अध्यात्म

तो इस वजह से पूजा-पाठ के समय बांधा जाता है रक्षा सूत्र

मौली को एक पवित्र धागा माना गया है और इसका इस्तेमाल पूजा के दौरान जरूर किया जाता है। पूजा-पाठ करते समय सबसे पहले पंडितों द्वारा कलाई पर रक्षा सूत्र यानी मौली बांधी जाती है। मौली के धागे को बांधते समय पूजा करने से जुड़ा संकल्प भी लिया जाता है और इसे बांधने के बाद ही पूजा शुरू किया जाता है। पूजा के दौरान मौली को क्यों बांधा जाता है? इसकी जानकारी काफी कम ही लोगों को होती है। दरअसल हमारे शास्त्रों में मौली के धागे का जिक्र किया गया है और शास्त्रों में मौली के धागे से जुड़ी दो कथाएं भी बताई गई है।

मौली से जुड़ी कथा

मौली के धागे से दो कथाएं जुड़ी हुई हैं। पहली कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने ये धागा राजा बलि की कलाई में बांधा था। कहा जाता है कि भगवान विष्णु के वामन अवतार ने राजा बलि की अमरता के लिए उन्हें ये धागा बांधा था। जबकि एक अन्य कथा के अनुसार माता लक्ष्मी ने अपने पति की रक्षा हेतु इस धागे को असुरों के राजा बलि को बांधा था। जिसके बाद मौली का धागा प्रचलित हो गया और इसे बांधा जाने लगा।

आखिर क्यों बांधा जाता है मौली का धागा –

मौली के धागे में त्रिदेव और त्रिदेवियों का वास माना जाता है और इस धागे को कलाई पर बांधने से भगवान आपकी रक्षा करते हैं। जिसकी वजह से मौली के धागे को रक्षा सूत्र के नाम से भी जाना जाता है। वहीं इस धागे को बांधने से क्या लाभ जुड़े हुए हैं वो इस प्रकार है-

नकारात्मक शक्ति रहती हैं दूर

मौली के धागे को काफी शाक्तिशाली माना गया है और ऐसा कहा जाता है कि कलाई में ये धागा बंधा होने से नकारात्मक शाक्ति आप से दूर रहती हैं और आपको किसी भी तरह की हानि नहीं पहुंचती है।

शरीर को मिलती है ऊर्जा

मौली का धागा हाथों में बंधा होने से शरीर को ऊर्जा मिलता है और आपका दिमाम हमेशा शांत रहता है और दिमाग में केवल सकारात्मक विचार ही आते हैं। साथ में ही आप तनाव मुक्त भी रहते हैं।

सेहत रहे एकदम सही


मौली का धागा एक प्रकार का रक्षा सूत्र है और हाथ में ये धागा बंधा होने से भगवान आपकी रक्षा करते हैं और कई तरह के रोग आप से दूर रहते हैं। इसलिए आप इस धागे को सदा अपनी कलाई पर बांधे रखें।

किस हाथ में बांधा जाता है मौली –

मौली के धागे को कलाई में बांधा जाता है। पुरुष को ये धागा उनके दायने हाथ में बाधा जाता है। जबकि शादीशुदा महिलाओं को ये धागा बाईं कलाई में बांधा जाता है। वहीं शादी से पहले महिलाओं को ये धागा दायीं कलाई में बांधा जाता है।

कौन सा मौली का धागा होता है सबसे उत्तम

तीन कच्चे धागों से बना मौली का धागा सबसे उत्तम होता है। इसलिए आप वो ही मौली का धागा बाजार से खरीदें जिसमें तीन कच्चे धागे हों। दरअसल कलाई पर तीन रेखाएं होती हैं और ये तीनों रेखाएं ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक होती हैं। शास्त्रों के अनुसार इन रेखाओं में तीन देवियों शक्ति, सरस्वती और लक्ष्मी का भी वास होता है और मौली के तीन धागें इनको दर्शाता हैं।

रक्षा सूत्र बांधने का मंत्र

मौली या रक्षा सूत्र बंधवाते हैं समय आप इस मंत्र का जाप जरूर करें—

येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।

तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।

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