राजनीति

कांग्रेस से कितना अलग है बीजेपी का घोषणा-पत्र? जानिये कौन है जनता की पसंद

देश में चुनावी माहौल है क्योंकि लोकसभा 2019 का दौर शुरु हो चुका है और हर अब देश के अलग-अलग हिस्से में मतदान की लहर है. कोई कांग्रेस के साथ है तो कोई भाजपा की सरकार चाहता है सबका अपना मन है और सबकी अपनी दिलचस्पी है. अभी कुछ दिन पहले ही कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र घोषित किया था जो पिछले हफ्ते खूब सुर्खियों में रहा और अब बीजेपी ने भी अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है जिसमें उन्होंने साल 2014 के घोषणा पत्र से बिल्कुल अलग वादे किए हैं जो शायद ही जनता को समझ आए. कांग्रेस से कितना अलग है बीजेपी का घोषणा-पत्र? इसके साध ही जानिए दोनों दल के नेताओं ने क्या वादे किए हैं.

कांग्रेस से कितना अलग है बीजेपी का घोषणा-पत्र?

लोकसभा चुनाव-2019 के लिए कांग्रेस के बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपना घोषणापत्र जारी कराया है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता और पार्टी के संसदीय बोर्ड के सदस्यों की उपस्थिति में पार्टी ने दिल्ली में घोषणापत्र के बारे में बताया. तो चलिए बताते हैं किस पार्टी का घोषणा पत्र है एक-दूसरे से कितना अलग.

भाजपा ने किसानों के मुद्दे को उठाया और घोषणापत्र में कहा है,’किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाए जाएंगे जिसमें 25 लाख करोड़ रुपये का इनवेस्मेंट होगा. देश के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिया जाएगा. छोटे और खेतिहर किसानों की सामाजिक सुरक्षा के लिए 60 साल की उम्र के बाद पेंशन की योजना दी जाएगी.’ पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत देश के किसानों को सीधे उनके खाते में हर साल 6000 भेजे जाएंगे.

राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में बीजेपी ने ऐलान किया है कि,’हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति केवल हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा विषयों द्वारा निर्देशित की जाएगी. आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को पूरी दृढ़ता से जारी रखा जाएगा. सीआरपीए जवानों को आतंकवादियों का सामना करने के लिए फ्री हैंड दिया जाएगा और ये हमेशा के लिए लागू होगा.

नए भारत की बुनियाद पर की ऐसी घोषणा, ‘सभी बसावटों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) का दर्जा मिलेगा. 50 शहरों में एक मजबूत मेट्रो नेटवर्क बनाया जाएगा. सड़क नेटवर्क विकसित करने के लिए भारतमाला 2.0 द्वारा राज्यों को पूरी तरह से सहायता मिलेगी.’

भाजपा ने बताया कि भारत में साल 2025 तक 5 लाख करोड़ डॉलर और साल 2032 तक 10 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगी. इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में 100 लाख करोड़ रुपए का पूंजीगत इनवेस्ट किया जाएगा. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की क्रेडिट गारंटी की योजना होगी.

कांग्रेस का कुछ ऐसा रहा घोषणापत्र

कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा था, ‘साल 2030 तक गरीबी का नामोनिशान मिटाने के लिये  न्यूनतम आय योजना की शुरुआत की जाएगी, भारत की 20 प्रतिशत गरीब आबादी को हर साल बहत्तर हजार रुपये (72,000) भत्ते के रूप में मिलेंगे. कांग्रेस का लक्ष्य ये होगा कि कोई भी ‘भारतीय परिवार पीछे न छूट जाए.’

कांग्रेस ने टैक्स पर कहा था, ‘जीएसटी 2.0 युग सभी चीजों और सेवाओं पर एक समान होगा, सीमित और आदर्श मापदण्ड के मुताबिक होगा. जीएसटी 2.0 नए व्यवसाय और रोजगार पैदा करते हुए विकास गति को बढ़ाया जाएगा.’ इसके साथ ही एम.एस.एम.ई. को ऋण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर नये संस्थानों (छोटे बैंकों) की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे एम.एस.एम.ई. को ऋण उपलब्ध करवाया जा सके.

कांग्रेस ने आंतरिक सुरक्षा के बारे में ये कहा, कांग्रेस वायदा करती है कि वो सुरक्षा स्थिति पर सर्तक रहेगी और भारत के हर नागरिक और आगंतुक की सुरक्षा को प्राथमिकता देगी. उनकी भावना प्रदान करने तथा कानून व्यवस्था बनाने के लिए, हर संभव प्रयास किया जएगा. विदेश नीति पर कहा कि कांग्रेस दुनिया के किसी भी हिस्से में आतंकवाद का कड़ा विरोध करती है और आतंकवादी गुटों, आतंकवादी घटनाओं और सीमा पार जो भी आतंकवादी हैं उनको समाप्त करने के लिए दूसरे देशों से मिलकर काम करेगी.

कांग्रेस ने शहीदों के बारे में कहा कि कांग्रेस शहीदों के परिवारों को मुआवजे देने की विशेष नीति बनाएगी और इसे लागू करने का वचन देती है. इस नयी नीति में पूर्ण वेतन और भत्ते भी शामिल किए जाएंगे, बच्चों की शिक्षा के लिए धन तथा शहीद परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी और उपयुक्त मौद्रिक मुआवजा शामिल किया जाएगा.

महिलाओं के मुद्दे पर कांग्रेस ने ये वादा किया  कि कांग्रेस 17वीं, लोकसभा के पहले सत्र में और राज्य सभा में, संविधान संशोधन विधेयक पास करवाकर, लोकसभा और राज्य विधान सभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रोवाइ़ कराया जाएगा. केन्द्र सरकार की सेवा नियमों में संशोधन करके केन्द्रीय नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का ऐलान किया जाता है

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