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बीच आसमान में खराब हुए हवाई जहांज के इंजन, जमीन पर गिरने के बावजूद बच गए 226 यात्री, जाने कैसे

हवाई यात्रा सभी यात्राओं में सबसे ज्यादा फास्ट मानी जाती हैं. ये हमें हमारे गंतव्य तक बस या ट्रेन की तुलना में काफी जल्दी पहुंचा देती हैं. वैसे तो आमतौर पर हवाई यात्रा को सेफ माना जाता हैं लेकिन सभी यातायात वाहनों की तरह इसमें भी थोड़ा बहुत रिस्क तो रहता ही हैं. हाविया जहांज जमीन से हजारों फीट की उंचाई पर उड़ता हैं. ऐसे में यदि प्लेन में कुछ गड़बड़ी हो जाए तो सीधा नीचे जमीन पर गिरने का खतरा रहता हैं. अब इतनी उंचाई से नीचे आने पर यक़ीनन बचने के चांस ना के बराबर ही होते हैं. यदि आप इतिहास टटोलेंगे तो पाएंगे कि अभी तक इस तरह के कई प्लेन हादसे हो चुके हैं जिसमे लोग अपनी जान गवा देते हैं.

हालाँकि कि Moscow एयरपोर्ट नजदीक जब एक प्लेन के दोनों इंजन खराब हुए और उसने बीच आसमान में अपना नियंत्रण खो दिया तो वो तेज़ी से नीचे जरूर गिरा लेकिन इसमें बैठे 226 यात्रियों की जान बच गई. ये घटना कोई चमत्कार नहीं हैं बल्कि प्लेन उड़ा रहे दो पायलट की समझदारी का नतीजा हैं. दरअसल Ural Airlines Airbus A321 नाम की ये फ्लाईट Moscow से Simferopol की और जा रही थी. इस हवाई जहांज को पायलट Damir Yusupov और को-पायलट Georgy Murzin उड़ा रहे थे. इन लोगो ने Moscow एयरपोर्ट से टेकऑफ किया ही था कि थोड़ी दूर पर जाने के बाद प्लेन के सामने पक्षियों का एक झुंड आ गया. ऐसे में एक पक्षी प्लेन के पहले इंजन के अंदर घुस गया. इस वजह से प्लेन ने अपना संतुलन खो दिया. लेकिन मुसीबत अभी टली नही थी. कुछ ही देर में एक और पक्षी प्लेन के दुसरे इंजन में जा घुस्सा. अब प्लेन के दोनों ही इंजन ठीक से काम नहीं कर रहे थे.

ऐसे में दोनों पायलट ने समझदारी, आत्मविश्वास और हिम्मत दिखाई. उन्होंने प्लेन को इमरजेंसी लैंड करने का निर्णय लिया. इसके लिए उन्होंने जमीन पर एक मक्के का खेत चुना ताकि जब प्लेन लैंड हो तो कम से कम डैमेज हो. इसके बाद दोनों ने खराब इंजन वाले प्लेन को बड़ी ही चतुराई से इस खेत में लैंड किया. गरिमत ये रही कि खेत में हुई इस इमरजेंसी लैंडिंग के बावजूद विमान में बैठे सभी 226 यात्रियों की जान बच गई. हाँ इनमे से 55 यात्रियों को तुरंत मेडिकल सहायता की जरूरत जरूर पड़ी लेकिन उनकी जान नहीं गई.

इस पूरी घटना में सबसे ज्याडा तारीफ़ पायलट की हो रही हैं. विमान में बैठे यात्रियों का कहना हैं कि उन्हें दूसरा जन्म मिला हैं. यदि ये दोनों पायलट डर जाते और कोई सतर्कता या चतुराई ना दिखाते तो इन सभी यात्रियों का बचना नामुमकिन था. प्लेन में खराबी आने पर इसकी सुचना भी पायलट ने संबंधित अधिकारीयों को दे दी थी. वे लोग भी घटना स्थल पर मेडिकल सहायता के साथ तुरंत आ गए. इससे घायल हुए यात्रियों को तुरंत ट्रीटमेंट भी मिल गया. कुल मिलाकर इसमें कोई भी लापरवाही नहीं हुई जो यात्रियों के बचने का मुख्य कारण भी हैं. इस विमान को उड़ा रहे दोनों पायलट्स को हमारा दिल से सलाम.

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