अध्यात्म

ये है उत्तर दिशा में पैर करके सोने का वैज्ञानिक कारण …

दरअसल घर पर बड़े लोग बोलते हैं इस तरफ पैर करके मत सो इस दिशा में पैर करके आपको नहीं सोना चाहिए इत्यादि। हम उनसे सवाल तो बहुत पुछते हैं कि आखिर क्यों नहीं इस दिशा में पैर रखकर नहीं सोना चाहिए, या इस दिशा में ही क्यों पैर रखने चाहिए। दरअसल यह कोई अंधविश्वास नहीं है यह वैज्ञानिको द्वारा सिद्ध बात है। हम इसलिए आज इसको लिख रहे हैं क्योंकि बहुत से लोग अभी भी इस बात से अनभिज्ञ हैं। आईये तो जानते हैं उत्तर दिशा में ही पैर करके क्यों सोना चाहिए दिक्षिण में क्यों नहीं।

“वास्तु शास्त्र के अनुसार सोते समय पैर को उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए”

ये हैं वैज्ञानिक कारण
1. मनुष्य के सिर सकारत्म उर्जा का स्त्रोत है ,इसे चुम्बकीय उत्तर माना गया है |

2 .जब हम उत्तर में सिर करके सोते हैं तो हमारा सिर और उत्तर दिशा की सकारात्मक उर्जा एक दुसरे का प्रतिरोध [प्रतिकर्षित] करते हैं । वैज्ञानिक मानते हैं कि पृथ्वी का चुंबकीय नोर्थ पोल हमारे सिर के चुंबकीय पोल से मिलकर के एक दूसरे का प्रतिरोध करता है जिससे लोगों की स्मरण शक्ति पर असर पड़ता है।
3.इस प्रतिरोध के फलस्वरूप रात को सोते समय नीद में बाधा उत्पन्न होता है ,नीद गहरी नही होती ,दिन भर हाथ पैर मे दर्द की शिकायत लोग करते हैं ।


4.सनातन धर्म के अनुसार मृतक को उत्तर दिशा में सिर रखकर दरवाजे के पास सुलाने का विधान है।
5.इसलिए उत्तर दिशा में सोने से हमारी प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और बीमार होने की सम्भावना बड जाती है ।

6. दक्षिण की ओर सिर होने से नींद अच्छी आती है। इससे सुबह मन शांत रहता है और तनाव पर नियंत्रण करना आसान होता है।
7.  माँ पार्वती जब स्नान कर रही थी उस समय नवनिर्मित गणेश जी द्वार पर लोगों को अंदर आने से मना कर रहे थे ,भगवान शिव को अंदर आने से मना करने पर भगवान शिव ने गणेश जी सिर काट दिया । माँ पार्वती के आग्रह पर –भगवान शिव ने अपने अनुचर को आदेश दिया कि जो भी इस पृथ्वी पर उत्तर दिशा में सिर करके सो रहा हो उसका सिर काटकर ले आवो ,उस युग में लोग शास्त्र के अनुकूल शयन करते थे इसलिए कोई भी व्यक्ति उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोते नही मिला । अंत में अनुचरों को हाथी का एक बच्चा उत्तर दिशा में सिर करके सोते मिला ,हाथी के उस बच्चे का सिर काटकर भगवान गणेश जी को जीवित किया गया । हाथी के बच्चे का सिर इसलिए कटा क्योंकि वो उत्तर दिशा में सिर करके सो रहा था , कलयुग में क्यों हम शिव जी अनुचरों को अपने घर आमंत्रित करें

8 .इसलिए दक्षिण में सिर करके और उत्तर में पैर करके सोयें इससे भगवान शिव प्रसन्न ही होंगे।
9. शास्त्रों के अनुसार दक्षिण दिसा यमराज की दिशा है। इसी दिशा में यमराज के दूत घूमते हैं और दक्षिण मैं पैर करके सोने से वह हमारी उम्र को कम कर देते हैं।

10. सोते समय पूर्व की ओर पैर नहीं होने चाहिए। इससे जीवन में विभिन्न दोषों का प्रवेश होता है। यह सूर्यदेव की दिशा है। अतः ऋषियों ने इस ओर पैर कर सोना निषिद्ध माना है।

Back to top button