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जीवन में पैसों से ज्यादा सांसों की कीमत होती है, पढ़ें एक धनी सेठ और यमराज की कहानी

एक गांव में रामचंद नाम का एक सेठ रहा करता था और ये सेठ काफी धनी था। रामचंद ने अपने जीवन में केवल पैसे ही जोड़ने का काम किया था और ये कभी भी एक रुपए भी खर्च नहीं किया करता था। रामचंद को देखने से लगता था कि ये बेहद ही गरीब है क्योंकि ये ना अच्छे कपड़े पहनता था और ना ही किसी बड़े घर में रहा करता था। रामचंद की पत्नी रामचंद के कंजूस होने की आदत से काफी परेशान रहती थी और वो अक्सर रामचंद से कहा करती थी कि तुम इस गांव में सबसे अमीर व्यक्ति हो लेकिन तुम कभी भी एक रुपए अपने जेब से नहीं निकलते। ना ही खुद कुछ खरीदते हो और ना ही मुझे कुछ लेने देते हो। मगर अपनी पत्नी की इन सभी बातों का रामचंंद पर कोई भी असर नहीं पड़ता था और वो केवल यही सोचता था कि वो कैसे अपने पैसों को और बढ़ा सके।

एक दिन रात को रामचंद अपने कमरे में सो रहा था तभी रामचंद को एक आवाज आई। रामचंद ने जैसे ही उठकर देखा तो पाया कि उसके सामने यमराज खड़े हैं। यमराज को देखकर रामचंद डर गया और उसने यमराज से पूछा की आप यहां पर क्यों आए हो? यमराज ने रामचंद से कहा कि मैं तुमको लेने के लिए आया हूं। तुम्हारा जीवन अब खत्म हो चुका है। यमराज की बात सुनते ही रामचंद चुप हो गया। थोड़ी देर बाद रामचंद बोला की मेरे पास खूब सारे पैसे हैं, आप मेरे से एक करोड़ रुपए ले लो और उसके बदले में मुझे मेरा जीवन दे दो। लेकिन यमराज ने रामचंद की बात को नहीं माना।

फिर रामचंद ने यमराज के सामने 10 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा और कहा कि आप मेरे से 10 करोड़ रुपए ले लो और मेरे को एक साल जीने के लिए दे दो। मैंने अपनी जिंदगी में कुछ नहीं किया है सिर्फ पैसे ही जोड़े हैं। मैं ये जिंदगी जीना चाहता हूं। लेकिन यमराज ने रामचंद की बात फिर से नहीं मानी।

यमराज को मनाने के लिए रामचंद ने कहा कि आप मेरा सारा धन ले लो और मेरे को एक महीने का जीवन दान दे दो। मगर यमराज फिर भी नहीं मानें। जिसके बाद रामचंद समझ गया कि उसके जीवन का अंत आ चुका है और जो पैसे उसने जोड़कर रखे हैं वो उसके किसी काम के नहीं। रामचंद ने अंत में यमराज से विनती करते हुए कहा कि आप मेरे को बस एक मिनट दे दो मैं अपनी पत्नी को एक पत्र लिखना चाहता हूं । यमराज ने रामचंद की इस बात को मान लिया। रामचंद ने बिना कोई देरी किए अपनी पत्नी को एक पत्र लिखा और अपनी पत्नी से कहा कि उसके पास जितने भी पैसे हैं वो उन पैसों से अपनी जिंदगी को खुलकर जीएं। वो सब करे जो वो करना चाहती है। क्योंकि जिंदगी के अंतिम पलों में पैसों से ज्यादा ये महत्व रखता है कि आपने अपने जीवन को किस तरह से बिताया है। रामचंद ने जैसे ही ये पत्र पूरा किया यमराज ने उसके प्राण ले लिए और उसका निधन हो गया।

रामचंद की इस कहानी से हमें इस बात की शिक्षा मिलती है कि जीवन में पैसे कमाने से ज्यादा ये जरूरी होता है कि आप अपने जीवन के हर पल को जीएं और वो सब करें जो आप करना चाहते हैं। क्योंकि जीवन का कोई भरोसा नहीं है इसलिए आप इसे भरपूर जीएं।

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