स्वास्थ्य

अगर आपको भी दूसरी बार माँ बनने में दिक्कत हो रही है तो कहीं उसकी वजह ये तो नहीं हैं?

माँ बनना हर औरत का सपना होता है। हर महिला के जीवन में एक ऐसा पल आता है जब वह इस सुख को देखती है। हर महिला चाहती है कि वह कम से कम एक बच्चे की माँ बने। लेकिन कुछ महिलाएँ एक से ज्यादा बच्चे चाहती हैं। ऐसे में एक बच्चे के जन्म के बाद वह दुसरे बच्चे के लिए तैयारी करती हैं। लेकिन कुछ महिलाओं को दूसरी बार गर्भधारण में काफी दिक्कतें होती हैं।
कुछ महिलाओं को तो थोड़ी परेशानी के बाद सफलता मिल भी जाती है, लेकिन कुछ को केवल निराशा ही हाथ लगती है। 27-32 साल गर्भधारण के लिए सबसे सही उम्र मानी जाती है। इस उम्र के बाद महिलाओं को गर्भधारण में काफी दिक्कत होती है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो जाने कहीं उसकी वजह ये तो नहीं है।

इन वजहों से हो सकती है गर्भधारण में परेशानी:

*- मोटापा:

पहले बच्चे के जन्म के बाद ज्यादातर महिलाएँ मोटी हो जाती हैं। बच्चे के जन्म के बाद हर महिला अपने शरीर पर ध्यान नहीं दे पाती है, इस वजह से बढ़ा हुआ वजन कम नहीं हो पाता है। इससे उन्हें दूसरी बार गर्भधारण करने में दिक्कत होती है।

*- ज्यादा दवाओं का प्रयोग:

गर्भावस्था के दौरान और बच्चे के जन्म के बाद कुछ महिलाओं को दवाइयों पर ही निर्भर रहना पड़ता है। दवाइयों का उनके शरीर पर बुरा असर होता है। इसकी वजह से भी गर्भधारण करने में दिक्कत होती है। केवल यही नहीं ज्यादा गर्भनिरोधक गोलियों के प्रयोग से भी गर्भधारण करने में दिक्कत होती है।

*- अनियमित ओवुलेशन:

गर्भधारण करने में ओवुलेशन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आपको बता दें पीरियड के बाद दुसरे सप्ताह का समय ओवुलेशन का होता है। इसी समय में शारीरिक सम्बन्ध बनाने से गर्भधारण होता है। पहले बच्चे के जन्म के बाद ओवुलेशन का समय बदल जाता है, जिस वजह से दूसरी बार गर्भधारण करने में दिक्कतें आती हैं।

*- व्यायाम ना करना:

बच्चे के जन्म के बाद माँ का सारा ध्यान बच्चे पर ही रहता है। ऐसे में वह खुद के लिए समय ही नहीं निकाल पाती है। इस वजह से उसकी आदत बदल जाती है और वह योग और व्यायाम नहीं कर पाती है। इसका नतीजा यह होता है कि दूसरी बार गर्भधारण करने में काफी परेशानी होती है।

*- शर्म:

पहले बच्चे के जन्म के कुछ समय बाद जब महिलाएँ दुसरे बच्चे के बारे में प्रयास करती हैं तो उन्हें नाकामी मिलती है। वह इस बारे में डॉक्टर से खुलकर बात भी नहीं कर पाती हैं। जिस वजह से उनकी समस्या जस की तस बनी रहती है। जबकि दूसरी बार गर्भधारण करने के लिए उचित देखभाल और चिकित्सक के सलाह की जरुरत पड़ती है।

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