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कारगिल युद्ध में पाक ने क़ैद कर लिया था भारतीय पायलट नचिकेता को, 8 दिन बाद ऐसे लौटाना पड़ा

पुलवामा हमले के 12 दिन बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान पर एयर सर्जिकल स्ट्राइक करवा दी. इस स्ट्राइक के दौरान भारत सरकार का दावा है कि एयरफोर्स ने जैश-ए-मोहम्मद के कैंप को तबाह कर दिया. अब इससे पाकिस्तान बौखला गया है और वो भारत को धमकी दे रहा है कि भारत तैयार रहे इसका जवाब दिया जाएगा. आज पाकिस्तान दावा कर रहा है कि उसने भारत के दो विमान मार गिराए हैं और 2 भारतीय पायलट भी गिरफ्तार कर लिए हैं. उसके दावों में कितनी सच्चाई इसकी परख होना अभी बाकी है . वहीं 20 साल पहले हुए कारगिल युद्ध में भी पाक ने पकड़ा था एक भारतीय पायलट, क्या आप जानते हैं उस पायलट के बारे में ? जिसने लौटने पर अपनी कहानी बताई थी.

कारगिल युद्ध में भी पाक ने पकड़ा था एक भारतीय पायलट

20 साल पहले कारगिल युद्द के समय पाकिस्तान ने भारत के एक फाइटर पायलट को गिरफ्तार करके सफलता पाई थी. उसका नाम नचिकेता है और इनके दुश्मनों के चुंगल में फंसने और वापस लौटने की कहानी काफी दिलचस्प है. 3 जून 1999 को हुए कारगिल युद्ध के दौरान IAF के फाइटर पायलट के नचिकेता को भारतीय वायु सेना की ओर से चलाए जा रहे है ऑपरेशन सफेद सागर में MIF 27 उड़ाने की जिम्मेदारी दी गई थी.

उस समय उनकी उम्र 26 साल थी और जहां नचिकेता ने दुश्मन के बिल्कुल करीब जाकर 17 हजार फुट से रॉकेट दागे और दुश्मन के कैंप पर लाइव रॉक्ट फायरिंग से हमला किया था. मगर इसी बीच उनके विमान का इंजन खराब हो गया और इसके बाद इंजन में आग लगने से MIG 27 क्रैश हो गया. नचिकेता विमान से सुरक्षित बाहर आ गए लेकिन पाकिस्तान के पास स्कार्दू में फंस गए और ये पाकिस्तान अधिकृत कश्मी POK में स्थित है. इसके बाद पाकिस्तान सेना ने उन्हें शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से टॉर्चर किया.

पाकिस्तानी आर्मी ने उनसे भारतीय आर्मी की जानकारी निकलवाने की कोशिश करने लगी और बहुत मारती थी लेकिन नचिकेता ने उन्हें कुछ भी नही बताया. नचिकेता के मुताबिक उन्हें बुरी तरह पीटा जाता था और उनके प्लेन क्रेश की खबरें इंटरनेशनल मीडिया में आने लगी. पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाया गया और 8 दिनोंके बाद पाकिस्तान आर्मी ने नचिकेता को इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस को सौंपा और इसके बाद नचिकेता को वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत वापस भेजा गया.

वाजपेयी जी ने किया था नचिकेता का स्वागत

उस समय राष्ट्रपति पद पर आर नारायणन और प्रधानमंत्री पद पर अटल बिहारी बाजपेयी मौजूद थे. उन्होने नचिकेता का जोरदार स्वागत किया और कारगिल युद्ध 26 जुलाई 1999 को खत्म हो गया था. आपको बता दें कि वायु सेनाम में उनकी बहादुरी और नचिकेता को वायु सेना मेडल से सम्मानित किया गया. 31 मई 1973 को जन्मे नचिकेता के माता पिता आर के शास्त्री और मां लक्ष्मी शास्त्री है. नचिकेता ने अपनी पढ़ाई दिल्ली में केंद्रीय विद्यालय से की और पूणे के करीब खडकवासला नेशनल डिफेंस एकेडमी में ट्रेनिंग लेकर वायु सेना में भर्ती हो गए. साल 1990 से साल 2017 तक इन्होने एयरफोर्स में अपनी सेवा जी और उनकी रैंक भारतीय वायुसेना में बतौर ग्रुप कैप्टन थी.

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