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फ़ैल नहीं रहा चंद्रयान-2 मिशन, 95 प्रतिशत मिली सफलता, जानिये कैसे अब भी सफल है चंद्रयान २ मिशन

भारत के चंद्रयान-2 प्रोजेक्ट को लेकर कल 6 सितंबर पूरा देश बड़ा उत्साहित था. सभी की नजरे चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम पर टिकी हुई थी. हालाँकि चाँद की सतह से सिर्फ 2.1 किलोमीटर की दूरी पर ही इसरो का लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया था. ऐसे में सभी के चेहरे पर निराशा छा गई थी. आम जनता को लगा कि ये मिशन फ़ैल हो गया हैं. लेकिन ऐसा कहना पूरी तरह से सही नहीं होगा. ये मिशन फ़ैल नहीं हुआ हैं. बल्कि इसने 95 प्रतिसत तक सफलता हासिल की हैं. आर्थात लैंडर विक्रम से कांटेक्ट डीसकनेक्ट होने की वजह से मिशन को सिर्फ 5 प्रतिशत नुकसान ही हुआ हैं. बता दे कि भारत ने अपने चंद्रयान 2 की लैंडिंग के लिए आसान नहीं बल्कि मुश्किल रास्ता चुना था. वो चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर उस हिस्से में लैंडिंग करना चाहता था जहाँ अभी ता दुनियां का कोई भी देश नहीं पहुँच सका हैं.

चंद्रयान-2 मिशन में 978 करोड़ रुपए की लागत लगी हैं. यह पैसा व्यर्थ नहीं गया हैं. इसरो के ही एक अधिकारी का कहना हैं कि हमारे मिशन में सिर्फ लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर का ही डैमेज हुआ हैं. यह मिशन का 5 फीसदी नुकसान हैं. हमारे अंतरिक्ष यान का तीसरा खंड ऑर्बिटर अभी भी सही सलामत हैं और चंद्रमा की कक्षा में चक्कर काट रहा हैं.

चुकी ये मिशन एक साल की अवधि का हैं इसलिए यह ऑर्बिटर इसरो को चंद्रमा की कई सारी फोटोज लेकर भेजेगा. इसकी एक और पॉजिटिव बात ये हैं कि यह ऑर्बिटर चंद्रमा के कक्षा का चक्कर लगते हुए संपर्क टूटे लैंडर की तस्वीरें भी ले सकता हैं. इस तरह इसरो को उसकी स्थिति के बारे में और भी कई जानकारी प्राप्त हो सकती हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि चंद्रयान-2 तीन खण्डों से मिलकर बना हैं. इसमें पहला खंड ऑर्बिटर कहलाता हैं जो कि 2379 किलोग्राम का होता हैं और इसमें आठ पेलोड होते हैं. वहीं दूसरा खंड विक्रम हैं जिसका वजन 1471 किलोग्राम और पेलोड चार हैं. अंत में तीसरा खंड प्रज्ञान 27 किलोग्राम का हैं. इसमें दो पेलोड हैं. गौरतलब हैं कि लैंडर विक्रम 2 सितंबर को ही आर्बिटर से अलग हो गया था. इसके बाद ‘रफ ब्रेकिंग’ एवं ‘फाइन ब्रेकिंग’ जैसे चरणों को सफलता से पूर्ण कर वो कल यानी 6 सितंबर को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के चरण की और बढ़ रहा था. हालाँकि ऐसा होने के पहले ही धरती पर मौजोद इसरो का इससे संपर्क टूट गया. वहीं इसरो प्रमुख सिवन के अनुसार फिलहाल इन आकड़ो का विश्लेषण किया जा रहा हैं.

उधर इस मौके पर देश के पीएम नरेंद्र मोदी भी इसरो स्टेशन में मौजूद थे. जब लैंडर विक्रम से संपर्क टूटा तो सभी निराश हो गए थे. ऐसे में मोदीजी ने उनका होसला बढ़ाया और उन्हें निराश ना होने को कहा. मोदीजी का कहना था कि जीवन में उतार चढ़ाव तो आते ही रहते हैं. हम भविष्य में दोबारा प्रयास करेंगे. उधर सोशल मीडिया पर भी देश कि जतना ने इसरो को इस मिशन की बढ़िया देते हुए कहा हैं कि आपका योगदान काफी अच्छा हैं. एक यूजर ने लिखा कि अभी संपर्क टुटा हैं संकल्प नहीं. प्रयास जारी रहेंगे. वहीं बॉलीवुड और राजनीति की तमाम हस्तियों ने भी इसरो का होसला बढ़ाते हुए उनके काम की तारीफ़ की हैं.

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