अध्यात्म

धर्मराज मंदिर में जाकर टल जाती है अकाल मृत्यु, मंदिर में लगती है यमराज की कचहरी

भाई दूज का पर्व इस साल 29 अक्टूबर के दिन आ रहा है और इस दिन हर बहन अपने भाई की कलाई पर मौली का धागा बांधती है और भाई की लंबी आयु की कामना करती है। भाई दूज का पर्व मनाने से एक कथा जुड़ी हुई है और इस कथा के अनुसार यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने के लिए उसके घर गए थे और तब यमुना ने यमराज का स्वागत करते हुए, यमराज की कलाई में लाल धागा बांधा था। जिसके बाद से ये पर्व मनाया जाने लगा।

की जाती है यमराज की पूजा

भाई दूज के दिन यमराज की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इनकी पूजा करने से अकाल मृत्यु टल जाती है। इसलिए भाई दूज के दिन लोग यमराज के मंदिर जरूर जाया करते हैं और यमराज की पूजा करते हैं। ताकि उनकी मृत्यु जल्द ना हो और मृत्यु के बाद उनको स्वर्ग मिल सके।

हिमाचल प्रदेश में यमराज भगवान का एक प्राचीन मंदिर स्थित है। जिसका नाम धर्मराज मंदिर है और इस मंदिर में दूर-दूर से लोग आया करते हैं। यमराज के इस मंदिर में चित्रगुप्त की पूजा भी की जाती है। इस मंदिर के अंदर जो कमरे बनाए गए हैं उनमें से एक कमरा यमराज को समर्पित है और दूसरा चित्रगुप्त को। इन दोनों कक्ष में लोग आकर पूजा करते हैं।

मंदिर में लगती है यमराज की कचहरी

इस मंदिर से जुड़ी मान्यताओं के अनुसार जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उसे यमराज के दूत लेने के लिए आते हैं। जिसके बाद उसकी आत्मा को सबसे पहले इस मंदिर में चित्रगुप्त के कक्ष में ले जाया जाता है। चित्रगुप्त द्वारा आत्मा को उसके कर्म बताए जाते हैं। इसके बाद चित्रगुप्त के सामने वाले कक्ष में आत्मा को भेजा जाता है। जहां पर कचहरी लगती है और इस कचहरी को यमराज की कचहरी कहा जाता है। इस कचहरी के दौरान यमराज मरे हुए व्यक्ति के कर्मों को सुनते हैं और कर्म सुनने के बाद उसके साथ क्या किया जाए ये फैसला करते हैं।

मंदिर में बनें हैं चार दरवाजे

इस मंदिर में चार दरवाजे बनाएं गए हैं जो कि स्वर्ण, रजत, तांबा और लोहे के बने हैं। यमराज का फैसला सुनाए जाने के बाद यमदूत आत्मा को फैसले के आधार पर इन द्वार से स्वर्ग या नर्क लोक में ले जाते हैं। आपको बता दें कि गरुड़ पुराण में भी यमराज के दरबार का जिक्र किया गया है और लिखा गया है कि यमराज का दरबार लगने के बाद आत्मा को स्वर्ग या नर्क लोक भेजा जाता है। इसके अलावा इस पुराण में चार दिशाओं में चार द्वार का भी उल्लेख किया गया है।

कहां है ये मंदिर स्थित

यमराज का ये मंदिर हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के भरमौर नामक जगह पर स्थित है। ये मंदिर एक घर की तरह दिखता है और भाई दूज के दौरान इस मंदिर में खासा भीड़ देखने को मिलती है। ऐसी माना है कि इस दौरान इस मंदिर में जाकर अगर पूजा की जाती है तो आपको मृत्यु के बाद स्वर्ग लोक मिलता है।

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