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बीमार पिता के हाथों विदा होना चाहती थी बेटी, शादी के दिन हो गयी अनहोनी, रिसेप्शन भी हुआ लेकिन

कहते हैं कि मां अपने बच्चों से सबसे ज्यादा प्यार करती है और चाहे कुछ भी हो जाए अपने बच्चों को तकलीफ में नहीं देख सकती. लेकिन एक पिता के प्यार की कोई सीमा नहीं होती. भले ही एक पिता बच्चों को दिखाता नहीं लेकिन वह उनसे सबसे ज्यादा प्यार करता है. एक पिता दिन रात मेहनत करता है ताकि वह अपने परिवार को ऐशो-आराम वाली जिंदगी दे सके. जहां एक मां अपना प्यार जाहिर कर देती हैं वहीं पिता खुलकर अपना प्यार जाहिर नहीं कर पाता. हां, लेकिन अपनी बेटी के प्रति प्यार दिखाने में पिता कभी नहीं हिचकिचाता. बेटियां बाप के जिगर का टुकड़ा होती हैं. एक बाप अपनी बेटी को दिल पर पत्थर रखकर विदा करता है. हर लड़की शादी के बाद अपने पिता के हाथों ही विदा होना चाहती है. ऐसा ही कुछ सपना देख रही थी जोधपुर की रहने वाली रितु. वह अपने पिता के हाथों विदा होना चाहती थी लेकिन उसे क्या पता था कि उसका ये ख्वाब, ख्वाब ही रह जाएगा. रितु के साथ जो हुआ उसकी कल्पना आप सपने में भी नहीं कर सकते.

पिता के हाथों विदा होना चाहती थी बेटी

बता दें, रितु के पिता सुभाषचंद्र कटेवा दो सालों से बीमार चल रहे थे. उन्हें ब्रेन ट्यूमर हो गया था जिसका इलाज चल रहा था. इसी बीच उन्होंने अपनी बेटी की शादी तय कर दी. 22 जनवरी को बेटी की शादी थी लेकिन इसी बीच तबियत बिगड़ने की वजह से उन्हें अस्पताल में एडमिट करना पड़ा. वह अपनी बेटी की शादी देखना चाहते थे इसलिए उन्हें 21 तारीख को झुंझुनूं बख्तावारपुर स्थित घर लाया गया. पापा को देखकर बेटी रो पड़ी और सीने से लिपटकर बोली पापा मुझे आप ही विदा करना. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. जिस दिन रितु की शादी थी उस दिन उसके पिता की मौत हो गयी.

बता दें, घर में इतनी बड़ी अनहोनी होने के बावजूद दोस्तों ने हिम्मत रखने को कहा. घरवालों ने बेटी रितु और उसके ससुरालवालों से  मौत की खबर छुपाकर रखी. दरअसल, 25 जनवरी को ससुरालवालों ने रिसेप्शन रखा था इसलिए उनसे ये बात छुपा कर रखी गयी थी. एक ओर जहां पिता का अंतिम संस्कार हो रहा था वहीं दूसरी और रिसेप्शन का जश्न चल रहा था.

26 जनवरी को जब रितु पगफेरे के लिए अपने मायके गयी तब उसने देखा कि पिता की तस्वीर पर माला चढ़ी है. ये देखते ही उसका ह्रदय चीत्कार उठा और वह चीख-चीख कर रोने लगी. रितु की रुलाई सुनकर सबकी आंखों में आंसू आ गए. अपने पापा के हाथों से विदा होने का ख्वाब रखने वाली रितु के सामने दिवंगत पिता की तस्वीर थी. एक पिता अपनी बेटी की विदाई करने का अरमान अपने दिल में ही रखकर इस दुनिया को अलविदा कह गया.

बता दें, सुभाष जोधपुर में सेटल होना चाहते थे और उन्होंने एक प्लाट भी ले लिया था. सुभाष की पत्नी इन्द्रावती एक स्कूल में अध्यापिका हैं. बेटी एलआईसी में डबल एओ है. बेटा अमित सिंडिकेट बैंक में ब्रांच पीओ है.

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