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अब हर घर की होगी यूनीक आईडी, नहीं कर पायेगा कोई क्राइम!

डिजिटाइजेशन के तहत अब जल्द ही हर घर का एक डिजिटल ऐड्रेस होगा. आप जीपीएस पर किसी भी घर की लोकेशन ढूंढ सकेंगे. इसके तहत सभी घरों को यूनिक डिजिटल नंबर दिया जाएगा. केंद्र सरकार इस योजना की शुरुआत स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कर रही है. सरकार ने इसके लिए बेंगलुरू को सबसे पहले चुना है.

आपके घर को भी एक यूआईडी नंबर मिलेगा :

जिस तरह आधार कार्ड के माध्यम से सबकी एक यूनिक आइडेंटिटी है वैसे ही आपके घर को भी एक यूआईडी नंबर मिलेगा. अब यूनिक डिजिटल नंबरिंग सिस्टम से सभी के घर का एक स्पेशल नंबर दिया जाएगा. जिससे जीपीएस पर हर घर की लोकेशन पता चल जाएगी, शहर के हर घर को 8 अक्षर का एक कोड दिया जाएगा जिसे स्टेंडर्डाइज्ड डिजिटल ऐड्रेस नंबर कहा जायेगा और ये आपके आधार कार्ड से सीधे जुड़ा होगा.

डिजिटल नंबरिंग सिस्टम लागू होने के बाद सभी ऐड्रेस जीपीएस पर अपने आप टैग हो जाएंगे.  जिन्हें गूगल मैप पर आसानी से देखा जा सकेगा. इसे बंगलुरु से लागू करने के बाद प्रोजेक्ट का दायरा और बढ़ाया जाएगा. इसके तहत खाली पड़ी जमीनों को भी यूनीक नंबर दिया जाएगा ताकि उसके मालिक, टैक्स दायित्व आदि का पता आसानी से लगाया जा सके.

इसके तहत पहले 2 लाख घरों पर इस प्रयोग को किया जाएगा. उसके बाद इसे दूसरे क्षेत्र में ले जाया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के तहत सरकार मझौले शहरों यानी कि 2 टियर सिटीज़ को कवर करना चाहती है. इससे यहां होने वाली पावर सप्लाई, वॉटर सप्लाई के साथ साथ अन्य सुविधाओं की देखरेख करने वाली एजेंसीज को भी सहायता मिलेगी.

इस प्रोजेक्ट को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अप्रूवल मिल चुका है इसके बाद ये 25 लाख घरों का सर्वे कराया जायेगा और उनसे जुड़ी जरूरी जानकारी हासिल की जाएगी, साथ ही सभी घरों और गलियों को नंबर दिए जाएंगे, ठीक वैसे ही जैसे रजिस्ट्रेशन के वक्त गाड़ियों को दिए जाते हैं और सभी को डिजिटल सिस्टम पर डाल दिया जाएगा.

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