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भारत के इन शहरों में मनाई जाती है सबसे अनोखी होली, कम खर्च में आप भी कर सकते हैं यहां का टूर

भारत त्यौहारों का देश है और यहां पर एक के बाद एक त्यौहारों का सिलसिला लगा रहता है. अब सभी होली की तैयारियों में जुटे हैं जो 21 मार्च को है और इस दिन गुरुवार भी है. बहुत से लोगों के लिए एक लंबी छुट्टी जो चार या पांच दिनों के लिए उन जगहों पर जरूर जाइए जहां पर मनाई जाती है सबसे अनोखी होली. वैसे तो हर जगह होली रंगों और खुशियों के साथ खेली जाती है लेकिन भारत में कुछ ऐसी भी जगहें हैं जहां पर रंगों के अलावा भी कुछ दूसरी चीजों के साथ अनोखी और खास होली मनाई जाती है. भारत के इन शहरों में मनाई जाती है सबसे अनोखी होली, इनके बारे आपको जरूर जानना चाहिए और मौका मिले तो इन जगहों पर आप अपने बजट में जा भी सकते हैं क्योंकि यहां पर होली कुछ खास तरीकों से मनाई जाती है.

भारत के इन शहरों में मनाई जाती है सबसे अनोखी होली

हम आपको भारत के उन शहरों के बारे में बताएंगें जहां पर आ भी मजेदार तरीके से होली को सेलिब्रेट किया जाता है और यहां पर होली की धूम में शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से विदेशों से भी लोग यहां पर आते हैं और त्यौहार का लुफ्त उठाते हैं.

मथुरा-वृंदावन

अगर आप अपनी होली को शानदार तरीकों से मनाना चाहते हैं तो मथुरा-वृंदावन जाना बेहतर होगा. यहां पर दुनियाभर से लोग आते हैं और इसका सेलिब्रेशन वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर से शुरु होता है और इस बार 17 मार्च को एक-दूसरे के ऊपर फूल फेंकने से शुरुआत होगी. यहां पर आप दिल्ली से मथुरा लगातार चलने वाली कई ट्रेन से पहुंच सकते हैं. ट्रेन से मथुरा लगबग 2 घंटों में पहुंच सकते हैं और अगर आप बस से जाना चाहते हैं तो 183 किलोमीटर के इस सफर में लगभग 3 घंटे लगेंगे. यहां पर ठहरने के लिए कम से कम 300 से 900 रुपये में अच्छे होटल मिल जाएंगे और 3000 से भी कम के खर्च में मथुरा-वृंदावन में होली मना सकते हैं.

नंदगांव

नंदगांव की लठमार होली के बारे में तो आपने सुना ही होगा. बरसाना की लड्डू होली व लठमार होली जिसने एक बार देखली तो वो हमेशा यहीं पर आना चाहेगा. इस अनोखी होली में शामिल होने के लिए देशभर से लोग आते हैं और यहां पर 15 मार्च से ही उत्सव मनाना शुरु हो जाता है. लठमार होली से दो दिन पहले बरसाना पहुंचना ठीक रहता है क्योंकि इससे आप लड्डू होली का भी आनंद ले सकते हैं. इसमें लोग एक-दूसरे पर लड्डू फेंककर खुशियां मनाते हैं. दिल्ले से बरसाना आने के लिए 9 ट्रेने चलती हैं इसके अलावा बस से इस सफर को तय करने के लिए 4 घंटे लगते हैं. होली को यादगार बनाने के लिए आपको मात्र 3000 रुपये खर्च करते हैं और यहां पर 200 रुपये में आपको ठीक-ठाक कमरे मिल जाएंगे.

पंचिम बंगाल का शांतिनिकेतन

पश्चिम बंगाल में होली को बसंत उत्सव के रूप में मनाया जाता है और यह विश्व भारती यूनिवर्सिटी में खेली जाती है जहां पर छात्र आने वाले सैलानियों के लिए अनोखे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं. इसकी शुरुआत प्रसिद्ध बंगाली कवि और नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर ने की थी. आपको बता दें कि यहां इस कार्यक्रम की शुरुआत 20 मार्च से होगी, अगर इस साल आप होली का त्यौहार पश्चिम बंगाल में एन्जॉय करना चाहते हैं तो आप ट्रेन से जा सकते हैं. लगभग 1400 किलोमीटर के इस सफर में दिल्ली से लगभग 8 लॉन्ग ट्रेन चलती हैं. यहां पर कम खर्च में ठहरने का अच्छा इंतजाम है और शांतिनेकतन में 5000 रुपये में होली को यादगार बनाया जा सकता है.

उदयपुर

होली की पहले शाम पर उदयपुर में खास तरह से होली मनाई जाती है. इसे यहां की शाही होली भी कही जाती है और इस त्यौहार में लोग आग जलातें हैं फिर शाही होली सेलिब्रेट करते हैं. इस दौरान सिची पैलेस में शाही निवास से मानेक चौक तक शाही जुलूस निकाला जाता है और इस जुलूस में घोड़े, हाथी से लेकर रॉयल बैंड शामिल होता है. यहां पर इसके लिए आप ट्रेन या बस से जा सकते हैं. अगर बात करें तो ट्रेन की तो दिल्ली और उदयपुर दोनों स्टेशनों के बीच करीब 13 ट्रेन चलती हैं. अगर आप अपनी टाइमिंग और सुविधा के हिसाब से ट्रेन का चुनाव कर सकते हैं और यहां पर शाही होली देखने के लिए आपको कम से कम 5000 रुपये खर्च करने पडे़ंगे.

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