विशेष

लोगों के घरों के बर्तन साफ करने वाली इल्मा ने आईपीएस बन कायम की मिसाल

एक छोटे से गांव में रहने वाली इल्मा अफरोज जो कि एक किसान परिवार से आती है उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर यूपीएससी परीक्षा को पास कर 217 वीं  रैंक हासिल की है। इल्मा अफरोज के मुताबिक उनका आईपीएस बनने का सफर इतना आसान नहीं था और इन्होंने आईपीएस बनने के लिए काफी मेहनत की है। मुरादाबाद के कुंदरकी गांव में रहने वाली इल्मा अफरोज के परिवार में उनकी मां और एक भाई है। इल्मा के अनुसार जब ये 14 साल की थी उस दौरान इनके पिता की मौत हो गई थी। पिता की मौत के बाद से इल्मा काफी अकेली हो गई थी। जिस वक्त इनके पिता की मौत हुई थी ये 9 वीं कक्षा में थी। पिता की मौत के बाद घर का खर्चा चलाना काफी मुश्किल हो गया था और इनके घर खर्च की सारी जिम्मेदारी इनकी मां के ऊपर आ गई थी।

स्कॉलरशिप लेकर की पढ़ाई

इल्मा पढ़ाई में काफी तेज थी इसलिए इनको स्कॉलरशिप मिल गई थी और इन्होंने दिल्ली के स्टीफन कॉलेज में दाखिल ले लिया था। इस कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद इनको ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने का मौका मिला और ये अमेरिका चले गई। अमेरिका में जाकर इन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखी। इल्मा ने अपनी कामयाबी के लिए देश का शुक्रिया किया है और कहा है कि देश की और से ही इनको स्कॉलरशिप दी गई थी, जिस कारण इनकी पढ़ाई पूरी हो सकी। वहीं अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ये वापस अपने गांव आ गई और इन्हें अपने देश की सेवा करना का फैसला किया और यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। इल्मा के अनुसार इनके बड़े भाई ने इन्हें  सिविल परीक्षा देने को प्रेरित किया था।

खुद का खर्चा उठाने के लिए इल्मा ने पैसे कमाने के लिए लोगों के घरों में झाडू, पोछा और बर्तन तक साफ किए हैं। साथ में इन्होंने बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाई है । इसके अलावा इल्मा अपने घर का भी पूरा काम किया करती थी और ये खेतों में जाकर गेहूं काटती थी और जानवरों को चारा भी दिया करती थी। इतने सारे काम करने के बाद भी इल्मा ने अपनी पढ़ाई से समझौता नहीं किया और ये समय निकालकर यूपीएससी की तैयारी किया करती थी।

इल्मा के मुताबिक इनके गांव के लोगों और रिश्तेदारों को ऐसा लगता है कि ये एक लड़की हैं और ये कुछ नहीं कर सकती है। लेकिन इल्मा ने इन लोगों की बातों पर ध्यान नहीं दिया और अपनी पढ़ाई जारी रखी।

इल्मा का सपना एक वकील बनने का था लेकिन पैसों के कमी के कारण ये वकील नहीं बन सकी। इल्मा ने बताया कि उनको जीवन में कई बार असफलता मिली। वो एक वकील बनना चाहती थी, मगर स्कॉलरशिप नहीं मिलने के कारण ये कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एडमिशन नहीं ले पाई और इनका वकील बनने का सपना पूरा नहीं हो सका।

उप राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास करने वाले लोगों का सम्मान दिल्ली में उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा किया गया था और अभिनंदन समारोह-2018 के मौके पर इल्मा दिल्ली आई हुई थी। इल्मा के अलावा इनकी मां को भी सम्मानित किया गया है। इल्मा की मां सुहेला अफरोज के अनुसार उनकी बेटी ने खूब मेहनत की है और भगवान ने उसकी सुन ली।

Back to top button