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भारत में बनने वाले 7 हथियार हैं सबसे दमदार, दुनिया भी मानती है इसकी पावर

हथियार के बिना कोई जंग नहीं जीती जाती और किसी विकसित देश के साथ बराबरी करने के लिए हमें उनसे बेहतर बनने की तैयारी करना चाहिए। आज का युग नये भारत का है और यहां बहुत सारी चीजें ऐसी हो गई हैं जिसे दुनिया के कई बड़े देश मानने लगे हैं। हमारे यहां चंद्रयान-2 गया और कई ऐसे फैसले सरकार ले रही है जो देश के हित में है। इसी तरह हम यहां बात उन हथियारों की करेंगे जो भारत में बनने वाले 7 हथियार हैं सबसे दमदार, आपको भी जानना चाहिए इसके बारे में।

भारत में बनने वाले 7 हथियार हैं सबसे दमदार

आजादी के बाद पॉलिसी से लेकर इकोनॉमिक लेवल तक भारत को अपनी नीतियों और प्राथमिकताओं में काफी बदलाव करने पड़ते हैं। आजात होते ही चीन और पाकिस्तान के साथ वॉर ने भारत को डिफेंस के क्षेत्र में कई इनोवेशन करने पर मजबूर कर दिया था। इसके चलते पिछले कुछ सालों में भारत ने मिसाइल से लेकर टैंक तक कई हथियार डेवलप किए हैं जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।

नाग मिसाइल

लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत में बना नाम मिसाइल एंटी टैंक गाइडेड है जो कई मायनों में खास है। ये मिसाइल हमले के बाद खुद को छिपा लेती है और डीआरडीओ की ओर से विकसित इस मिसाइल को बीडीएल की ओर से प्रोड्यूज करते हैं। ये हवा और जमीन में दुश्मन के टैंक को तबाह करने में सक्षम है, इस मिसाइल को विकसित करने में 3 अरब का खर्चा आया था और इसे कंधे से भी लॉन्च किया जा सकता है जो 4 किमी तक दुश्मन को मार सकती है।

धनुष तोप

14 करोड़ रुपये की लागत में बना धनुष तोप बोफोर्स तोप के आधार विकसित किया गया है। हालांकि बाद में इसकी क्षमता को बढा़ दिया गया। 45 कैलिबर गन वाली इस तोप को 38 किमी तक किसी को खत्म किया जा सकता है ये 15 सेकेंड में 3 राउंड फायर करती है।

पिनाक रॉकेट लॉन्चर

5.8 लाख रुपये में बना ये रॉकेट लॉन्चर बहुत ही घातक है। इंडियन आर्मी के लिए इसे डीआरीडीओ ने विकसित किया है और इसके फर्स्ट वर्जन की मारक क्षमता करीब 45 किलोमीटर है और इसकी दूसरे वर्जन की मारक क्षमता 65 किमी है। इसकी मदद से 44 सेकेंड में 12 रॉकेट दागे जाते हैं। एक समय में ये करीब 4 किमी के दायरे पर हमला कर सकती है।

ध्रुव हैलिकॉप्टर

40 करोड़ रुपये में बना ये एक आधुनिक मल्टीपर्पज हैलिकॉप्टर है जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने विकसित किया है। इस समय में इसका इस्तेमाल तीनों सेनाओं के अलावा बीएसएफ में भी किया जाता है। इसे कई देशों में निर्यात किया जाता है और 20 हजार फीट की ऊंचाई के साथ ये एक बार में 800 किमी का सफर तय करता है।

आकाश मिसाइल सिस्टम

करीब एक हजार करोड़ रुपये में बना ये मिसाइल मिडिल रंज से भरपूर है और इसने भारतीय सेना की डिफेंस को काफी मजबूत बना दिया है। ये मिसाइल सिस्टम किसी एयरक्राफ्ट पर 30 किमी का निशाना साध सकता है। इसके साथ ही ये फाइटर जेट, क्रूज मिसाइल और जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल के हमले को नाकाम कर सकती है।

अर्जुन टैंक

55 करोड़ रुपये में बना अर्जुन टैंक DRDO की तरफ से विकसित किया गया है जो दुनिया के कई मजबूत टैंकों का मुकाबला कर सकता है। इस समय सेना की ओर से इसका प्रोडक्शन किया जा रहा है और इसका दूसरा वर्जन भी लॉन्च किया जा चुका है। इसमें 120 एमएम की राइफल लगी है 14000 एचपी के इंजन के साथ ये टैंक किसी भी भारतीय परिस्थिति को मूव करा सकता है।

रिसैट रडार सिस्टम

500 करोड़ रुपये में बना रिसैट यानी रडार इमैजिंग सैटेलाइट भारती रडार सैटेलाइट है। इसे इसरो की ओर से बनाया गया है और सिंथेटिक अपार्चर रडार की मदद से ये हर मौसम में काम करता है। इसके चलते कोई भी विदेशी लड़ाकू विमान और मिसाइल भारत की सीमा में नहीं घुस सकता है।

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