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जानें क्यों सिर्फ फरवरी के महीने में होते हैं 28 या 29 दिन, इस की कहानी और इतिहास है बेहद ख़ास

फरवरी में 28 दिन क्यों होते हैं? कई लोगों के मन में ये सवाल अक्सर आता रहता है और काफी कम लोगों को ही इस सवाल का असल जवाब पता होता है। दरअसल फरवरी में सिर्फ 28 दिन होने के पीछे एक वैज्ञानिक कारण है। पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा पूरी करने में 365 दिन और 6 घंटे का समय लगता है और हर साल 6 घंटे को कैलेंडर में जोड़ा नहीं जाता है। वहीं चार साल बाद ये 6 घंटे कैलेंडर में जोड़ दिए जाता है और चौथे साल फरवरी महीने में 28 की जगह 29 दिन होते हैं।

आखिर क्यों फरवरी में ही होते हैं 28 दिन?

इस वक्त दुनिया में जिस कैलेंडर का इस्तेमाल किया जाता है वो रोम के लोगों द्वारा बनाया गया है और रोम के लोगों ने ही फरवरी के महीने के अंदर 28 दिनों को रखा है। रोम देश द्वारा कैलेंडर बनाने से कई तरह की कथाएं जुड़ी हुई हैं और कहा जाता है कि रोम के पहले शासक रोमुलुस के दौरान जिस कैलेंडर का इस्तेमाल किया जाता था। वो मार्च से शुरू होकर दिसंबर पर खत्म होता था। यानी इस कैलेंडर में जनवरी और फरवरी का महीना नहीं हुआ करता था।

मार्च से दिसंबर तक का कैलेंडर किस आधार पर उस समय बनाया गया था इसके बारे में जानकारी नहीं है। लेकिन ऐसा कहा जाता है कि मार्च से पहले के समय को कृषियों के लिए अच्छा नहीं माना जाता था। क्योंकि इस समय रोमन के लोग खेती नहीं कर पाते थे। इसलिए मार्च से पहले के समय को रोमन के लोगों द्वारा इतनी अहमियत नहीं दी जाती थी और उन्होंने इस समय को अपने कैलेंडर में नहीं जोड़ा था।

हालांकि जब रोम पर नुमा पोम्पिलियुस द्वारा शासन किया गया तो उन्होंने कैलेंडर को सटीक बनाने का निर्णय लिया और कैलेंडर में दिसंबर के बाद जनवरी और फरवरी के महीने को जोड़ दिया। नुमा पोम्पिलियुस के समय में चांद्र के आधार पर कैलेंडर बनाया गया था। उस समय प्रत्येक चंद्र वर्ष 354 दिन लंबा होता था और बचे हुए दिनों को जनवरी और फरवरी के महीने में जोड़ दिया गया। इस तरह से नए दो महीने कैलेंडर में जोड़ दिए गए और नए महीनों को 28 दिनों का बनाया गया क्योंकि चंद्र वर्ष के हिसाब से 56 दिन बच रहे थे और इन 56 दिनों को भाग कर 28 दिनों के दो महीने बनाए गए ।

28 नंबर होता है अशुभ

रोम के लोग 28 नंबर को अशुभ मनाते हैं और इसी कारण से नुमा पोम्पिलियु ने जनवरी महीने को 29 दिनों का बना दिया। इस तरह से केवल फरवरी महीना ही 28 दिनों का महीना रहे गया और इस महीने को अशुभ माने जाने लगा।

45 BC में बनाया एक और कैलेंडर

45 BC में जुलियस सीजर जब रोम के नए शासक बनें तो उन्होंने एक नया कैलेंडर बनाने का फैसला किया और इस नए कैलेंडर को चंद्रमा की जगह सूर्य के आधार पर बनाया। दरअसल उस समय मिस्त्र का कैलेंडर सूर्य के आधार पर बनता था और इसलिए जुलियस सीजर ने सूर्य के आधार पर  कैलेंडर बनवाया। इस तरह से जो नया कैलेंडर बनाया गया और उसमें हर वर्ष 365 दिन रखें गए और 6 घंटों को फरवरी में जोड़ दिया गया।

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