनि की साढ़े साती से हर कोई डरता है और इससे बचने के लिए लोग कई तरह के उपाय किया करते हैं। अगर आपकी कुंडली में भी शनि की साढ़े साती (Shani Sade Sati) शुरू हो गई है तो आप घबराएं नहीं और नीचे बताए गए उपायों को करें। इन उपायों को करने से शनि देव की वक्र दृष्टि से आपकी रक्षा होगी।

शनि की साढ़े साती के उपाय (Shani Sade Sati)

शनि की साढ़े साती

करें हनुमान जी की पूजा

रावण की कैद से हनुमान जी द्वारा शनिदेव को आजाद करवाया गया था। जिसके बाद शनि देव ने हनुमान जी से ये वादा किया था कि जो लोग भी हनुमान जी की पूजा करेंगे मैं जीवन में कभी भी उनको तंग नहीं करुंगा। इसलिए ऐसा माना जाता है कि जो लोग हनुमान जी की पूजा करते हैं उनपर शनि की वक्र दृष्टि नहीं पड़ती है। इस तरह से करें हनुमान जी की पूजा:-

तेल का दीपक जलाएं

कुंडली में साढ़े साती (Shani Sade Sati) शुरू होने पर मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें। हनुमान जी की पूजा करते समय इनके सामने तेल का दीपक जलाएं और इन्हें काले तिल अर्पित करें। ऐसा करने से साढ़ेसाती के प्रकोप से आपकी रक्षा होगी।

हनुमान चालीसा पढ़ें

हनुमान चालीसा पढ़ने से भी साढ़ेसाती (Shani Sade Sati) से बचा जा सकता है। इसलिए शनिवार के दिन हनुमान चालीसा जरूर पढ़ें। हनुमान चालीसा पढ़ने के अलावा आप चाहें तो सुंदरकाड भी पढ़ सकते हैं।

करें काली चीजों का दान

शनि की साढ़े साती

शनिवार के दिन काली चीजों का दान करने से भी शनि की साढ़े साती से रक्षा होता है। शनि की साढ़े साती (Shani Sade Sati) शुरू होने पर हर शनिवार के दिन सुबह स्नान करें और काली वस्तु जैसे काली दाल, तिल, कंबल का दान करें। दरअसल काले रंग को शनिदेव से जुड़ा हुआ माना जाता है। इसलिए शनिवार के दिन काली चीजों का दान करना उत्तम माना गया है। काली चीजों का दान करने से यह ग्रह शांत हो जाता है और यह ग्रह टल जाता है।

सरसों के तेल का दान करें

शनि की साढ़े साती

मान्यता के अनुसार जब शनि देव को रावण की कैद से हनुमान जी ने रिहा करवाया था। उस समय शनि देव पीड़ा से बुरी तरह से ग्रस्त थे। शनि देव को पीड़ा में देख हनुमान जी ने उनके शरीर की मालिश सरसों के तेल से की थी और सरसों के तेल से मालिश करने से शनि देव की पीड़ा खत्म हो गई थी। जिसके बाद शनि देव ने हनुमान जी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा था कि जो लोग सरसों के तेल का दान करेंगे और मेरी पूजा करते हुए मुझे सरसों का तेल अर्पित करेंगे, मैं उन लोगों को कभी भी कष्ट नहीं दूंगा।

इसलिए आप शनिवार के दिन गरीब लोगों को तेल का दान करें और शनि देव की पूजा करते हुए उनको सरसों का तेल जरूर चढ़ाएं।

गरीबों को खाना खिलाएं

शनि की साढ़े साती

शनिवार के दिन तली हुई चीजें जैसे पुरी और हलवा गरीब लोगों को खिलाएं। क्योंकि तली हुई चीजें गरीब लोगों को खिलाने से शनि की साढ़े साती से रक्षा होती है।

अंगूठी पहने

शनि की साढ़े साती से बचने के लिए घोड़े की नाल की अंगूठी जरूर पहने। घोड़े की नाल से बनीं अंगूठी धारण करने से शनि ग्रह की व्रक दृष्टि का प्रभाव जीवन पर नहीं पड़ता है। आप इस अंगूठी को शनिवार के दिन दाएं हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करें और शनि देव के नाम का जाप करें।

तांबे का बर्तन दान करें

शनि की साढ़े साती

तांबे की धातु से बनें बर्तन का दान करने से भी यह ग्रह शांत रहता है। शनिवार के दिन सुबह स्नान करके शनिदेव की पूजा करें। पूजा करने के बाद तांबे के बर्तन में सरसों का तेल भर दें और इस बर्तन को किसी गरीब व्यक्ति को दान कर दें।

करें इन मंत्रों का जाप

शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करते समय नीचे बताए गए मंत्रों का जाप जरूर करें। इन मंत्रो का जाप करने से शनिदेव शांत हो जाते हैं और आपको किसी भी प्रकार कष्ट नहीं पहुंचाते हैं।

पहला मंत्र

ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।

दूसरा मंत्र

ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:

तीसरा मंत्र

मंत्र- ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।

चौथा मंत्र

कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।

पांचवा मंत्र

शनि का तंत्रोक्त मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:

ऊपर बताए गए सभी उपाय बेहद ही कारगर साबित होते हैं और इन उपायों को करने से शनि की साढ़े साती (Shani Sade Sati) से बचा जा सकता है। इसलिए इन उपायों को आप शनिवार के दिन जरूर करें।

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