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एक महीने पहले इस घर में हुई थी शादी और अब उठी जवान बेटे की अर्थी, देश की सेवा करते हुए हुआ शहीद

पाकिस्तान की और से रविवार को किए गए सीजफायर के उल्लंघन में हमारे देश का एक जवान शहीद हो गया है। बताया जा रहा है कि पुछं के शाहपुरा सेक्टर में जिस वक्त हरि भाकर अपनी ड्यूटी कर रहे थे उसी दौरान पाकिस्तान की और से लगातार 28 बम फेंके गए।जिसके कारण हरि भाकर शहीद हो गए। हरि भाकर जो कि राजस्थान राज्य के निवासी थे उनकी आयु महज 21 साल की थी और इतनी सी छोटी उम्र में ये हमारे देश की रक्षा कर रहे थे। हाल ही में हरि भाकर के घर से इनकी बहन की डोली भी उठी थी और अब इनके घर में मातम का माहौल बन गया है।

आखिरी दम तक दिया दुश्मनों को जवाब

हरि भाकर जिस जगह पर तैनात किए गए थे उस जगह पर लगातर पाकिस्तान की और से बम फेंके गए थे और इन बमों के कारण ये घायल हो गए। लगातार पाकिस्तान की और से फेंके जा रहे गोलों के बीचे भी हरि भाकर ने पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिया। बताया जा रहा है कि बम से घायल होकर हरि भाकर का एक घुटना टूट गया था। मगर उन्होंने अपने घुटने की परवाह किए बिना पाकिस्तान की सीमा पर गोले दागे और पाकिस्तान के चार सैनिकों को बुरी तरह से घायल कर दिया। महज 21 साल के हरि भाकर ने अपनी आखिरी सांस तक पाकिस्तान का सामना डटकर किया।

फरवरी में हुई थी बहन की शादी

हरि भाकर के घर से हाल ही में उनकी बहन की डोली उठी थी और इनके परिवार में खुशियों का माहौल था। मगर अब इनके घर में मातम का माहौल हो गया और जिस घर से 9 फरवीर को डोली उठी थी, ठीक एक महीने, पांच दिन बाद उस घर से अब हरि भाकर की अर्थी उठाई गई है। बाताया जा का है कि अपनी बहन की शादी करवाने के महज चार दिन बाद ही हरि अपनी ड्यूटी देने के लिए पुंछ रवाना हो गए थे और अपने घर में शादी का माहौल छोड़कर सीमा पर खड़े होकर हमारे देश की हिफाजत दुश्मनों से कर रहे थे।

पाकिस्तान ने दागे  28 गोले

पाकिस्तान की और से रविवार को किए गए सीजफायर के उल्लंघन के बारे में जानकारी देते हुए नायब सूबेदार चैनाराम ने बताया कि शनिवार की शाम से ही पाकिस्तान की और से गोलीबारी की जा रही थी। जिसके बाद भारतीय सेना ने भी इस गोलीबारी का जवाब दिया। पाकिस्तान ने एक ही जगह पर निशाना बनाते हुए करीब 28 गोले फेंक और इन्हीं में से एक गोला दीवार से टकराते हुए हरि के पैर पर जा गिरा। जिसके चलते वो घायल हो गए। वहीं घायल होने के बाद भी हरि ने अपने रॉकेट लॉन्चर को नहीं छोड़ा और पाकिस्तान की सीमा पर गोले दागे जिससे दुश्मन के चार जवान घायल हो गए दिए। गोली दागते दागते हरि बेहोश हो गए और इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।

हरि मकराना तहसील के जूसरी गांव के रहने वाले थे और उनके निधन के बाद सेना ने उनके पार्थिव शरीर को गांव में पहुंचा दिया। हालांकि सबसे पहले इनके पार्थिव शरीर को सम्मान के साथ जयपुर लाया गया और वहां पर इनको सेना द्वारा सम्मान दिया गया। जिसके बाद इनके पार्थिव शरीर को इनके गांव में भेज दिया गया और सोमवार को सैनिक सम्मान के संग इनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

महज 17 साल की आयु में हुए थे भर्ती

शहीद हुए हरि के बचपन के दोस्त ऋषिराज सिंह के अनुसार उनका दोस्त बचपन से ही सेना में शामिल होने चाहता था और ये जब 17 साल 6 महीने 11 दिन के हुए थे तो इन्होंने सेना में भर्ती होने के लिए टेस्ट दिया था। इस टेस्ट को हरि ने बेहद ही आसानी से पास भी कर लिया और साल 2016 ये सेना में शामिल हो गए थे। वहीं इनकी ट्रेनिंग पूरी होने के बाद इनको सबसे पहली पोस्टिंग पुंछ के शाहपुरा सेक्टर में ही मिली थी और इसी जगह पर ये शहीद हुए हैं। हरि के जैसे ही इनके जुड़वा भाई को भी सेना में शामिल होने का जज्बा था और वो भी हाल ही में सेना में शामिल हुआ है। इसके अलावा हरि के जीजा भी एयर फोर्स में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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