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नीडलमैन: दुनिया का पहला ऐसा चित्रकार, जो सिलाई मशीन के द्वारा बनाता है खूबसूरत पेंटिंग्स

पूरी दुनिया में ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिनकी पेंटिंग के लाखों-करोड़ों लोग दीवाने हैं. यह चित्रकार रंगों की सहायता से तस्वीर में एक नई जान डाल देते हैं, पर क्या आपने कभी किसी ऐसे चित्रकार के बारे में सुना है जो रंगो या ब्रश से नहीं बल्कि सिलाई मशीन के इस्तेमाल से पेंटिंग बनाता है. आज तक आपने कई चित्रकारों द्वारा बनाई गई तस्वीरें देखी होंगी जो खूबसूरत होने के साथ-साथ अनोखी भी होती हैं, पर आज हम आपको एक ऐसे चित्रकार के बारे में बताने जा रहे हैं जो दुनिया का सबसे अनोखा चित्रकार है. इस चित्रकार को दुनिया का अकेला नीडलमैन कहा जाता है, जो सिलाई मशीन के द्वारा ऐसी खूबसूरत पेंटिंग्स बनाते हैं जिसे देखने के बाद आप भी उनके फैन हो जाएंगे.

इस पेंटर का नाम है अरुण बजाज…. अरुण बजाज पंजाब के पटियाला शहर के रहने वाले हैं. इनकी उम्र 45 वर्ष है. अरुण ने गुरु नानक देव की 550 जयंती से पहले सिलाई मशीन के द्वारा उनकी एक बहुत खास और खूबसूरत पेंटिंग बनाई है. अरुण दुनिया के पहले ऐसे चित्रकार हैं जो सिलाई मशीन के द्वारा तस्वीरें बनाते हैं. अभी तक अरुण सिलाई मशीन के द्वारा बहुत सारी प्रसिद्ध हस्तियों की पेंटिंग्स बना चुके हैं. जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी शामिल है. अरुण ने 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मुलाकात की थी और उन्हें सिलाई मशीन के द्वारा बनाई गई उनकी तस्वीर तोहफे में दी थी. अरुण अपनी इस अनोखी कला से बहुत सारे विश्व रिकॉर्ड भी बना चुके हैं. और उनका नाम “इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड” से लेकर “यूनीक वर्ल्ड रिकॉर्ड” बुक में शामिल है. इसके अलावा “लिम्का वर्ल्ड रिकॉर्ड” में भी और उनका नाम दर्ज किया गया है.

अरुण ने सिलाई मशीन के द्वारा श्री कृष्ण भगवान की एक खूबसूरत पेंटिंग बनाई थी. जिसके लिए उन्हें बहुत सारे पुरस्कार मिल चुके हैं. श्री कृष्ण भगवान की पेंटिंग बनाने में उन्हें 3 साल का समय लगा था और इस पेंटिंग को बनाने में उन्होंने 28 लाख 36 हजार मीटर धागे का इस्तेमाल किया था. उनके द्वारा बनाई गई यह पेंटिंग दुनिया की पहली ऐसी पेंटिंग थी जिसे सिलाई मशीन के द्वारा बनाया गया था. अरुण की जिंदगी की कहानी संघर्षों से भरी हुई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जब अरुण की उम्र 12 वर्ष थी वह तभी से सिलाई का काम कर रहे हैं और उनको सिलाई का काम करते हुए 13 साल हो चुके हैं.

एक इंटरव्यू में अरुण ने बताया कि उनके पिता एक दर्जी थे. जब उनकी उम्र 16 साल थी तभी उनके पिता का देहांत हो गया था. पिता के देहांत के बाद अरुण अपनी पिता की दुकान को संभाल रहे हैं. इसलिए उन्हें अपने स्कूल की पढ़ाई भी छोड़नी पड़ी. अरुण के अनुसार वह एक मशहूर चित्रकार बनना चाहते थे, पर उनके पिता की अचानक मौत की वजह से उनका यह सपना पूरा होने से पहले ही टूट गया, पर उन्होंने अपने अंदर की कला को कभी भी मरने नहीं दिया और आज वह अपनी इस अनोखी कला के द्वारा पूरी दुनिया को अपना दीवाना बना रहे हैं.

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